Published - 23 Dec 2021 by Tractor Junction
सरकार की ओर से महिलाओं के लाभार्थ कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनका लाभ देश की महिलाओं को मिल रहा है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों के बराबर काम कर रही है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं प्राइवेट सेक्टर में भी महिलाएं कार्य कर रही हैं। इसके अलावा सरकार भी महिला सशक्तिकरण के तहत कई योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को लाभ प्रदान कर रही है। इन योजनाओं के पीछे सरकार का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है ताकि वे समाज में पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहे। सरकार की ओर से महिलाओं के लिए जो योजनाएं संचालित की जा रही है उनमें से हम आपको खास 5 योजनाओं की जानकारी ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से दे रहे हैं ताकि देश की सभी महिलाएं इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।
समाज कल्याण विभाग की ओर से फ्री सिलाई मशीन देने की योजना उन महिलाओं के लिए शुरू की गई है जो स्वरोजगार कर अपने परिवार का खर्च चलाना चाहती है। जिनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है। इस योजना में विधावा और शारीरिक रूप से विकलांग महिलाओं को सरकार की ओर से फ्री सिलाई मशीन का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके तहत 40 साल से कम उम्र की विधवा / बीपीएल परिवार महिलाओं को इसका लाभ प्रदान किया जाता है। ये योजना देश के कई राज्यों में संचालित की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में भी इस योजना का लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि मुफ्त सिलाई मशीन योजना के माध्यम से देश के हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को बिना किसी शुल्क के सिलाई मशीन उपलब्ध का लक्ष्य सरकार की ओर से रखा गया है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सन 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस खाते खोले जाते हैं। अब तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 1.20 करोड से भी ज्यादा खाता खुल चुके हैं। जिसमें 1,31,639 करोड़ रुपए जमा है। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा 500 रुपए प्रति माह महिलाओं के जनधन खातों में भेजे गए थे। लगभग 20 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत लाभ मिला था। सरकार द्वारा जनधन योजना के अंतर्गत खुले खातों का इस्तेमाल किसी भी सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लाभार्थियों को एलपीजी का कनेक्शन प्रदान किया जाता है। इस योजना का लाभ केवल महिलाएं उठा सकती हैं। आवेदक महिला की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। साथ ही एक ही घर में इस योजना के तहत कोई अन्य एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए। बता दें कि इस योजना का प्रथम चरण वर्ष 2016 में उज्ज्वला योजना 1.0 के नाम से शुरू किया गया था। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में ही हासिल कर लिया गया था। वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में पीएमयूवाई योजना के तहत एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के प्रावधान की घोषणा की गई थी। इन एक करोड़ अतिरिक्त पीएमयूवाई कनेक्शन (उज्ज्वला 2.0 के तहत) का उद्देश्य कम आय वाले उन परिवारों को जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जिन्हें पीएमयूवाई के पहले चरण के तहत शामिल नहीं किया जा सका था।
मोदी सरकार की ओर से सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना को 10 अक्टूबर 2019 को शुरू किया गया था। योजना का उद्देश्य, देश में जितने भी ऐसे परिवार हैं जिनके घरों में गर्भवती महिलाएं है और परिवार वाले उनका अस्पताल का खर्चा उठाने और स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं प्रदान कराने में असमर्थ होते है और कई बार गरीब महिलाओं के बच्चे के जन्म के समय उसे सही सुविधा नहीं मिलने के कारण उसकी मृत्यु तक हो जाती है। इस योजना के तहत सभी गरीब महिलाओं को सरकार द्वारा बच्चे के जन्म के बाद तक मुफ्त सेवाएं प्रदान की जाती हैं और इसी के साथ ही डिलीवरी के समय शिक्षित व ट्रेनेड डॉक्टर व नर्स की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। महिलाओं का सारा खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जाता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को 22 जनवरी 2015 मेें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया। इस योजना के तहत बेटी के माता पिता को बेटी का बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होता है। जिसके अंतर्गत उन्हें बेटी के बैंक अकाउंट खोलने से लेकर 14 वर्ष की आयु तक एक निर्धारित धनराशि जमा करनी होती है। यह बैंक अकाउंट बेटी के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता। इस योजना के तहत बेटी के 18 वर्ष के होने के बाद इस धनराशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है और बेटी के 21 वर्ष पूरा होने के बाद बेटी के विवाह के लिए पूरी धनराशि निकाली जा सकती है।
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