Published - 11 May 2022 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इनका लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार का फोकस किसानों की आय दुगुनी करने पर है। किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों के लिए गोधन न्याय योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों से गोबर की खरीद की जाती है और इस गोबर से जैविक खाद तैयार की जाती है जो खेती में काम में ली जाती है। अभी बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को गोबर खरीद का भुगतान किया है। इस योजना के तहत किसानों को करीब 10.70 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक 15 दिनों में गोबर बेचने वाले किसानों और पशुपालकों को भुगतान किया जाता है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के पशुपालकों, गौठान समितियों तथा महिला समूहों को 15 दिन की राशि का भुगतान 5 मई के दिन किया गया। राज्य के मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की। यह राशि 16 से 30 अप्रैल 2022 के दौरान की गई गोबर खरीदी की है। योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय के तहत खरीद किए गाय गोबर के एवज में 2.34 करोड़ रुपए भुगतान तथा गौठान समितियों को 5.04 करोड़ और महिला समूहों को 3.32 करोड़ रुपए का लाभांश दिया गया।
5 मई को गोबर विक्रेताओं को 2.34 करोड़ रुपए का भुगतान होने के बाद अभी तक इस योजना में 138.56 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया है। वहीं गौठान समितियों को भी अब तक 54.53 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इसके अलावा महिला स्व-सहायता समूहों 35.66 करोड़ रुपए राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री बघेल ने गौठान समितियों को 5.04 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 3.32 करोड़ रूपए के भुगतान किए। इसके बाद यह आंकड़ा बढक़र क्रमश: 59.57 करोड़ एवं 38.98 करोड़ रुपए हो गया है। गौठानों में 15 अप्रैल तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 136.22 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। बता दें कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। महिला समूहों द्वारा 13 लाख 94 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 97 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 925 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला समूह की ओर से गोबर से खाद निर्माण के साथ ही गो-काष्ठ, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्रियों का निर्माण किया जा रहा है। इसके बेचने से महिला समूह को लाभ मिल रहा है। महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 65 करोड़ 54 लाख रुपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 12,013 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 82725 है।
छत्तीसगढ़ के बाद अब यूपी सरकार भी किसानों से गोबर की खरीद करेगी। इस गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहां गोबर की खरीद डेढ रुपए प्रति किलो के हिसाब से की जाएगी। इस गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी। इस परियोजना को मॉडल के रूप में बरेली जिले से शुरू किया जाएगा। यदि यहां ये योजना सफल होती है तो उसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इस योजना से प्रदेश में आवारा घूम रहे पशुओं पर अंकुश लगेगा। लोग गाय पालन शुरू कर देंगे जिससे आवारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी। सरकार का कहना है कि गायों के लिए गौशालाओं व गौ अभ्यारण का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गोबर से बायो सीएनजी गैस बनाई जा रही है। शाहजहांपुर गांव में 90 टन गोबर की क्षमता का बायो गैस प्लांट लगाया गया है। इसे एक निजी कंपनी के सीएसआर फंड से इस प्लांट को वाराणसी स्मार्ट सिटी के सहयोग से लगाया गया है। अभी बीते साल 25 अक्टूबर 2021 को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को इस प्लांट की सौगात दी थी।
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