प्रकाशित - 22 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस बिजनेस के लिए सरकार भी सहायता प्रदान करती है। इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है। इतना ही नहीं आप इस मुर्गी फार्मिंग के व्यवसाय को खोलने या उसे बढ़ाने के लिए बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस बिजनेस के लिए लागत का 75 प्रतिशत तक लोन उपलब्ध कराता है। आप इस बैंक से लोन लेकर आसानी से मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करके काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। गांवों में खेती के साथ मुर्गी पालन का बिजनेस करके काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। मुर्गी पालन आज एक अच्छी कमाई देने वाले बिजनेस के रूप में जाना जाने लगा है। ऐसे में इस बिजनेस को शुरू करके बेतहर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको मुर्गी पालन बिजनेस के लिए आप कहां से लोन प्राप्त कर सकते हैं, कितना लोन मिल सकता है, इस पर कितना ब्याज लगेगा और इस पर कितनी सरकारी सब्सिडी मिलेगी, इन सब बातों की जानकारी दे रहे हैं।
मुर्गी पालन (chicken farming) के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लोन देता है। यह बैंक मुर्गी फार्मिंग व्यवसाय की लागत का 75 प्रतिशत तक लोन प्रदान करता है। केवल 25 प्रतिशत ही पैसा आपको लगाना होता है। ऐसे में आप कुछ पूंजी लगाकर मुर्गी पालन का व्यवसाय कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले बैंक को प्रोजेक्ट बनाकर देना होता है। मान लीजिये आपने 2 लाख रुपए का प्रोजेक्ट बनाकर दिया है और बैंक ने उसे स्वीकृत कर दिया है तो आपको बैंक से 1.50 लाख रुपए की राशि का लोन बैंक से मिल जाएगा। बाकी शेष 50 हजार रुपए की राशि आपको अपनी जेब से खर्च करनी होगी।
यदि आप मुर्गी फार्मिंग बिजनेस का शुरू करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेना चाहते है तो आपको बैंक से 9 हजार मुर्गियों के लिए 3 लाख रुपए का लोन मिल सकता है। वहीं आप इसके लिए अधिकतम 9 लाख रुपए तक का लोन बैंक से प्राप्त कर सकते हैं।
मुर्गी पालन के लिए लोन पर स्टेट बैंक की ओर से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मुद्रा लोन दिया जाता है। इस लोन की ब्याज दर 10.75 प्रतिशत से शुरू होती है। हालांकि रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार समय-समय पर ब्याज दरें परिवर्तित होती रहती है।
मुर्गी फार्मिंग के लिए लोन 3 वर्ष से लेकर 5 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है। यदि आप निर्धारित समय पर लोन नहीं चुकाते तो आपको लोन चुकाने के लिए 6 माह का समय और दिया जाता है। इस तरह आप अपने लिए गए लोन को 5 साल के अंदर चुका सकते हैं।
मुर्गी पालन के लिए सरकार की ओर से सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को 33 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी आप द्वारा बैंक से लिए गए लोन के ब्याज में दी जाती है।
मुर्गी पालन पर लोन के लिए आपको आवेदन करने के लिए स्टेट बैँक ऑफ इंडिया की नजदीकी शाखा से संपर्क करना होगा। यहां आपको बैंक अधिकारी से मिलकर उससे लोन के संबंध में जानकारी लेनी होगी। इसके बाद आपको एक प्रोजेक्ट बैंक को बनाकर देना होगा कि आप मुर्गी पालन पर कितना खर्च आएगा। यदि आपके द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट को बैंक स्वीकृत कर देता है तो आपको लोन की रकम बैंक की ओर से आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
नाबार्ड द्वारा तैयार किए गए मॉडल प्रोजेक्ट के मुताबिक यदि आप मुर्गी पालन बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको पाल्ट्री ब्रायलर फार्मिंग के लिए कम से कम 10 हजार मुर्गियों से इसकी शुरुआत करनी होगी। इसके लिए आपको 4 से 5 लाख रुपए का इंतजाम करना होगा। इसके लिए आपको 75 प्रतिशत तक बैंक लोन मिल जाएगा। बाकी 25 प्रतिशत राशि आपको स्वयं लगानी होगी। इसके लिए आपको बैंक से अधिकतम 27 लाख रुपए तक लोन मिल सकता है।
वहीं आप 10 हजार मुर्गियों से पोल्ट्री लेयर फार्मिंग करना चाहते हैं तो आपको 10 से 12 लाख रुपए की आवश्यकता होगी। इसके लिए आपको आपको बैंक से अधिकतम 40 से लेकर 42 लाख रुपए का लोन मिल सकता है। इसके लिए आप नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विस की सहायता भी ले सकते हैं।
नाबार्ड के मॉडल प्रोजेक्ट के अनुसार ब्रायलर फार्मिंग में आप करीब 70 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको इस बिजनेस में कुल 64 से 65 लाख रुपए तक खर्च हो सकता है। इसमें चूजे की खरीद, दाना, दवाइयां, शेड का किराया या खर्च, इंश्योरेंस, बिजली का बिल आदि शामिल होता है। यदि सारा खर्चा हटा दिया जाए तब भी आप इस बिजनेस से 4 से 5 माह में करीब 15 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।
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