प्रकाशित - 27 Oct 2024
किसान खेती के साथ ही पशुपालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं। पशुपालन के लिए राज्य सरकार की ओर से भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आमतौर पर पशुपालन के लिए किसान दूधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस का पालन करते हैं ताकि उनके दूध को बेचकर कमाई कर सकें। सरकार की ओर से गाय, भैंस पालने और देश में दूध की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति करने के लिए दूध पर सब्सिडी भी दी जाती है। इसके बावजूद भी पशुपालकों को दूध बचने से उतना मुनाफा नहीं हो पाता है, जितना होना चाहिए। चारे की कीमतों में बढ़ोतरी भी इसका एक प्रमुख कारण है। आज खुले चरागाह बहुत कम रह गए हैं, ऐसे में पशुपालक किसान को हरा चारा भी खरीदकर पशुओं को खिलाना पड़ता है। इससे पशु चारे की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में पशुपालक किसानों के लिए एक ऐसा खास पशु फीड है जो पशु के दूध की मात्रा तो बढ़ाएगा ही, साथ ही वातावरण में मीथेन गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए आपको अतिरिक्त पैसा कमाने का अवसर भी प्रदान करेगा। इससे पशुपालकों की कमाई डबल हो जाएगी।
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम चक्र प्रभावित हो गया है और गर्मी अधिक पड़ने लगी है। इसका एक कारण मीथेन गैस उत्सर्जन को भी माना जा रहा है। ऐसा माना गया है कि जुगाली करने वाले पशुओं में सबसे अधिक मीथेन गैस का उत्सर्जन गाय, भैंस करते हैं। पशुपालन में यह एक बड़ी परेशानी है। एक्सपर्ट के अनुसार यदि पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस को खिलाने वाले चारे में कुछ बदलाव कर दें तो मीथेन गैस के उत्सर्जन को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक गाय-भैंस सबसे अधिक मुंह से मीथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं। वे जिस तरह का चारा खाते हैं उसे चबाने की पहली अवस्था में मीथेन गैस ज्यादा बनती है जिसे पशु वातावरण में छोड़ते हैं। इससे वायुमंडल में मीथेन गैस की मात्रा बढ़ती है जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने में सहायक है। ऐसे में पशु के आहार में रेड अल्गी का इस्तेमाल करके इसे कम किया जा सकता है। रेड अल्गी से तैयार फीड पशु को खिलाने से दूध की मात्रा भी बढ़ती है।
पशुपालक रेड अल्गी वाले फीड बाजार से खरीद सकते हैं। पशु आहार बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रेड अग्ली को कितनी मात्रा में मिलाया जाए। यदि आप आवश्यकता से अधिक रेड अल्गी की मात्रा पशु के आहार में मिला देते हैं तो इसका विपरित प्रभाव भी हो सकता है। जैसे- एक कट्टे फीड में कितना रेड अल्गी मिलाना है, इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि आप बाजार से पशु आहार बेचने वाली दुकान से रेड अल्गी वाला फीड खरीदकर लाते हैं तो उसके पैकिट में दिए गए पशु आहार से संबंधित निर्देश व उपयोग की विधि भी लिखी हुई होती है, आप इसमें दिए गए निर्देश के अनुसार पशु आहार तैयार कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यदि पशुपालक रेड अल्गी वाला खास पशु आहार खरीदते हैं तो फीड के कट्टे में अंकों वाला एक कोड निकलता है। इस कोड को कंपनी के ऐप पर जाकर सबमिट करना होता है। इस अंकों वाले कोड से यह पता चल जाता है कि पशुपालक ने अपने पशुओं को कितना रेड अल्गी वाला फीड खिलाया है जिससे मीथेन गैस का उत्सर्जन कम करने में सहायता मिली है। इसकी सहायता से वाल्यूम में ये भी पता चल जाएगा कि पशुपालक ने कितनी मीथेन गैस का उत्सर्जन होने से रोक लिया। उसी आधार पर पशुपालक को क्रेडिट नंबर मिल जाएंगे। इसके बाद पशुपालक इन नंबरों को बेचकर नकद मुनाफा भी कमा सकता है। ऐसे में किसान पशु के दूध को बचने और पशु को रेड अल्गी फीड वाला आहार खिलाकर डबल पैसा कमा सकते हैं।
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