Published - 19 Mar 2022 by Tractor Junction
सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को खेती की लागत कम करने और उनकी आय बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में सरकार की ओर से राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को सुरक्षित खेती अपनाने के उद्देश्य से ग्रीन हाउस निर्माण के लिए 70 प्रतिशत तक सब्सिडी ( Greenhouse subsidy )दी जा रही है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको ग्रीन हाउस निर्माण के सरकार से मिलने वाली सहायता की जानकारी दे रहे हैं।
जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है कि सरकार की ओर से राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके तहत किसानों को 2 से तीन हजार मीटर तक के क्षेत्र में ग्रीन हाउस निर्माण के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस संबंध में राजस्थान के कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि ग्रीन हाउस बनाने के लिए किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। किसानों का चयन लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले इस योजना में ‘पहले आओं पहले पाओं’ के आधार पर किसानों को ग्रीन हाउस हेतु सब्सिडी दी जाती थी। लेकिन पिछले वर्ष से योजना के तहत लॉटरी द्वारा चयनित किसानों को सब्सिडी स्वीकृत की जा रही है।
उपरोक्त योजनाओं के तहत ग्रीन हाउस निर्माण के लिए किसानों को श्रेणी वर्गानुसार सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। कृषि मंत्री के मुताबिक ग्रीन हाउस निर्माण के लिए राज्य के सामान्य श्रेणी के किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी देय है। वहीं लघु, सीमान्त, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को उपरोक्त 50 प्रतिशत सब्सिडी के अलावा 20 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी राज्य योजना से उपलब्ध करवाई जा रही है। इस तरह से लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को ग्रीन हाउस व पॉली हाउस में 70 सब्सिडी दी जा रही है। वर्ष 2022-23 के बजट में अधिसूचित जनजाति क्षेत्रों के किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देने का प्रस्ताव किया गया है।
विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कटारिया ने बताया कि पिछले तीन वर्ष (2018-19 से 2020-21) में विधानसभा क्षेत्र लोहावट में ग्रीन हाउस निर्माण पर किसी भी किसान को सब्सिडी नहीं दी गई। विधानसभा क्षेत्र लोहावट में गत 3 वर्षों के दौरान 5 पत्रावलियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें से एक किसान रावलचन्द पुत्र घेवरचन्द, निवासी-नोसर को शेडनेट हाउस निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति इस वित्तीय वर्ष में जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शेडनेट हाउस का निर्माण कार्य पूरा होने पर किसान को सब्सिडी से लाभान्वित कर दिया जाएगा। अन्य किसानों का लॉटरी प्रक्रिया में नंबर नहीं आने के कारण अनुदान से लाभान्वित नहीं किया गया है।
हरितगृह या ग्रीनहाउस जिसे ग्लासहाउस भी कहा जाता है। यह एक इमारत की तरह होता है जहां पौधे उगाएं जाते हैं। ग्रीनहाउस विभिन्न तरह की आवरण सामग्रियों जैसे कांच या प्लास्टिक की छत और अक्सर कांच या प्लास्टिक की दीवारों के साथ बनी एक संरचना होती है। यह गर्म होता है, क्योंकि सूर्य द्वारा भेजे जा रहे दृश्य सौर विकिरण को पौधों, मिट्टी और भवन के भीतर स्थित अन्य चीजों द्वारा अवशोषित किया जाता है। कांच इस विकिरण के लिए पारदर्शी है। ग्रीनहाउस के भीतर गरम संरचनाएं और पौधे इस ऊर्जा को फिर से अवरक्त में विकीर्ण करते हैं, जिससे कांच आंशिक रूप से अपारदर्शी हो जाता है और वह ऊर्जा ग्रीनहाउस के भीतर कैद हो जाती है। हालांकि, प्रवाह के कारण उष्मा का कुछ नुकसान होता है, लेकिन इससे ग्रीन हाउस के अंदर ऊर्जा (और इस तरह तापमान) में विशुद्ध वृद्धि होती है। गर्म आंतरिक सतहों के ताप से गरम हुई हवा को छत और दीवार द्वारा ईमारत के अंदर बरकरार रखा जाता है। इन संरचनाओं का आकार छोटे से शेड से लेकर बहुत बड़ी इमारतों तक हो सकता हैं।
ग्रीन हाउस और नेटशेड पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन के लिए किसान भाइयों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। वे इस प्रकार से हैं-
राज्य के उद्यानिकी विभाग की ओर से समय-समय पर ग्रीनहाउस के लिए सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। इसके लिए उद्यानिकी विभाग की ओर से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। उसमें आवेदन करके किसान सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ग्रीन हाउस पर सब्सिडी और आवेदन की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के उद्यान विभाग से संपर्क कर जानकारी ले सकते र्हैं।
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