प्रकाशित - 25 Sep 2024
Goat Rearing Farm Scheme : बकरी पालन (Goat Farming) से मिलने वाले लाभों को देखते हुए आज ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहरी क्षेत्रों में भी यह बिजनेस लाभ का सौदा बनता रहा है। आज बहुत से लोग बकरी पालन का काम करके बहुत अच्छा पैसा कमा रहे हैं। बकरी पालन (Goat Farming) से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से बकरी पालन फार्म योजना शुरू की गई है।
खास बात यह है कि इस योजना के तहत बकरी एवं भेड़ पालन फार्म खोलने के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है। राज्य सरकार की इस योजना में आवेदन करके युवा व किसान बकरी पालन या भेड़ पालन फार्म के लिए आवेदन कर सकते हैं। पात्र एवं चयनित लाभार्थियों को बकरी फार्म खोलने के लिए सब्सिडी (Subsidy) दी जाएगी। इतना ही नहीं बकरी पालन के लिए आपको बैंक लोन (Bank Loan) भी आसानी से मिल सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत बकरी व भेड़ फार्म खोलने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना तहत निजी क्षेत्रों में बकरी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के इच्छुक किसान व युवा जो बकरी पालन का काम करना चाहते हैं, वे इस योजना का लाभ इसमें आवेदन करके प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के लिए इस वर्ष कुल 1293.44 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत उत्तम नस्ल की 20 बकरी और एक बकरे, 40 बकरी और 2 बकरा तथा 100 बकरी और 5 बकरे का बकरी पालन फार्म खोलने के लिए सब्सिडी (Subsidy) दे रही है। योजना के तहत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत अनुदान एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवेदन किया जा सकता है। विभाग की ओर से 20 बकरी और एक बकरा फार्म की इकाई लागत 2.42 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 50 प्रतिशत यानी अधिकतम 1.21 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 1.45 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
विभाग की ओर से 40 बकरी और 2 बकरे के फार्म की अनुमानित लागत 5.32 लाख रुपए रखी गई है। इस लागत पर सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2.66 लाख रुपए सब्सिडी (Subsidy) दी जाएगी। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 3.19 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
इसी प्रकार विभाग की ओर से 100 बकरी और 5 बकरे का फार्म खोलने के लिए अनुमानित लागत 13.04 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इस लागत पर सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 6.52 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 60 प्रतिशत यानी अधिकतम 7.82 लाख रुपए की सब्सिडी (Subsidy) मिल सकेगी।
योजना के तहत बकरी के चारे के लिए आवेदक के पास भूमि होना अनिवार्य किया गया है। योजना के तहत 20 बकरी और एक बकरा के लिए किसी प्रकार की चारा भूमि का होना जरूरी नहीं है। वहीं 40 बकरी और 2 बकरा के लिए 50 डिसमिल भूमि होना अनिवार्य है। इसी प्रकार 100 बकरी और 5 बकरा के लिए 100 डिसमिल भूमि चारे के लिए होनी आवश्यक है। योजना के तहत आवेदन करने वाला व्यक्ति यह भूमि लीज पर भी ले सकता है। इसके लिए लाभार्थी को 1000 रुपए के नॉन ज्यूडीशियल स्टाम्प पर सात सालों के लिए लीज होना अनिवार्य है।
यदि आप बिहार राज्य से हैं तो आप राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि यह योजना बिहार सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। योजना के तहत आवेदन के लिए आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
आवेदक के आधार कार्ड की फोटो कॉपी
योजना के तहत बिहार राज्य के इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए विभागीय वेबसाइट state.bihar.gov.in/abh पर दिए गए लिंक पर जाकर आधार संख्या या वोटर कार्ड संख्या से पंजीकृत करना होगा। ऑनलाइन आवेदन पत्र भरते समय सभी जरूरी कागजातों या अनुलग्नकों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। एक आवेदक द्वारा एक आवेदन पत्र भरा जाएगा। यदि आवेदक सरकारी सेवा में हो तो उसका आवेदन मान्य नहीं होगा। लाभार्थियों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। लाभार्थी के चयन में स्व-लागत से बकरी फार्म खोलने तथा बकरी पालन में प्रशिक्षण प्राप्त आवेदक को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुदान की राशि चयनित लाभार्थी को दोनों स्थिति में दी जाएगी। इस योजना से संबंधित और अधिक विशेष जानकारी के लिए संबंधित पशुपालन अधिकारी के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
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