प्रकाशित - 16 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती की लागत को कम करना जरूरी है। खेती की लागत को कम करने के लिए आवश्यक है कि फसल उत्पादन में लगने वाले खर्च को कम किया जाए। इसके लिए किसान को परंपरागत कृषि यंत्रों की जगह आधुनिक कृषि यंत्र काे अपनाना चाहिए। इन कृषि यंत्रों को खेती की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है। इन यंत्राें की सहायता से किसान कम समय और मेहनत में खेती के काम निपटा सकते हैं। आज के युग में खेती के आधुनिक उपकरण किसान की जरूरत बनते जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही सरकार की ओर से इन कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें सस्ती दर पर आधुनिक कृषि यंत्र प्राप्त हो सकें। वैसे तो खेती में काम आने वाले कई प्रकार के कृषि यंत्र हैं, लेकिन हम यहां ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको खेती में काम आने वाले सिर्फ 5 सबसे महत्वपूर्ण कृषि यंत्राें के बारे जानकारी दे रहे हैं।
खेतीबाड़ी और बागवानी के कामों के लिए ट्रैक्टर एक प्रमुख कृषि यंत्र है। इसकी सहायता से खेती के अनेक काम निपटाए जा सकते हैं। इसके अलावा खेती के काम आने वाले कई यंत्राें को इसके साथ जोड़कर चलाया जा सकता है। ट्रैक्टर एक ऐसी मशीन है जाे खेत की जुताई से लेकर फसल मंडी तक ले जाने के काम आता है। बाजार में अनेक प्रकार के ट्रैक्टर आते हैं। किसानों को ट्रैक्टर खरीदते समय अपनी जरूरत के हिसाब से ट्रैक्टर खरीदना चाहिए। वर्तमान में बाजार में 2 डब्ल्यूडी और 4 डब्ल्यूडी वेरियंट के ट्रैक्टर प्रचलन में हैं। इसके अलावा एचपी और पीटीओ क्षमता के आधार पर भी ट्रैक्टर की श्रेणियां निर्धारित की गई है ताकि किसान अपनी जरूरत के हिसाब से अपने लिए सही ट्रैक्टर का चुनाव कर सकें।
बाजार में अनेक कंपनियों के ट्रैक्टर प्रचलन में हैं। लेकिन हम किसानों की सुविधा के लिए यहां उन ट्रैक्टरों के बारे में ही बता रहे हैं जो किसानों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है। ये ट्रैक्टर इस प्रकार से हैं-
खेत की जुताई के काम आने वाले यंत्राें में आजकल रोटावेटर का इस्तेमाल अधिक होने लगा है। इस यंत्र की सहायता से एक या दो जुताई में ही खेत पूरी तरह फसल बुवाई के लिए तैयार हो जाता है। इस यंत्र को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इस यंत्र की सहायता से अवशेष प्रबंधन का काम भी किया जाता है। रोटावेटर मक्का, गेहूं, गन्ना आदि फसल अवशेषों को हटाने के लिए या इसके मिश्रण के लिए उपयुक्त माना जाता है। रोटावेटर के उपयोग से मिट्टी की सेहत में सुधार होता है। इसके अलावा इसके प्रयोग से खेती की लागत, समय और श्रम आदि की बचत होती है। रोटावेटर को किसी भी प्रकार की मिट्टी की जुताई में प्रयोग किया जा सकता है। रोटावेटर के उपयोग में अन्य यंत्रों की अपेक्षा 15% से 35% तक ईंधन की बचत होती है।
बाजार में कई प्रकार के रोटावेटर आते हैं। इनमें से जिन रोटावेटर को किसान ज्यादा पसंद करते हैं, वे इस प्रकार से हैं।
सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन को 35 एचपी से ऊपर के ट्रैक्टर के साथ जोड़कर बेहतर तरीके से चलाया जा सकता है। इस मशीन की सहायता से किसान एक साथ कई कतारों में बीजों की बुवाई कर सकता है। यह मशीन बीज को मिट्टी के अंदर गहराई पर बो सकती है। इस मशीन से खेतों में बीज और उर्वरक को एक निश्चित अनुपात में एक साथ बोया जा सकता है। इस मशीन की मदद से किसान कम समय और मेहनत में बीजाें की बुवाई कर सकते हैं।
बाजार में कई प्रकार के सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन आती हैं। इनमें से जिन सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन को किसान ज्यादा खरीदना पसंद करते हैं, वे इस प्रकार से हैं।
स्प्रेयर मशीन एक ऐसा ख़ास कृषि उपकरण है, जिसकी मदद से किसान लिक्विड खाद और कीटनाशक का छिड़काव आसानी से अपने खेतों में कर सकते हैं। इस मशीन से किसान खुद ही स्प्रे कर सकते हैं। इस मशीन की मदद से किसान अपने समय और श्रम की बचत कर सकते हैं। आजकल बाज़ार में कई तरह के स्प्रेयर मौजूद हैं। कुछ ट्रैक्टर से जोड़कर चलाए जाते हैं तो कुछ बैटरी से चलते हैं।
बाजार में कई प्रकार के स्प्रेयर आते हैं। इनमें से जिन स्प्रेयर को किसान ज्यादा खरीदना पसंद करते हैं, वे इस प्रकार से हैं।
थ्रेशर मशीन का प्रयोग फसल कटाई में किया जाता है। ये अनाज को काटता है और भूसी और डंठल से बीज निकालता है। यह सोयाबीन, गेहूं, मटर, मक्का, और अन्य छोटे अनाज और बीज फसलों को उनके पुआल और भूसे से अलग करता है। थ्रेसर मशीन में ड्राइव पुली, फैन/ब्लोअर, फीडिंग च्यूट, स्पाइक्स, सिलेंडर, अवतल, फ्लाईव्हील, फ्रेम, टोइंग हुक, ऊपरी छलनी, निचली छलनी, ट्रांसपोर्ट व्हील, सस्पेंशन लीवर, कैन पुली, शटर प्लेट आदि घटक शामिल हाेते हैं। थ्रेसर बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है। इसके अलावा ये मजदूरों पर निर्भरता को कम करती है जिससे धन की बचत होती है। थ्रेसर कई प्रकार के आते हैं।
बाजार में कई प्रकार के थ्रेसर आते हैं। इनमें से जिन थ्रेसर को किसान ज्यादा खरीदना पसंद करते हैं, वे इस प्रकार से हैं।
नोट- उपरोक्त कृषि यंत्रों को खरीदने के इच्छुक किसान भाई ट्रैक्टर जंक्शन से संपर्क कर सकते हैं।
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