प्रकाशित - 24 Dec 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से देश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत किसानों को पशु खरीदने के लिए सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इतना ही नहीं पशु आवास के लिए भी अनुदान दिया जाता है। ऐसे में किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं। पशुपालन के लिए गाय की बहुत सी ऐसी किस्में हैं जो अधिक दूध देती हैं। उनमें एक गाय ऐसी भी है जो एक ब्यांत में 1800 लीटर तक दूध देती है। इतना ही नहीं यह किसान के खेती के कामों को भी सकती है। ऐसे में किसान इस देसी गाय का पालन करके बेहतर लाभ कमा सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको 1800 लीटर दूध देने वाली गाय की विशेषता व लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं, तो आइए जानते हैं गाय की इस नस्ल के बारे में।
गाय की इस नस्ल का नाम कांकरेज है। यह देश की सबसे लोकप्रिय गाय की नस्लों में से एक है। इसे किसान पालना काफी पसंद करते हैं, क्योंकि यह बेहतर दूध देने के साथ ही खेती के कार्यों में उपयोगी है। इसके बैल खेती के काम आसानी से कर सकते हैं। इस गाय को कांकरेज नाम के अलावा अन्य कई नामों से जाना जाता है। इसे वागड़, बोनई, वगाड़िया, नागर व तालाबड़ा आदि नामों से पहचाना जाता है।
कांकरेज गाय में कई विशेषताएं होती है जो इसे अन्य गायों से अलग बनाती है। कांकरेज गाय की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं
यदि बात की जाए कांकरेज गाय के दूध देने की क्षमता की तो यह गाय एक ब्यात में करीब 1750 से 1800 लीटर दूध दे सकती है। वहीं यह गाय प्रतिदिन 8 से 10 लीटर दूध आसानी से दे सकती है। इस गाय के दूध में 4.5 प्रतिशत फैट की मात्रा पाई जाती है। यदि सही आहार और अच्छा वातावरण मिले तो यह गाय प्रतिदिन 15 लीटर तक दूध दे सकती है।
अब बात की जाए इस गाय के आहार की तो कांकरेज गाय को एक तय मात्रा के अनुसार ही हरा और सूखा चारा खाने को देना चाहिए। इसमें हरे चारे की मात्रा 20 से 25 किलोग्राम और सूखे चारे की मात्रा 5 से 7 किलोग्राम पर्याप्त रहती है। इसके अलावा इस गाय को जई, मक्की, घास, साइलेज आदि भी खाने को दिया जा सकता है। खली व सोयाबीन जैसी खाद्य सामग्री भी इसे खाने को दी जा सकती है। इस गाय को यदि उचित आहार दिया जाए तो इससे दूध की बेहतर मात्रा प्राप्त की जा सकती है।
कांकरेज गाय की देखभाल में कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इस गाय को कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। इसके अलावा इस गाय में पाचन क्रिया की भी परेशानी होती है। ऐसे में इस गाय का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। किसानों को गाय की खरीद करते समय इस बात का पता अवश्य कर लेना चाहिए कि जिस गाय की वह खरीद कर रहे हैं उसे बीमारी के टीके लगे हुए हैं या नहीं। यदि उसे बीमारी के टीके नहीं लगे हैं तो उस पशु को बीमारी के टीके समय-समय पर लगवाएं ताकि संभावित रोगों से बचाव हो सके।
यदि बात की जाए कांकरेज गाय की कीमत की तो इसकी कीमत 25,000 रुपए से लेकर 65,000 रुपए तक है। अलग-अलग राज्यों में इसकी कीमत में अंतर हो सकता है। बता दें कि गाय की कीमत का निर्धारण उसकी उम्र, नस्ल, स्थान और दूध देने की मात्रा के आधार पर किया जाता है।
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