गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए मिलेगा 20 प्रतिशत ब्याज फ्री लोन

Share Product प्रकाशित - 03 May 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए मिलेगा 20 प्रतिशत ब्याज फ्री लोन

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

गन्ना किसानों के लिए एक खुशखबर निकलकर सामने आई है। राज्य सरकार की ओर से गन्ना किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें इस काम के लिए बैंक से 20 प्रतिशत तक ब्याज फ्री लोन (interest free loan) देने का फैसला किया गया है। यह फैसला यूपी सरकार की ओर से राज्य के गन्ना किसानों के लिए हित में लिया गया है। सरकार के इस फैसले से लाखों गन्ना किसानों (sugarcane farmers) को लाभ होगा। उन्हें गन्ने के बेहतर उत्पादन में मदद मिेलेगी। बता दें कि सरकार की ओर से गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है ताकि गन्ना किसानों को इसकी खेती करने में कोई परेशानी नहीं आए। यूपी में करीब 46 लाख किसान है जो गन्ना उत्पादन कार्य में सीधे तौर से जुड़े हुए हैं।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए कितना ब्याज फ्री लोन मिलेगा, सिंचाई यंत्र पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी, इससे गन्ना किसानों को क्या लाभ होगा, लोन के लिए कहां अप्लाई करना होगा आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।

किसानों को सिंचाई यंत्र पर मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy)

गन्ने की फसल को पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में गन्ना किसानों को कम पानी में अधिक उपज मिल सके, इस दिशा में काम किया जा रहा है ताकि पानी की बचत भी हो और उत्पादन भी बेहतर हो। इसके लिए यूपी सरकार की ओर से किसानों को अपने खेत मेें ड्रीप सिंचाई सिस्टम (drip irrigation system) लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। यानि इस सिस्टम को लगवाने के लिए किसान को केवल 10 प्रतिशत ही पैसा खर्च करना होगा। इसके लिए भी किसान, बैंक से लोन ले सकते हैं। इस लोन पर लगने वाले ब्याज का 20 प्रतिशत तक भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

क्या है ड्रिप सिंचाई सिस्टम (Drip Irrigation System)

ड्रीप सिंचाई सिस्टम को टपक प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बूंद-बूंद पानी का उपयोग फसल उत्पादन में होता है। इसमें पेड़-पौधों पर पानी बूंद-बूंद करके लगाया जाता है। इससे पानी की बर्बादी बिलकुल नहीं होती है। इस तकनीक या सिस्टम का उपयोग करके किसान 50 से लेकर 70 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं। इससे कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। ये तकनीक दूर-दूर बोई जाने वाली फसलें जैसे- गन्ना, आम, अमरूद, पपीता आदि फसल के लिए काफी कारगर मानी गई है।  

ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाने से क्या होगा लाभ (Benefits of Drip Irrigation System)

  • ड्रिप सिंचाई सिस्टम के इस्तेमाल से सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी का 95 प्रतिशत तक उपयोग किया जा सकता है।
  • इसके इस्तेमाल से 50 से लेकर 70 प्रतिशत तक जल की बचत की जा सकती है।
  • ड्रिप सिंचाई तकनीक के उपयोग से प्रति हैक्टेयर 50 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
  • इस तकनीक से पानी सीधा पेड़ों की जड़ तक जाता है, इससे फर्टिलाइजर की बचत होती है। इस तकनीक के इस्तेमाल से किसान का फर्टिलाइजर पर होने वाला खर्च कम होगा।
  • इस तकनीक के इस्तेमाल से 30 से 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होगी।
  • इस तकनीक के इस्तेमाल से पौधों की अच्छी ग्रोथ होती है।
  • इस तकनीक का इस्तेमाल समतल भूमि के अलावा ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में बिना लेवलिंग किए भी किया जा सकता है।

प्रति किलोग्राम गन्ना उत्पादन में कितना पानी होता है खर्च

गन्ने की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में गन्ने की फसल को तीन से सात सिंचाई की जरूरत होती है। एक अनुमान के मुताबिक गन्ने की फसल के लिए 1500 से 2500 मिलीमीटर पानी चाहिए होता है। वहीं प्रति किलोग्राम उत्पादन में करीब 1500 से 3000 लीटर पानी की खर्च होता है। ज्यादातर खेतों में नहर, तालाब पोखर, नलकूप व पंपसेट से फसलों की सिंचाई की जाती है। इसमें पानी बहुत अधिक खर्च होता है, जबकि इसके स्थान पर ड्रिप सिंचाई सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे आधे पानी में ही गन्ने का बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है।

गन्ना किसानों को कहां से मिलेगा 20 प्रतिशत ब्याज फ्री लोन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में गन्ना किसानों को 20 प्रतिशत ब्याज फ्री लोन भी दिया जाता है। ये लोन किसानों को चीनी मिल एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का लाभ 90 प्रतिशत से अधिक किसानों को दिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरप्रदेश में गन्ना किसानों के लिए गन्ना विकास कोष बनाने की तैयारियां भी की जा रही हैं। इस कोष के बनने के बाद लघु व सीमांत किसानों को आसानी से लोन मिल सकेगा। इसके तहत गन्ना समितियों में पंजीकृत किसान को ही लोन दिया जाएगा। 

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