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पीएम फसल बीमा योजना : किसानों को किया 15 हजार 800 करोड़ रुपए का भुगतान

प्रकाशित - 05 Jul 2022

149 लाख फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को मिलेगा लाभ

खरीफ फसलों की बुवाई के साथ ही पीएम फसल बीमा योजना शुरू कर दी गई है। इसके तहत किसानों की फसलों का बीमा किया जाएगा जिससे प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसके लिए किसानों को सरल भाषा में बीमा पॉलिसी की जानकारी दी जाएगी। इससे किसानों को लाभ होगा।

इसी बीच राजस्थान सरकार ने फसल बीमा का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। इसके लिए पिछले दिनों को फसल बीमा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने 35 फसल बीमा वाहनों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस वैन कैंपेन द्वारा राज्य के दूरदराज के गांवों एवं ढाणियों तक कृषक बीमा पॉलिसी का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। बता दें कि देशभर में इसके लिए 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह बनाया जाएगा।

किसानों को किया 15 हजार 800 करोड़ रुपए का भुगतान

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत पिछले साढ़े तीन वर्षों में अनावृष्टि तथा अतिवृष्टि के कारण फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 149 लाख फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को करीब 15 हजार 800 करोड़ रुपए से अधिक के फसल बीमा क्लेम वितरित किए गए जिसमें खरीफ 2021 में 39 लाख 56 हजार तथा रबी 2021-22 में 25 लाख कृषक बीमा पॉलिसियों का वितरण किया गया।

किसानों को दी जाएगी फसल बीमा की जानकारी एवं पॉलिसी

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 में गांव-गांव में कैम्प लगाकर पॉलिसी वितरित करने के निर्णय की अभिशंसा करते हुए केंद्र सरकार ने भी पूरे देश में फसल पॉलिसियां वितरण करने का अभियान ‘‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ‘‘ आरंभ करने का निर्णय लिया है। खरीफ 2022 में कुल 284 वाहनों के माध्यम से राज्य के तहसीलों और गांवों में किसानों को फसल बीमा संबंधी जानकारियां दी गई है। सभी जिलों में जिला कलेक्टरों द्वारा 204 फसल बीमा रथों को रवाना किया गया है। वैन के माध्यम से किसानों को सरल भाषा में पॉलिसी की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा किसान पाठशाला के माध्यम से योजना का सभी ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस अभियान के तहत 31 जुलाई तक किसानों को फसल बीमा योजना से जोडऩे के लिए बीमा राशि, बीमित फसलों के प्रकार तथा कुल बीमित क्षेत्र जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी।

यूपी और उत्तराखंड में होगा विशेष प्रचार

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विशेष प्रचार वाहनों के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। यह प्रचार अभियान उत्तराखंड में 7 जुलाई तथा यूपी के अलीगढ़ में 10 जुलाई तक चलाया जाएगा। इस प्रचार का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को योजना के प्रति जागरूक करना है। यह कार्यक्रम 10 जुलाई तक चलाया जाएगा, जिसमें जिले के 150 गांवों तक प्रचार वाहनों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। किसान खरीफ फसलों जैसे धान, बाजरा, अरहर व मक्का फसल के लिए 31 जुलाई तक बीमा करवा सकते हैं।

क्या है पीएम फसल बीमा योजना (Fasal bima yojana)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक रूप जैसे बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखा आदि या कीड़े रोगों से खराब हुई फसल का मुआवजा सरकार की तरफ से दिया जाता है। इसके लिए किसानों को बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है। जिन किसानों का बीमा होता है यदि उनकी फसल खराब हो जाती है तो वह 72 घंटे के अंदर संबंधित बीमा कंपनी को सूचना देकर बीमा कवर का लाभ प्राप्त कर सकता है।

खरीफ की किन फसलों का बीमा करा सकते हैं किसान

खरीफ की फसल में ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर, चना और सोयाबीन के अलावा टिल, धान, कप्स, मोठ और मूंगफली शामिल हैं। किसान खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकेंगे।

फसलों का बीमा कराने से किसानों को क्या है लाभ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसलों की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक बहुत से जोखिमों से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। फसल बीमा योजना से किसानों को बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार की ओर से की जाएगी। इसके लिए किसान को फसल का बीमा कराना होगा।

पीएम फसल बीमा योजना की खास बातें (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)

  • पीएम फसल बीमा योजना को 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था।
  • इस योजना खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों का बीमा किया जाता है। बुवाई के 10 दिन के अंदर बीमा कंपनी को बताना होता है कि आपने किस फसल की बुवाई अपने खेत में की है।
  • किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
  • वार्षिक, वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम दर 5 फीसदी रखा गया है। शेष राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है।
  • इस योजना के तहत 80 फीसदी से ज्यादा राशि सरकार सब्सिडी के रूप में देती है।
  • यदि प्राकृतिक आपदा होने की दशा में हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी की जाती है। इसके लिए किसान को फसल खराब होने के 72 घंटे के दौरान सूचना संबंधित बीमा कंपनी को देनी होती है।
  • फसल बीमा योजना के तहत 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है।
  • खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है।


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