Published - 01 Dec 2021
कृषि वैज्ञानिकों की ओर से खेती और बागवानी के काम को आसान बनाने के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं और नई-नई मशीनों का आविष्कार किया जा रहा है। इसी कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो एक घंटे में 60 किलो मक्का के दाने निकल सकती है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस मकई का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से डिजाइन पेटेंट मिला है। मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह व सेवानिवृत्त डॉ. मुकेश गर्ग की अगुवाई में किया गया। इस मशीन के लिए वर्ष 2019 में डिजाइन के लिए आवेदन किया था।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा मक्का बीज निकालने के लिए तैयार की गई इस आधुनिक मशीन की प्रमुख विशेषताएं और लाभ इस प्रकार से हैं-
प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रवि गुप्ता ने मीडिया को बताया कि मक्का तैयार होने व छिलका उतारने के बाद अगर समय पर इसका बीज नहीं निकाला जाए तो फसल में फफूंद व अन्य बीमारियों की समस्या आ सकती है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए इस मशीन की मदद से समय पर मक्का निकाला जा सकता है और उसके भंडारण में भी परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा ऑफ सीजन में भी किसान मक्का के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाकर और उन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले के उपमंडल स्वारघाट के तहत कुटैहला पंचायत के गांव धारभरथा के सातवीं कक्षा पास किसान गुरदेव सिंह ने भी मक्का के दाने अलग करने वाली कुछ ऐसी ही मशीन बनाई थी, जो चंद मिनट में मक्के के दाने अलग कर सकता है। यह मशीन चंद मिनटों में क्विंटलों के हिसाब से मक्का के दाने निकाल सकती है। इस मशीन की खासियत यह है कि इसमें एक से दो टोकरी मक्की आ जाती है, जिसे यह मशीन कुछ ही मिनट में मक्की के दाने अलग कर देती है।
बाजार में कई कंपनियों के मक्का के दाने अलग करने वाले थ्रेसर मिलते हैं। हम आपको कुछ प्रतिष्ठित कंपनियों के मक्का दाना अलग करने वाले थ्रेसर के बारें में बता रहे हैं जिनकी सहायता से कम समय और श्रम में मक्का के दानों को अलग-अलग किया जा सकता है। इनकी कार्यक्षमता साधारण मशीनों की तुलना में काफी अधिक है।
लैंडफोर्स कंपनी का मेज थ्रेसर मक्का के दानों को कम समय और श्रम में अलग-अलग कर सकता है। यह पोस्ट हार्वेस्ट की श्रेणी में आता है। यह मेज थ्रेसर 35 एचपी और इससे ऊपर हार्स पावर शक्ति में आता है। इसमें 7.5 एचपी की मोटर होती है। यह एक घंटे में 1500-1800 किलो प्रति घंटे की दर से दानों को अलग-अलग कर सकती है।
दशमेश के मेज थ्रेसर की मांग भी बाजार में बहुत है। किसानों के बीच दशमेश कंपनी का थ्रेसर काफी पसंद किया जाता है। इसकी अच्छी गुणवत्ता और टिकाऊपन ही इसे खास बनाते हैं। दशमेश का यह मॉडल दशमेश-423 है। यह मेज थ्रेसर 35 एचपी की क्षमता का आता है। इसकी कार्यक्षमता 4 से 6 हजार किलो प्रति घंटे हैं।
केएस ग्रुप का मल्टीक्रॉप थ्रेसर खास तौर पर मूंगफल और मक्का के दानों को अलग-अलग करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मल्टीक्रॉप थ्रेसर 25 एचपी या इससे ऊपर की हार्सपावर क्षमता में आता है। इस मशीन की दाना अलग करने की कार्यक्षमता 2 हजार किलो प्रति घंटा है।
ट्रैक्टर जंक्शन किसानों के लिए एक भरोसेमंद ऑनलाइन प्लेटफार्म हैं, जहां किसानों की सुविधा के अनुसार ट्रैक्टर व कृषि उपकरण के खरीदने व बेचने की सुविधा उपलब्ध है। ट्रैक्टर जंक्शन पर आप कई कंपनियों की मेज थ्रेसर मशीनों के बारें जानकारी ले सकते हैं। किसान भाई यहां लॉगिन करके ऑनलाइन इसे प्राप्त कर सकते हैं।
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