भारत में फूलों की खेती
भारत में फूलों का उपयोग सभी प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक समारोह में किया जाता है। नकदी फसल के रूप में फूलों की फसल की लोकप्रियता किसानों के बीच बढ़ रही है। विश्व में फूलों का सबसे बड़ा उपभोक्ता अमेरिका है। जहां हर साल 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के फूलों की खपत होती है। भारत में भी सदियों से फूलों की खेती की जा रही है। भारत ने वर्ष 2019-20 के दौरान पूरे विश्व में 16 हजार 949.37 मीट्रिक टन फूलों के उत्पाद का निर्यात किया।
फूलों की व्यावसायिक खेती
भारत के अलग-अलग राज्यों की जलवायु भी भिन्न है जो फूलों की खेती के लिए सबसे अनुकूल है। भारत में कई राज्यों के किसान फूलों की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं। फूलों की खेती उद्योग का रूप लेती जा रही है। फूलों की फसल उत्पादन के मामले में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है जबकि कर्नाटक व महाराष्ट्र क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है। फूलों की खेती से महक किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बना रही है।
ट्रैक्टर जंक्शन पर फूलों की खेती की जानकारी
भारत में फूलों की खेती पॉली हाउस और ग्रीनहाउस दोनों में की जाती है। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार एक हैक्टेयर में फूलों की खेती में करीब 25 हजार रुपए का खर्चा आता है। भारतीय फूल उद्योग में गुलाब, रजनीगंधा, ग्लेड्स, एंथुरियम, कार्नेशन, गेंदा आदि प्रमुख है और इन फूलों की खेती के फायदे से किसान समृद्ध बन रहे हैं। ट्रैक्टर जंक्शन पर आपको फूलों की खेती कैसे करें, फूलों की खेती के महत्व फूलों का मौसम, फूल रोपण, रोपण के लिए फूल, फूलों का व्यापार आदि की जानकारी मिलेगी। बस ट्रैक्टर जंक्शन के साथ बने रहिएं।