Published - 06 May 2022 by Tractor Junction
किसानों को सिंचाई के लिए प्रयोग में आने वाले यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएम कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई है। किसानों को सिंचाई कार्य में आसानी हो इसके लिए उन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र मुहैया कराए जाते हैं। अलग-अलग राज्य सरकारे अपने स्तर पर इस योजना के माध्यम से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती हैं। बिहार और छत्तीसगढ़ में सिंचाई यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। वहीं अन्य राज्यों में वहां के नियमानुसार किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। जैसा कि आज जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। इससे सभी राज्य सरकारें किसानों से बूंद-बूंद जल का उपयोग करने की सलाह दे रही हैं। किसानों को कम पानी में अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की तकनीक पर जोर दिया जा रहा है ताकि पानी की बचत हो और कम पानी में अधिक फसल उगाई जा सकें। इसके लिए सरकार की ओर से पीएम किसान सिंचाई योजना चला रखी है। इसके तहत किसानों को ड्रिप और स्प्रिंंकलर सिंचाई तकनीक के इस्तेमाल पर सब्सिडी दी जा रही है। इन दोनों ही सिंचाई तकनीक से पानी की बचत होती है।
ड्रिप सिंचाई जिसे टपक सिंचाई भी कहते हैं। इस तकनीक में पेड़ पौधों को नियमित जरूरी मात्रा में पानी मिलता रहता है ड्रिप सिंचाई विधि से उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलता है। इस विधि से 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। इस विधि से ऊंची-नीची जमीन पर सामान्य रूप से पानी पहुंचता है। इसमें सभी पोषक तत्व सीधे पानी से पौधों के जड़ों तक पहुंचाया जाता है तो अतिरिक्त पोषक तत्व बेकार नहीं जाता, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होती है। इस विधि में पानी सीधा जड़ों तक पहुंचाया जाता है और आस-पास की जमीन सूखी रहती है, जिससे खरपतवार भी नहीं पनपते हैं।
स्प्रिंकल विधि से सिंचाई में पानी को छिडक़ाव के रूप में किया जाता है, जिससे पानी पौधों पर बारिश की बूंदों की तरह पड़ता है। पानी की बचत और उत्पादकता के हिसाब से स्प्रिंकल विधि ज्यादा उपयोगी मानी जाती है। ये सिंचाई तकनीक ज्यादा लाभदायक साबित हो रहा है। चना, सरसों और दलहनी फसलों के लिए ये विधि उपयोगी मानी जाती है। सिंचाई के दौरान ही पानी में दवा मिला दी जाती है, जो पौधे की जड़ में जाती है। ऐसा करने पर पानी की बर्बादी नहीं होती। इस विधि से पानी वर्षा की बूदों की तरह फसलों पर पड़ता है, जिससे खेत में जलभराव नहीं होता है। जिस जगह में खेत ऊंचे-नीचे होते हैं वहां पर सिंचाई कर सकते हैं। इस विधि से सिंचाई करने पर मिट्टी में नमी बनी रहती है और सभी पौधों को एक समान पानी मिलता रहता है।
पीएम कृषि सिंचाई योजना में आवेदन के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जानकारी हर किसान तक पहुंचाने के लिए आधिकारिक पोर्टल स्थापित किया गया है। आप इस पीएम कृषि सिंचाई योजना पोर्टल के लिंक https://pmksy.gov.in/ पर जाकर आप इस योजना के बारें में पूरी जानकारी लेकर आवेदन भर सकते हैं। पंजीकरण या आवेदन के लिए राज्य सरकारें अपने-अपने प्रदेश के कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन ले सकती हैं। यदि आप योजना में आवेदन करना चाहते हैं तो आप अपने प्रदेश की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन से संबंधित जानकारी ले सकते है। बिहार के किसान कृषि विभाग बिहार की बेवसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/pmksymi/AboutPMKSY.aspx पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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