जानें, क्या है कस्टम हायरिंग सेंटर को लेकर राज्य सरकार की योजना और इससे लाभ
किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य को लेकर सरकार की ओर से कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से 10 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इस कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसानों को किराये पर यंत्र दिए जाते हैं ताकि वे अपना खेतीबाड़ी का काम आसानी से निपटा सकें। ये योजना विशेषकर छोटे और कमजोर आय वर्ग वाले किसानों के लिए काफी उपयोगी है। इस समय मध्यप्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जो किसान आर्थिक रूप से सक्षम हैं वे इस योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित कर अन्य किसानों की सहायता कर सकते हैं और साथ ही हायरिंग सेंटर से इनकम भी प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य में खोले जाएंगे 364 कस्टम हायरिंग सेंटर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना प्रत्येक जिले में की जानी है। इसके लिए प्रत्येक जिले में कुल 7 कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना प्रस्तावित है। इस तरह राज्य में कुल मिलाकर 364 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय ने आवेदन मांगे हैं। बैंक ऋण आधार पर कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के इच्छुक व्यक्तियों से ‘ऑन-लाइन आवेदन पत्र कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की ओर से आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व्यक्ति संचालनालय के पोर्टल https://chc.mpdage.org पर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदकों को मिलेगी 40 प्रतिशत सब्सिडी
कृषकों को कृषि क्रियाओं के लिए किराये पर ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराकर सेवाएं देने के उद्देश्य से ये कस्टम हायरिंग सेंटर प्रदेश के सभी जिलों में खोले जाएंगे। प्रत्येक कस्टम हायरिंग केंद्र हेतु आवश्यक ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों के क्रय की लागत पर आवेदकों (सामान्य, अजा एवं अ.ज.जा.) को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपए तक का क्रेडिट लिंक एडेड अनुदान दिया जाएगा। हितग्राही भारत सरकार के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (ए.आई.एफ.) अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे।
आवेदन के साथ जमा करानी होगी धरोहर राशि
प्रत्येक आवेदक को आवेदन हेतु धरोहर राशि रुपए 10000/- बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा करानी होगी। आनलाइन आवेदन के साथ धरोहर राशि के बैंक ड्राफ्ट की केवल स्केन प्रति अपलोड की जाना होगी। बैंक ड्राफ्ट अपने जिले या संभाग के कृषि यंत्री / कार्यपालन यंत्री के नाम से बनाया जाना होगा। बैंक ड्राफ्ट की मूल प्रति अभिलेखों के सत्यापन के समय संबंधित कार्यालय में जमा कराई जानी अनिवार्य होगी।
कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कैसे करें आवेदन
आवेदन दिनांक 1 सितंबर से 12 सितंबर 2022 तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। इच्छुक व्यक्ति संचालनालय के पोर्टल https://chc.mpdage.org पर आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद दिनांक 14 सितंबर 2022 को दोपहर 12.00 बजे संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी भोपाल में कम्प्यूटराईज्ड लॉटरी की जाएगी। लॉटरी में चयनित व्यक्ति को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।
कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग सेंटर की खोलने हेतु आवेदन के समय आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं
- आवेदन करने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड
- आवेदन करने वाले का पैनकार्ड
- बैंक खाता विवरण हेतु बैंक पासबुक की प्रथम पेज कि कॉपी
- ट्रैक्टर की पंजीकरण की कॉपी
- खेत की भूमि के दस्तावेज
कस्टम हायरिंग सेंटर के संबंध में पात्रता और शर्तें
कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के संबंध में पात्रता और शर्तें भी निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार से हैं:-
- योजनांतर्गत हितग्राही को स्वयं के गांव में कृषि फसलों अथवा उद्यानिकी फसलों हेतु कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु अनुदान दिया जाना है। कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से हितग्राही द्वारा कृषकों को कृषि / उद्यानिकी कार्यों हेतु किराए पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवाए दी जानी होंगी।
- कस्टम हायरिंग केंद्र न्यूनतम 10 लाख रुपए तथा अधिकतम 25 लाख रुपए तक की लागत का स्थापित किया जा सकेगा।
- बैंक ऋण के आधार पर केंद्र स्थापित किया जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी।
- अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जाएगा जो हितग्राही द्वारा बैंक-ऋण की पुर्नअदायगी किए जाने के उपरांत हितग्राही के खाते में समायोजित होगा।
- योजनांतर्गत व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ महिला स्व -सहायता समूह / संगठन भी कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु आवेदन कर सकेंगे। समूह / संगठन में जिस श्रेणी के सदस्यों की संख्या अधिक होगी, समूह / संगठन को उसके अनुसार सामान्य, अनुसूचित या जनजाति वर्ग में माना जाएगा। योजनांतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के न्यूनतम 18 वर्ष आयु के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
- कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।
- पूर्व से ही शासकीय अथवा अद्र्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत अथवा अन्य शासकीय योजना से रोजगार हेतु लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।
- योजनांतर्गत कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं उद्यानिकी स्नात्तकों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है।
- एक ग्राम एक परिवार तथा एक समूह / संगठन को केवल एक ही कस्टम हायरिंग केंद्र दिए जाने का प्रावधान है। जिन ग्रामों में पूर्व में केंद्र स्थापित हो चुके है वहां के लिए आवेदन प्रस्तुत न किए जाए। ग्रामों के संबंध में अंतिम निर्णय संबधित कृषि यंत्री कार्यायल द्वारा अभिलेखों के सत्यापन के समय लिया जाएगा।
- जिस ग्राम में केंद्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मतदाता होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता-पिता के नाम पर भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।
- क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी की राशि पर बैंक द्वारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा बैंक की ऋण राशि, जिसमें अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।
- स्वीकृति ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जाएगी तथा ऋण स्थगन अवधि अधिकतम 6 माह रहेगी।
- स्वीकृति किए गए ऋण को 4 वर्ष अवधि के पूर्णरूप से लौटाया नहीं जा सकेगा। इस अवधि के पूर्व हितग्राही द्वारा बैंक ऋण पूर्ण रूप से चुकाने पर हितग्राही को अनुदान की पात्रता नहीं रहेगी। इस स्थिति में बैंक द्वारा अनुदान की राशि शासन को वापस दी जानी होगी।
- योजना के तहत क्रय की गई मशीनों / यंत्रों आदि को ऋण प्रदाय किए गए बैंक के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति/ संस्था को हितग्राही द्वारा अवधि तक विक्रय / रहन अथवा हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा। इसका उल्लंघन किये जाने पर शासन नियमानुसार अनुदान राशि मय ब्याज के वापस करना होगी। राशि वापस न किए जाने की दशा में संपूर्ण राशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जा सकेगी।
- हितग्राही को अनुदान राशि केवल मशीनों / यंत्रों की लागत के आधार पर देय होगी। मशीनों / यंत्रों के रख-रखाव शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि की व्यवस्था आवेदक/हितग्राही को स्वयं करनी होगी।
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