प्रकाशित - 07 Apr 2023
किसानों के लिए खेती का काम आसान बनाने के लिए बाजार में कई प्रकार की कृषि मशीनें आ रही हैं। इस समय रबी फसलों की कटाई की जा रही है। यदि हासिये से फसल की कटाई की जाए तो इसमें श्रम व समय अधिक लगता है। यदि यही काम मशीन से किया जाए तो काफी कम समय में इसे पूरा किया जा सकता है। आज बाजार में कई प्रकार की फसल कटाई मशीनें आ रही हैं। इनमें से रीपर बाइंडर मशीन फसल कटाई के लिए काफी अच्छी मशीन मानी जाती है। इस मशीन की खास बात ये हैं कि इसमें यह मशीन फसल को समान रूप से काटने के साथ ही इसका गठरियां भी बना देती है इससे किसान को अलग से इस काम को करने की जरूरत नहीं होती है। इस तरह इस मशीन के उपयोग से किसान कम समय और श्रम में रबी फसलों की कटाई आसानी से कर सकते हैं। ये रीपर बाइंडर दो तरह के आते हैं। एक ऑटोमैटिक रिपर बाइंडर और दूसरी ट्रैक्टर से जोड़कर चलाई जाने वाली रीपर बाइंडर मशीन।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको रीपर बाइंडर मशीन के लाभ, सब्सिडी, टॉप 5 कंपनी की बेस्ट रीपर बाइंडर मशीनें, रीपर बाइंडर की कीमत आदि के बारें में जानकारी दे रहे हैं।
रीपर बाइंडर मशीन से कटाई करने पर भूसे का नुकसान नहीं होता है क्योंकि ये मशीन 5 से 7 सेमी ऊपर से फसल की कटाई करती है। इस मशीन की सहायता से फसल अवशेष यानि फसलों के ठूठ भी आसानी से निकाले जा सकते हैं। इससे पराली प्रबंधन भी आसान हो जाता है। जबकि हार्वेस्टर लगभग 30 सेमी ऊपर से फसल की कटाई करता है जिससे भूसे का नुकसान होता है और अवशेष प्रबंधन में भी कठिनाई जाती है। इसके अलावा हार्वेस्टर की तुलना में रीपर बाइंडर की कीमत भी कम होती है जिसे छोटे किसान भी आसानी से खरीद सकते हैं। इन सब बातों को देखते हुए रीपर बाइंडर का इस्तेमाल फसल कटाई के लिए इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद है।
रीपर बाइंडर पर सरकार की ओर से भी सब्सिडी का लाभ किसानों को दिया जाता है। कृषि अनुदान योजना के तहत अलग-अलग राज्य सरकारें किसानों को अपने स्तर पर अपने यहां निर्धारित दर पर सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान करती हैं। बात करें बिहार की तो यहां कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत किसानों को रीपर बाइंडर की खरीद पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत और ओबीसी, एससी, एसटी किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। ये रीपर मशीने तीन और चार चक्के में आती हैं। इसमें चार चक्का रीपर बाइंडर मशीन पर सामान्य किसानों को अधिकतम 2 लाख रुपए और ओबीसी, एससी, एसटी किसानों को अधिकतम 2.50 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाता है। वहीं तीन चक्का रीपर बाइंडर मशीन पर सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम 1.40 लाख रुपए और ओबीसी, एससी, एसटी किसानों को अधिकतम 1.75 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
आम तौर पर ऑटोमैटिक रीपर बाइंडर की कीमत 50 हजार रुपए से लेकर 2.5 लाख रुपए के बीच होती है। वहीं ट्रैक्टर से चलने वाले रीपर बाइंडर की कीमत 80 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक होती है।
बाजार में सबसे ज्यादा जिन कंपनियों की रीपर बाइंडर मशीनें बिकती और किसानों के बीच लोकप्रिय है, वे इस प्रकार से हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन पर केएस ग्रुप, करतार, महिंद्रा, न्यू हॉलैंड, बख्सिश, लैंडफोर्स, दशमेश, मलकित, वीएसटी शक्ति, खेदूत आदि कंपनियों के रीपर, रीपर बाइंडर, स्ट्रॉ रीपर आदि उपलब्ध है। इन कंपनियों के रीपर बाइंडर के फीचर्स, स्पेसिफिकेशन्स और कीमत की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
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