प्रकाशित - 31 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को खेती-किसानी के काम में आसानी हो, इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से कृषि यंत्र खरीदने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना चला रखी है। इस योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर सहित खेती में उपयोग में आने वाले लगभग सभी प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना का संचालन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से किया जा रहा है।
इसी क्रम में बिहार में किसानों को ग्रामीण क्षेत्र में कृषि यंत्र बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर और हाईटेक हब की स्थापना के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत किसान 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इच्छुक किसान भाई इस योजना में व्यक्तिगत आवेदन करके राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं और कृषि यंत्र बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। कृषि यंत्र बैंक की स्थापना से गांव में किसानों को आसानी से कम दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो जाएंगे। वहीं युवाओं को इससे रोजगार मिलेगा। राज्य के इच्छुक व्यक्ति 31 जनवरी 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र बैंक योजना शुरू की गई है। इसके तहत किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर या कृषि बैंक की खोलने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसमें केवल 20 प्रतिशत पैसा ही किसान को लगाना होगा। गांव में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गांव के छोटे किसानों को कृषि यंत्र बैंक की सहायता से सस्ते में किराये पर खेती के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध कराना है ताकि हर किसान आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से खेती का काम आसानी से कर सकें। कृषि यंत्र बैंक खोलने के लिए खेतीबाड़ी व बागवानी में काम आने वाले कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार किसानों को सब्सिडी दी जा रही है ताकि उन्हें सस्ते में कृषि यंत्र मिल सकें।
बिहार सरकार की ओर से राज्य में अलग-अलग ज़िलों में कस्टम हायरिंग केंद्र/ कृषि यंत्र बैंक को तीन श्रेणियों में रखा है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ये तीन श्रेणियाें के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
राज्य में कृषि यंत्र बैंक/ कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए कुल 150 लक्ष्य जारी किए गए हैं। इसके लिए राज्य के सभी ज़िलों के किसान आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत लाभार्थी व्यक्ति कुल 10 लाख रुपए तक की लागत से कृषि यंत्र बैंक/ कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना कर सकता है, जिस पर लाभार्थी को 40 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 4 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी।
कृषि यंत्र बैंक/ कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए राज्य के प्रगतिशील किसान/ ग्रामीण उद्यमी, जीविका के समूह/ग्राम संगठन/ क्लस्टर फ़ेडरेशन, आत्मा से सम्बंध फ़ार्मर इंट्रेस्ट ग्रूप (FIG), नाबार्ड/ राष्ट्रीयकृत बैंक से सम्बंधित किसान क्लब, Farmer Producer Organization (FPO) एवं स्वयं सहायता समूह के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
प्रत्येक कृषि यंत्र बैंक/ कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए फसल चक्र के अनुसार ट्रैक्टर चलित या स्वचलित जुताई, बुआई, रोपनी, हार्वेस्टिंग एवं थ्रेसिंग की प्रत्येक क्रियाओं का कम से कम एक-एक कृषि यंत्र लेना जरूरी है।
योजना के तहत लाभार्थी व्यक्ति कुल 10 लाख रुपए तक की लागत से कृषि यंत्र बैंक की स्थापना करनी होगी, जिस पर लाभार्थी को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा जो अधिकतम 8 लाख रुपए तक होगा।किन जिलों के किसानों के लिए जारी किए गए हैं लक्ष्य-
कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर से इस वर्ष कुल 160 लक्ष्य जारी किए गए हैं। इन लक्ष्यों के तहत राज्य के अरवल, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीवान, सुपौल, एवं वैशाली ज़िलों के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
योजना के तहत जीविका के समूह/ग्राम संगठन/ क्लस्टर फ़ेडरेशन, आत्मा से संबंधित फ़ार्मर इंट्रेस्ट ग्रूप (FIG), नाबार्ड/ राष्ट्रीयकृत बैंक से संबंधित किसान क्लब, Farmer Producer Organization (FPO) एवं स्वयं सहायता समूह के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
प्रत्येक कृषि यंत्र बैंक के लिए फसल चक्र के अनुसार ट्रैक्टर चलित या स्वचलित जुताई, बुआई, रोपनी, हार्वेस्टिंग एवं थ्रेसिंग की प्रत्येक क्रियाओं का कम से कम एक-एक कृषि यंत्र लेना जरूरी होगा।
राज्य सरकार ने स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु 20 लाख रुपए की लागत तय की है, जिस पर लाभार्थी को 55 PTO HP तक के ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत अधिकतम 3.40 लाख रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। जबकि अन्य यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसमें लाभार्थी को अधिकतम 12 लाख रुपए तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। प्रत्येक कृषि यंत्र बैंक के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के चिह्नित यंत्रों में से कम से कम 3 यंत्रों का क्रय करना आवश्यक होगा।
राज्य सरकार की ओर से राज्य के कुछ चयनित ज़िलों के लिए 21 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु लक्ष्य जारी किए हैं। इसमें औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, गया, कैमूर, नालंदा, नवादा, पटना एवं रोहतास जिले को शामिल किया गया हैं।
योजना के तहत जीविका के समूह/ग्राम संगठन/ क्लस्टर फ़ेडरेशन, आत्मा योजना से संबंधित फ़ार्मर इंट्रेस्ट ग्रूप (FIG), नाबार्ड/ राष्ट्रीयकृत बैंक से सम्बंधित किसान क्लब, Farmer Producer Organization (FPO) एवं स्वयं सहायता समूह के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
बिहार राज्य के इच्छुक व्यक्ति कस्टम हायरिंग सेंटर/कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन 30 दिसंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक कर सकते हैं। योजना में आवेदन के लिए इच्छुक व्यक्ति/ समूह के पास कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण DBT पर पंजीकरण होना जरूरी है। पंजीकरण के बाद किसानों को जो पंजीकरण संख्या मिलेगी। इसकी सहायता से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट http://farmech.bih.nic.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिले के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/ जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
बिहार कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज- कृषि यंत्रों अनुदान योजना के तहत आवेदन के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होती है। इनसें से प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार से हैं
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