एग्रीकल्चर मशीनरी : जानें, इन कृषि यंत्रों की विशेषताएं और कार्य
भारतीय खेती में पहले परंपरागत कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन जब से उत्पादन बढ़ाने को लेकर जोर दिया गया तब से किसान परंपरागत यंत्रों को छोड़ आधुनिक कृषि यंत्रों को अपनाने लगे हैं। आधुनिक यंत्रों की सहायता से खेती का काम काफी आसान हो गया है। इन यंत्रों के प्रयोग से न केवल समय की बचत होती है बल्कि लागत में भी कमी आती है। जहां पहले खेती के काम के लिए कई मजदूरों की आवश्यकता होती थी वहीं आज एक मशीन की सहायता से कई कार्य एक बार में ही निपटाएं जा सकते हैं। आज हम जानते हैं उन सात कृषि यंत्रों के बारे में जो खेती के काम में आपकी काफी सहायता करेंगे। जिससे कम लागत पर खेती करना आपके लिए आसान होगा और मुनाफा भी अच्छा होने की उम्मीद बढ़ेगी।
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तवेदार हल
- तवेदार हल में लोहे का फ्रेम, थ्री पॉइंट हीच सिस्टम, एक रोटरी शॉफ्ट जिस पर ब्लेड लगे होते हैं। मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने और उलट पुलट करने के लिए तवेदार हल का उपयोग किया जाता है। ट्रैक्टर चालित इस यंत्र का उपयोग गर्मी के दौरान गहरी जुताई और ढैंचा या सनई हरी खाद वाली फसल को मिट्टी में मिलाने के काम में लिया जाता है।
ट्रैक्टर से चलने वाला मोल्ड बोर्ड
- फसल बुआई से पहले मिट्टी को उलट पुलट करने के लिए यह मोल्ड बोर्ड (मिट्टी पलट हल) काफी उपयोगी है। इसमें शेयर पॉइंट, शेयर, मोल्ड बोर्ड, लैंड स्लाइड्स, फ्रॉग, शेंक, फ्रेम और थ्री पॉइंट हीच सिस्टम होते हैं। इससे मिट्टी की सख्त सतह को तोड़ा जा सकता है और फसल के अवशेषों और हरी फसल को काटकर मिट्टी में दबाने के लिए उपयोगी है।
पावर ट्रिलर
- छोटी जोत वाले किसानों के लिए उपयोगी यह पावर ट्रिलर यंत्र बैलचालित हल का अच्छा विकल्प है। इससे खेत की जुताई कार्य से लेकर बुआई, कटाई व फसल ढुलाई तक का कार्य लिया जा सकता है। इसमें एक श्रृंखला और स्पोर्केट प्रकार के रोटरी संचरण, एक रोटरी शॉफ्ट, कवर और रक्षा ढाल होते हैं। इसके साथ बीज बुआई यंत्र, दवा छिडक़ाव यंत्र, पंपसेट आदि आसानी से जोडक़र काम में लिया जा सकता है।
फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्टर
- आराम और दक्षता के साथ उर्वरक डालने के लिए यह यंत्र तैयार किया गया है। हाथों से उर्वरक डालने से समय और श्रम दोनों लगते हैं, जबकि फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्टर से कम समय में क्षेत्र के 12 से 14 मीटर के चौड़ाई वाले स्थान में उर्वरक डाला जा सकता है। इसको बीज के छिडक़ाव के लिए भी काम में लिया जा सकता है।
रोटावेटर
- बीजाई के लिए खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने और खेत में लगे अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर जमीन में दबाने के लिए रोटावेटर उपयुक्त यंत्र है। यह मिट्टी को भी 5-6 इंच तक मुलायम करने में सक्षम है। इसमें लोहे का फ्रेम, थ्री पॉइंट हीच सिस्टम, एक रोटरी शॉफ्ट जिस पर ब्लेड लगे होते हैं।
कल्टीवेटर व डकफुट कल्टीवेटर
- कल्टीवेटर शुष्क और आद्र मिट्टी पर बीजाई के लिए भूमि तैयार करने, मिट्टी में दबे ढेलों को तोडऩे और धान की खेत में कदवा करने के काम में आता है। इसके नुकीले खुरपों से निराई गुड़ाई भी की जा सकती है। इसके लिए फसलों को पंक्तियों में बोना जरूरी है। डकफुट कल्टीवेटर खरपतवार नष्ट कर मिट्टी में नमी की अवधारणा को तय करता है।
धान ड्रम सीडर
- धान ड्रम सीडर यंत्र की मदद से धान के खेत में पहले से जमा बीजों को लेवा बनाकर खेत में बोया जाता है. इससे कम से कम 20 प्रतिशत बीज की बचत होती है। इस तरह फसल की बुवाई अच्छी तरह हो जाती है, जो कि फसल की पैदावार और गुणवत्ता को बढ़ाता है।
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