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फसल बीमा योजना: 68000 किसानों को मिलेगा फसल बीमा क्लेम

प्रकाशित - 10 Dec 2024

अगले सप्ताह किया जाएगा बीमा क्लेम का भुगतान, सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा पैसा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) भारतीय किसानों के लिए सुरक्षा कचव का काम कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई की जाती है। आज देश के अधिकांश किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हुए और सरकार का प्रयास सही है कि अधिक से अधिक किसान योजना से जुड़े ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उनके नुकसान की भरपाई की जा सके। 

इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से इस साल खरीफ सीजन में भारी बारिश होने से नष्ट हुई उड़द की फसल के व्यक्तिगत क्लेम करने वाले किसानों को अगले सप्ताह बीमा क्लेम की राशि का भुगतान किया जाएगा। यह राशि प्रदेश के पात्र किसानों के खाते में सीधा ट्रांसफर की जाएगी। जनपद में ऐसे 68000 किसान हैं जिन्हें राज्य सरकार की ओर से फसल बीमा क्लेम की राशि का भुगतान किया जाएगा।

बैमौसमी बारिश से किसानों की इन फसलों को हुआ था नुकसान-

दरअसल यूपी के ललितपुर जनपद के किसानों इस साल खरीफ सीजन में भारी बारिश से उड़द की फसल नष्ट हो गई थी जिसे लेकर किसानों ने व्यक्तिगत क्लेम किया था जिन्हें अगले सप्ताह बीमा राशि का भुगतान करने का निर्णय राज्य सरकार की ओर से लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। बता दें कि इस साल खरीफ सीजन में अगस्त व सितंबर के महीने में भारी बारिश के चलते किसानों को सोयाबीन, मक्का, ज्वार, उड़द, मूंग, तिल आदि फसलो को भारी नुकसान हुआ था। जलभराव व बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर गया था जिससे किसानों की फसलें पानी में डूब कर बर्बाद हो गई थी। सितंबर के महीने में हुई बेमौसमी बारिश से सबसे अधिक नुकसान उड़द व मूंग की फसल को हुआ था जो पककर तैयार हो गई थीं। भारी बारिश के कारण खेतों में काटकर रखी उड़द की फसलें अंकुरित होने लगी थी। वहीं खड़ी फसलें डूब कर खराब हो गई थी।

किन किसानों को मिलेगा फसल बीमा क्लेम-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत फसल नुकसान मुआवजा राज्य के ललितपुर जनपद के उन किसानों को दिया जाएगा जिन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा एप और टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे के भीतर अपनी व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति की शिकायतें दर्ज कराई थीं। इनमें सबसे अधिक नुकसान उड़द की फसल को हुआ जिसकी शिकायतें दर्ज कराई गई थी। नुकसान प्रभावित किसानों ने कृषि विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों से खराब हुई फसलों का सर्वे करके नुकसान की भरपाई कराने की मांग की थी। इस पर कृषि राजस्व व बीमा कंपनी के कर्मचारियों ने बारिश से नष्ट फसलों का सर्वे किया था। जनपद में कार्यरत बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस के कर्मियों ने भी खराब हुई फसलों का सर्वे किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनपद के ऐसे किसानों की संख्या 68,100 है जिन्होंने उड़द की फसल नष्ट होने का व्यक्तिगत क्लेम फसल बीमा कंपनी के टाल फ्री नंबर पर किया था। अब इन 68,100 किसानों को फसल बीमा क्लेम राशि का भुगतान अगले सप्ताह तक किया जाएगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किन खरीफ व रबी फसलों का होता है बीमा-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत खरीफ सीजन की अधिसूचित फसलें जैसे- धान, बाजारा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ, ग्वार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल व कपास और मूंगफली का बीमा किया जाता है। वहीं योजना के तहत रबी सीजन के लिए अधिसूचित फसलें जैसे- गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, इसबगोल, मैथी, मक्का, मसूर फसलों का बीमा किया जाता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कितना देना होता है प्रीमियम-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत रबी व खरीफ की फसलों का बीमा किया जाता है। इसके अलावा बागवानी या व्यवसायिक फसलों का भी बीमा इस योजना में होता है। इस योजना के तहत रबी फसल के लिए किसानों से 1.5 प्रतिशत प्रीमियम और खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम लिया जाता है। इसके अलावा बागवानी या व्यापारिक फसलों के बीमा 5 प्रतिशत की दर से प्रीमियम पर किया जाता है।

योजना के तहत किन दशाओं में मिलता है बीमा क्लेम-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत किसानों को जिन दशाओं या स्थिति में बीमा क्लेम का लाभ दिया जाता है, वे परिस्थितियां इस प्रकार से हैं-

  • फसलों बुवाई या फसल न कर पाने या असफल अंकुरण जोखिम : इसके तहत बीमित क्षेत्र में कम बारिश या प्रतिकूल मौसम या मौसमी दशाओं के कारण बुवाई या पौध रोपण या अंकुरण न होने से हुई हानि से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  • खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक) : सूखा, शुष्क स्थिति या बाढ़, जलप्लावन, व्यापक रूप से कीटों व रोगों के प्रभाव, भूकंप, प्राकृतिक कारणों से आग, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे रोके न जा सकने वाली जोखिमों के कारण उपज नुकसान को आच्छादन करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा आवरण प्रदान किया जाता है।
  • फसल कटाई के बाद नुकसान : यह प्रावधान ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसमी बारिश होने की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर खेत में काटकर व फलाकर या छोटे गट्‌ठरों में बांधकर सुखाने के लिए रखी गई फसलों को फसल कटाई के बाद केवल 14 दिनों की अधिकतम अवधि में हानि होने की स्थिति में संरक्षण प्राप्त है।
  • स्थानीय आपदाएं : योजना के तहत स्थानीयकृत जोखिम या आपदाओं यथा ओलावृष्टि, भूकंप जलभराव, बादल फटने तथा अधिसूचित इकाई या किसी खेत के हिस्से पर बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत किसानों के खेत के स्तार पर बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है। 

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