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अमरूद की खेती पर मिलेगी 60% सब्सिडी, अभी करें आवेदन

प्रकाशित - 22 Oct 2022

जानें, कहां करना है आवेदन और कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत किसानों को ज्यादा कमाई देने वाली फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें बागवानी फसलों के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को अमरूद की खेती के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। बिहार सरकार यहां के किसानों को अमरूद की खेती करने पर 60 हजार रुपए की राशि बतौर सब्सिडी के रूप में दे रही है। इससे किसानों को लाभ होगा। बता दें कि किसान परंपरागत फसलों की खेती के साथ ही फलों और सब्जियों की खेती करें तो उनकी आय बढ़ सकती है। फलों और सब्जी की खेती करके किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार भी अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों की आर्थिक रूप से मदद करती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसानों को बिहार में अमरूद की खेती पर दी रही सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।

बिहार में अमरूद की खेत पर कितनी मिलेगी सब्सिडी

प्रदेश में अमरूद का उत्पादन बढ़ाने को लेकर बिहार सरकार ने किसानों को अमरूद की खेती पर सब्सिडी देने का फैसला किया है। अमरूद की खेती पर यहां के किसानों को सरकार की ओर से लागत का 60 प्रतिशत अनुदान (सब्सिडी) प्रदान की जाएगी। बिहार सरकार की ओर से अमरूद की खेती की लागत एक लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर 60 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान है। इस तरह अमरूद की खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से 60 हजार रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी। यह सब्सिडी किसानाें को एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के तहत दी जा रही है।

अमरूद की खेती पर किस प्रकार किया जाएगा सब्सिडी का भुगतान

अमरूद की खेती में फसल की लागत प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपए निर्धारित की गई है। इस पर विभाग की ओर से 60 हजार का अनुदान देगा। यह अनुदान किसानों को तीन किस्तों में दिया जाएगा। पहले चरण में 60 प्रतिशत यानि 36,000 रुपए, दूसरे चरण में 20 प्रतिशत यानि 12,000 रुपए और तीसरे साल में 20 प्रतिशत यानि 12,000 रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी।

अमरूद की खेती पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कहां करें आवेदन

अमरूद की खेती करने के इच्छुक नए किसान इसके लिए राज्य के आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा इस योजना  के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से संपर्क कर सकते हैं।

अमरूद की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

अमरूद की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन करते समय किसानों को जिन प्रमुख दस्तावेजाें की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं:-

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • खसरा नंबर/बी1/वन पट्टे की प्रति   
  • बैंक विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • आवेदन करने वाले किसान का फोटो
  • किसान का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो।

अमरूद की खेती में कितना है खर्चा और कमाई

अमरूद की खेती में ठीक से फल आने में करीब ढाई से तीन साल का वक्त लगता है। इसके पौधे की रोपाई करने के करीब 2 साल बाद इससे फल मिलना शुरू हो जाता है। जब तक इसके पौधे की सही तरीके से देखभाल करने की आवश्यकता होती है। यदि अमरूद की खेती पर खर्च की बात करें तो एक हेक्टेयर इसकी खेती करने पर करीब 10 लाख रुपए की लागत आती है। इससे हर सीजन में 20 फल का उत्पादन हर पाैधे से लिया जा सकता है। जब पौधा पूर्णरूप विकसित हो जाता है तब दो सीजन में फलों की तुड़ाई करके 25 लाख रुपए तक की कमाई प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इसमें से यदि लागत पर किया गया खर्चा 10 लाख रुपए निकाल दिया जाए तो भी इससे 15 लाख का मुनाफा कमाया जा सकता है। बता दें कि अमरूद पर होने वाला लाभ उत्पादन की तकनीक, देखभाल, किस्म और बाजार भाव पर निर्भर करता है।

अमरूद की इस किस्म को दिया जा रहा है प्रोत्साहन

फलदार पौधों की खेती के तहत विभाग की ओर से अमरूद की लखनऊ--49 किस्म की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस किस्म के अमरूद के एक पौधे से प्रति वर्ष करीब 125 किलोग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं। इस किस्म को सरदार के नाम से भी जाना जाता है। इसके पौधे छोटे होते हैं और पौधों में अधिक शाखाएं निकलती हैं। शाखाएं लंबी होती हैं। इस किस्म के फल आकार में बड़े और खुरदुरी सतह के होते हैं।

 

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