प्रकाशित - 13 Feb 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश में रबी सीजन की फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है। किसान रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए भी तेजी से प्रबंधन कार्यों में जुटे हुए हैं। जल्द ही गेहूं की कटाई का काम भी चालू हो जाएगा। गेहूं की कटाई में समय, लागत और मेहनत बचाने के लिए कृषि उपकरणों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। आजकल कृषि में आधुनिक तरीकों को अपनाने पर सरकार जोर दे रही है ताकि फसल की उत्पादन लागत को कम करके अधिक उत्पादन के लक्ष्य हासिल किया जा सके। किसानों को मशीनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार इन मशीनों को खरीदने के लिए लोन पर सब्सिडी भी प्रदान करती है। फसलों की कटाई में आधुनिक मशीनों का उपयोग करने से श्रम व लागत दोनों कम की जा सकती है और अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। सरकार और देश के किसान दोनों ही चाहते हैं कि देश में फसलों का उत्पादन बढ़े जिससे देश की खाद्यान्न आपूर्ति साथ ही अन्य देशों को भी उपज का निर्यात किया जा सके। इससे किसानों के साथ ही सरकार का भी फायदा होगा। यह तभी संभव है जब फसल उत्पादन करने में लगने वाली लागत को कम किया जा सकें। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ कटाई में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यंत्रों से जुड़ी सभी जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे।
परंपरागत तरीके से फसलों की कटाई हंसिये से की जाती है। हंसिये की मदद से फसल कटाई का कार्य करने पर अधिक मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है और समय भी अधिक लगता है जिससे मजदूरी भी अधिक आती है। हंसिये से फसल की कटाई करने पर लागत बढ़ जाती है। यदि हंसिये की जगह आधुनिक यंत्रों की मदद से फसल कटाई का कार्य किया जाए तो समय के साथ श्रम व पैसा की बचत की जा सकती है। आज के समय में फसलों की कटाई करने में उपयोग होने वाली टॉप 5 कृषि यंत्रों के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे जिससे आपकी गेहूं की कटाई के काम को आसान बना देंगे साथ ही पैसा भी बचाएंगे।
ट्रैक्टर से चलने वाली गेहूं कटाई एवं बधाई मशीन किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस मशीन से कटर बार से पौधे कटने के बाद बंडल में बंध जाते हैं तथा उन्हें संचरण प्रणाली द्वारा एक ओर गिरा दिया जाता है। इस मशीन द्वारा कटाई एवं बंधाई का कार्य बहुत ही आसानी से होता है। इसीलिए किसानों के बीच इस मशीन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
इस मशीन का बाजार में अनुमानित मूल्य करीब 295000 रुपये है। इस मशीन द्वारा लगभग 0.40 हेक्टेयर/घंटा की दर से गेहूं की कटाई की जा सकती है तथा इस मशीन से कटाई की लागत लगभग 1050 रुपये प्रति घंटा आती है।
स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन गेहूं की कटाई के लिए छोटे व मध्यम श्रेणी के किसानों के लिए एक उपयोगी मशीन है। इसमें आगे की ओर एक कटर बार लगी होती है तथा इसके पीछे संचरण प्रणाली लगी होती है। इस रीपर मशीन में 5 हॉर्स पावर का एक डीजल इंजन लगा होता है जो इसके पहियों तथा कटर बार को शक्ति प्रदान करने का कार्य करता है। गेहूं की कटाई के लिए इस मशीन की कटर बार को आगे रखकर इसके हैंडिल से पकड़ कर किसान को मशीन को पीछे से चलना होता है। कटर बार गेहूं के पौधों को काटती है तथा संचरण प्रणाली की मदद से पौधे को एक लाइन में बिछा दिया जाता है। इसके बाद मजदूरों द्वारा उनको इकट्ठा कर लिया जाता है।
इस स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.21 एकड़ प्रति घंटा की है। इसकी अनुमानित लागत 1 लाख रुपये है तथा इसके द्वारा कटाई की लागत लगभग 1100 रुपये प्रति एकड़ की आती है।
ट्रैक्टर से चलने वाली रीपर मशीन में कटर बार तथा संचरण प्रणाली स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की तरह होती है लेकिन इस मशीन को ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। कटर बार को शक्ति संचरण का कार्य ट्रैक्टर की पी.टी.ओ. की मदद से चलाया जाता है। इसकी कटर बार स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर की कटर बार से अधिक लंबी होती है। इस मशीन से भी गेहूं के पौधों को कटर बार से काटकर संचरण प्रणाली द्वारा एक ओर लाइन में बिछा दिया जाता है।
ट्रैक्टर चलित रीपर मशीन की कार्य क्षमता 0.40 एकड़ प्रति घंटा की होती है। इस मशीन का मूल्य लगभग 75000 रुपये है तथा इसके द्वारा गेहूं कटाई की लागत लगभग 1100 रुपये प्रति एकड़ की आती है। इस मशीन से वर्टिकल कन्वेयर रीपर की तुलना में कार्य करना अधिक आसान है क्योंकि यह ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है।
स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन में गेहूं कटाई के साथ-साथ उनको पुलों में बांधने का कार्य भी होता है। एक तरह से स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर का अधिक विकसित रूप कहा जा सकता है। इस मशीन में ना केवल पौधों को पूलों में बांधने हेतु इकाई भी लगी होती है। साथ ही इस मशीन में किसानों के बैठने हेतु व्यवस्था भी होती है। जिससे फसल कटाई का कार्य स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर की तुलना में अधिक आरामदायक रूप से हो जाता है और पुलों को भी अलग से बांधने की जरूरत नहीं होती है। इस मशीन की मदद से पहले पौधे कटर बार से कटकर बांधने की इकाई द्वारा पुलों में बंध जाते हैं तथा कटर बार एवं बैठने की सीट के बीच खेत में गिरा दिए जाते हैं। इन बंडल को बाद में एकत्रित कर लिया जाता है। इस मशीन में तीन पहिये होते हैं परन्तु वर्तमान में चार पहियों वाली मशीन भी बाजार में उपलब्ध हो गई है।
इस स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को चलाने के लिए 10 हॉर्स पावर का डीजल इंजन का उपयोग होता है। इस मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.35 एकड़ प्रति घंटा की होती है। इस मशीन का अनुमानित मूल्य लगभग 325000 रुपये है तथा इससे कटाई की लागत 1000 रुपये प्रति घंटा की आती है।
कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का उपयोग बड़े किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी है। इस मशीन की मदद से गेहूं की कटाई के साथ-साथ उनकी गुहाई का काम भी हो जाता है और हमें साफ दाना प्राप्त हो जाता है। बाजार में दो प्रकार के कंबाइन हार्वेस्टर मशीन उपलब्ध है। पहला स्वचालित व दूसरा ट्रैक्टर से चलने वाले। ये दोनों ही कंबाइन हार्वेस्टर मशीन किसानों के लिए काफी उपयोगी है। इन कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों में सबसे आगे 2 से 6 मीटर लंबे कटर बार (दांतेदार फसल काटने की पट्टी) लगे होते हैं। कटर बार के आगे लगे चाकू से फसल काटता है। इसके बाद फसल को कन्वेयर बेल्ट के जरिए रेसिंग यूनिट में पहुंचाया जाता है। यहां पर फसल के दाने ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस से रगड़ने पर अलग हो जाते हैं। साथ ही इसमें लगी छलनी की मदद से अनाज साफ हो जाता है और ब्लोवर से पैरा अलग हो जाता है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में एक स्टोन ट्रैप यूनिट लगी होती है, जो कि फसल के साथ आने वाले कंकड़, मिट्टी आदि को फसल से अलग कर देता है।
बढ़िया कंपनी का कंबाइन हार्वेस्टर मशीन एक घंटे में 4 से 5 एकड़ फसलों की कटाई कर सकता है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन की कीमत अपने फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये के बीच बाजार में उपलब्ध है। इस मशीन की कीमत इसके कटर बार पर निर्भर करती है।
किसानों के लिए कृषि मशीनों की खरीदारी कर पाना आसान नहीं होता, इसलिए केंद्र व राज्य सरकारें समय-समय पर रीपर मशीन को सस्ते दामों पर किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान करती हैं। वैसे तो यह मशीनें अलग-अलग साइज के अनुसार आती है, जिसकी कीमत बाजार में 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक की हो सकती है। किसानों को फसल कटाई मशीन की खरीद पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मशीन के डीलर से कोटेशन लेना होगा, जिसे अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जमा करके आप सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं।
अगर आप भी सरकार द्वारा कृषि कटाई मशीनों पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको निम्न लिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
किसान चाहें तो कृषि विभाग से जानकारी लेकर ई-मित्र सेवा केंद्र की मदद से भी सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
किसान भाई विभिन्न प्रकार की आधुनिक कटाई यंत्र/मशीन को खरीदने के लिए ट्रैक्टर जंक्शन पर संपर्क कर सकते हैं। हमारे यहां प्रतिष्ठित कंपनियों के कृषि यंत्र/ मशीनें उचित दामों पर उपलब्ध है।
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