Published - 29 Jan 2021
रीपर बाइंडर मशीन (Reaper binder machine) श्रम लागत में कटौती करते किसानों को बहुत फायदा पहुंचाती है। आज सभी जानते हैं कि इस समय देश के खेतों में रबी की फसल लहलहा रही है। मार्च महीने के अंतिम दिनों से फसल कटाई का काम शुरू हो जाएगा, जो मई माह तक चलेगा। फसल कटाई के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होगी। वहीं देश में एक साथ कटाई का सीजन शुरू होने पर अमूमन हर साल श्रमिकों की कमी हो जाती है और मजदूरी बढ़ जाती है। कोरोना लॉकडाउन के बाद से कई प्रदेशों में श्रमिकों की संख्या में कमी आई है। लेकिन आधुनिक किसानों को अब परेशान होने की जरुरत नहीं है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हम आपको रीपर बाइंडर मशीन के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। यह मशीन 40 मजदूरों के बराबर काम करती है और एक घंटे में एक एकड़ जमीन की फसल काट सकती है।
कई मशीनों ने कृषि के कार्य को आसान बना दिया है। जिन कामों को करने में पहले कई दिन लग जाते थे, वो काम अब कुछ घंटों में हो जाते हैं। पहले फसलों की कटाई में लंबा समय और श्रमिक श्रम लगता था लेकिन अब फसल कटाई मशीनों ने इस काम को और आसान बना दिया है। रीपर बाइंडर मशीन को फसल की कटाई के लिए बनाया गया है। यह मशीन फसल की कटाई के साथ-साथ रस्सियों से उनका बंडल भी बनाती है। इस यंत्र की सहायता से खेत में 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है। इस यंत्र के कारण भूसे का नुकसान नहीं होता है। इस मशीन से 85 सेमी से 110 सेमी ऊंचाई वाली गेहूं, जौ, धान, जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई कर बंडल बनाया जाता है।
रीपर बाइंडर और कंबाइन हार्वेस्टर दोनों ही मशीन फसल की कटाई में काम आती है। रीपर बाइंडर मशीन छोटे किसानों के लिए उपयोगी है। वहीं कंबाइन हार्वेस्टर बड़े किसानों के लिए उपयोगी है। रीपर बाइंडर मशीन की सहायता से जमीन से 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है और भूसे का नुकसान नहीं होता है। कंबाइन हार्वेस्टर खेत में करीब 30 सेमी से ऊपर फसल की कटाई करता है। जिससे कटाई के बाद फसल का ठूठ खेत में ही खड़े रह जाते हैं। जिससे किसानों को बहुत नुकसान होता है। क्योंकि फसल से मिलने वाले भूसे का नुकसान हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कई बार किसान खेत में खड़े ठूठ में आग लगा देते हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए रीपर बाइंडर का उपयोग बहुत अच्छा माना जाता है।
बाजार में कई तरह की रीपर मशीन उपलब्ध है। इसमें ट्रैक्टर चलित रीपर, स्ट्रा रीपर, स्वचालित रीपर और रीपर बाइंडर मशीन शामिल है। किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार रीपर मशीन का चयन कर सकते हैं। रीपर मशीन से किसान कम समय व कम लागत में फसलों की कटाई कर सकते हैं। आजकल पोर्टेबल पावर टिलर काफी प्रचलित हैं। इन्हें सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर भी कहा जाता है। ये छोटे खेतों में जुताई, निराई के साथ रीपर फिट करने पर धान-गेहूं की कटाई भी कर सकते हैं।
देश में कई कंपनियां रीपर बाइंडर का निर्माण करती है। अलग-अलग कंपनियों के रीपर बाइंडर की कीमतों में अंतर पाया जाता है। सामान्यत रीपर बाइंडर की कीमत 80 हजार रुपए से लेकर चार लाख रुपए तक होती है। अधिक जानकारीके लिए यहां क्लिक करें।
ट्रैक्टर जंक्शन पर केएस ग्रुप, करतार, महिंद्रा, न्यू हॉलैंड, बख्सिश, लैंडफोर्स, दशमेश, मलकित, वीएसटी शक्ति, खेदूत आदि कंपनियों के रीपर, रीपर बाइंडर, स्ट्रा रीपर आदि उपलब्ध है। रीपर बाइंडर के फीचर्स, स्पेसिफिकेशन्स और कीमत के लिए ट्रैक्टर जंक्शन के साथ बने रहिए। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर किसानों को रीपर बाइंडर पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। सब्सिडरी की दरें और पात्रता की शर्तें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।
Social Share ✖