प्रकाशित - 19 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
रबी फसलों की कटाई के बाद खेत खाली हो जाएंगे। ऐसे में खाली खेत में किसान खरीफ की बुवाई से पहले मूंग की खेती (Moong cultivation) करके लाभ कमा सकते हैं। मूंग के भाव बाजार में भी ठीक-ठाक मिल जाते हैं। वहीं कई राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर मूंग की खरीद की जाती है। मूंग उगाना किसानों के लिए अतिरिक्त इनकम का जरिया तो है ही साथ ही इसकी खेती से भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ती है जो अगली फसल के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है, क्योंकि मूंग जैसी दलहनी फसलों की जड़ ग्रंथियों में राइयोबियम नामक जीणाणु पाया जाता है जो खेत की उर्वरक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। इसलिए किसानों के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती काफी लाभकारी हो सकती है।
खास बात यह है कि मूंग की खेती (Moong cultivation) के लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी (Subsidy) का लाभ भी प्रदान किया जाता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से मूंग की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है। जो किसान इस बार रबी फसलों की कटाई के बाद मूंग की खेती करना चाहते हैं, वे योजना के तहत आवेदन करके मूंग के बीजों की खरीद पर सब्सिडी (Subsidy) का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे में राज्य के किसानों को आधी कीमत पर मूंग के उन्नत बीज वितरित किए जाएंगे।
मूंग से हरी खाद भी तैयार की जाती है जो खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाता है। इससे भूमि की सेहत में सुधार होता है जिससे खेत उपजाऊ बना रहता है। मूंग का प्रयोग हरी खाद के रूप में किसान कर सकते हैं। मूंग की फसल (mung bean crop) कटने के बाद शेष बचे इसके अवशेषों को ट्रैक्टर की सहायता से मिट्टी में दबा देना चाहिए जो कुछ दिन बाद खाद में बदल जाता है और यह खाद भूमि को उपजाऊ बनाने में सहायक होती है। यही कारण है कि राज्य सरकार की ओर से मूंग की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
यूपी सरकार की ओर मूंग के बीजों की खरीद पर राज्य के किसानों को लागत की 50 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है। जैसे यदि मूंग के एक किलो बीज का मूल्य 80 रुपए है तो किसान को 40 रुपए में मूंग का बीज दिया जाएगा। इस तरह किसान मूंग के प्रमाणिक उन्नत बीज (Authentic Improved Moong Seeds) आधी कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं। सब्सिडी पर मूंग के बीज प्राप्त करने के लिए राज्य के किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह अनुदान किसानों को दलहन योजना के तहत दिया जाएगा। सब्सिडी की राशि डीबीटी (DBT) के माध्यम से किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए किसान को बीज खरीदने से पहले विभाग की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
यदि आप भी यूपी के किसान है तो आप मूंग की खेती के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) पर मूंग के बीजों की खरीद का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले राजकीय कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल agriculture.up.gov.in पर अपना पंजीकरण करना होगा और यहां से बीज की खरीदारी करनी होगी। जो किसान पूर्व से पंजीकृत है उन्हें दुबारा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
यूपी के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान व हरियाणा में भी किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। यदि बात की जाए हरियाणा की तो इस समय यहां किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए 75 प्रतिशत अनुदान पर इसके बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य के किसान 15 अप्रैल 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए राज्य के किसान, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं।
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