एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन की हुई लॉन्चिंग, किसानों को होगा लाभ

Share Product प्रकाशित - 01 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन की हुई लॉन्चिंग, किसानों को होगा लाभ

एग्री एम्बुलेंस में मिलेगी खेती-किसानी की हर सुविधा, जानें, इसकी विशेषता और लाभ

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर किसानों को योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचा रही हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन की लॉन्चिंग की गई है। इससे किसानों को लाभ होगा। जैसा कि प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को कृषि यंत्र प्रदान करने में सहायता दे रही है ताकि अधिक से अधिक किसानों तक इसका लाभ पहुंचें। इसके लिए ड्रोन पर भी किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कंप्लीट एग्रीकल्चर ड्रोन सॉल्यूशन एवं एग्री एम्बुलेंस की लांचिंग की है। बताया जा रहा कि इससे किसानों को काफी लाभ होगा और फसलों की उत्पादन लागत में भी कमी आएगी। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा।

कृषि एम्बुलेंस में किसानों को मिलेगी ये सुविधाएं (Agri Ambulance)

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से एग्री एम्बुलेंस की लांन्चिंग हो चुकी है और राज्य के किसानों के लिए ये शुरू कर दी गई है। इस एग्री एम्बुलेंस से किसानों को जो सुविधाएं या लाभ प्राप्त होंगे, वे इस प्रकार से हैं-

  • ये एग्री एम्बुलेंस गांव-गांव में घुमकर किसानों की कृषि संबंधी समस्याओं का निदान करेगी। 
  • एग्री एम्बुलेंस में एग्रीकल्चर लैब की सुविधा भी होगी जिसमें किसान साइल यानि मिट्टी की जांच आदि करा सकेंगे।  
  • इसमें जैविक खाद की उपलब्धता होगी जिससे किसानों को सस्ती दर पर जैविक खाद मिल सकेगा। 
  • एग्री एम्बुलेंस में खेती किसानी के लिए कृषि संबंधी संपूर्ण सुविधा प्राप्त होगी। इससे किसान समय पर फसल उपजा सकेंगे। 

एग्री ड्रोन से आधे घंटे में होगा 4 एकड़ छिड़काव (Agriculture Drone)

एग्री ड्रोन की मदद से किसानों के खेत में कम समय में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि इस ड्रोन के माध्यम से आधे घंटे में करीब 4 एकड़ क्षेत्रफल तक के क्षेत्रफल में आसानी से छिड़काव किया जा सकता है। यदि यही कार्य किसान करें तो उन्हें एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव करने करीब तीन घंटे का समय लगता है। इस ड्रोन मशीन की सहायता से दवा की मात्रा का भी निर्धारण किया जा सकेगा। इस ड्रोन के प्रयोग से किसानों के समय की बचत होगी जिससे उनकी आय बढ़ेगी। बता देंं कि ये मशीन किसान समूह में काम करेगी। इस ड्रोन की सहायता से राज्य के करीब 20 गांवों में दवा, खाद और कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकेगा। 

एग्री ड्रोन के संचालन के लिए समूह के युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

ग्रामीण क्षेत्रों में दवा का छिड़काव करने के लिए किसान समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए समूह के युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे किसानों को समय पर फसलों में कीटनाशक के छिड़काव में मदद मिलेगी। इससे किसान खेती का काम करने के बाद बचे समय में दूसरी आजिविका पर काम कर पाएंगे। इससे युवा किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी होगी। 

किसान की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे अन्य प्रयास

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई अन्य प्रयास भी किये जा रहे हैं। किसानों को खेती के काम के साथ ही पशुपालन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए पशुपालक किसानों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना चला रखी है। इसके तहत किसानों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीद की जाती है। इतना ही नहीं पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री ने गोबर के साथ ही गोमूत्र की खरीद भी शुरू कर दी है। इसके तहत किसानों से 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद की जाएगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही गोधन योजना से किसानों को काफी लाभ हो रहा है। इस योजना के तहत किसानों से गोबर की खरीदी की जाती है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट खाद आदि बनाया जाता है जिससे किसानों को कम दामों पर जैविक खाद उपलब्ध होती है। वहीं सरकार ने 28 जुलाई 2022 से गोमूत्र की खरीदी भी शुरू कर दी है, जिससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। एक तो गोमूत्र बेचकर किसानों की आय होगी वहीं सस्ते दामों पर जैविक कीटनाशक भी उन्हें उपलब्ध हो सकेंगे। 

गोमूत्र से बनाया जाएगा जैविक कीटनाशक

सरकार की ओर से किसानों से गोमूत्र की खरीद करके उससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे, ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके। इसके पीछे उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम करना है, ताकि किसानों का मुनाफा बढ़ सके। बता देें कि निरंतर किए जा रहे रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों के प्रभाव से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग अधिक प्रभावकारी है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का खेती में उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी। वहीं खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। 


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