प्रकाशित - 08 Nov 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान खेती के साथ पशुपालन (Animal Husbandry) करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं भी चलाई जा रही है जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। सरकार देश में दूध का उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम रही है क्योंकि भारत में दूध की मांग के अनुपात में दूध का उत्पादन कम है। दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान भी पशुओं को मौसम के हिसाब से हरा व सूखा चारा देते हैं। सर्दी और बरसात में तो हरे चारे की उपलब्धता हो जाती है लेकिन गर्मियों में पशुओं को खिलाने के लिए चारे की समस्या बनी रहती है।
इससे भी बढ़कर बात यह है कि पशुओं को किसी भी तरह का चारा खिलाया नहीं जा सकता है, खासकर दूधारू पशुओं को, क्योंकि चारे पर ही उनके दूध देने की क्षमता निर्भर करती है। ऐसे में पशुओं के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्हें पोष्टिक चारा खिलाया जाना बेहद जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने अनानास के छिलकों से पोष्टिक चारा बनाने का तरीका बताया है जिससे पशु के दूध में एक से डेढ़ किलो तक की बढ़ोतरी हो सकती है। खास बात यह है कि यह चारा पशु की सेहत के लिए तो अच्छा तो है ही, साथ ही दूध की मात्रा को भी बढ़ाने में सहायक है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार अनानास के पत्तों को वैज्ञानिक तरीके से प्रिजर्व करके चारा बनाया जा सकता है। इस चारे को टोटल मिक्स्ड राशन (TMR) कहा जाता है। इस कुल मिश्रित राशन में एक साथ कई खाद्य पदार्थों को मिलाया जाता है और पशुओं को खिलाया जाता है। विशेषकर दुधारू पशु गाय, भैंस के लिए तैयार टीएमआर में चारे के साथ साबूत कपास के बीज, अनाज, प्रोटीन, खनिज व विटामिन मिलाए जाते हैं। आईसीएआर के अनुसार टीएमआर बनाने के लिए इन चीजों की तरह ही अनानास के पत्तों का भी पशु चारा बनाने में उपयोग किया जा सकता है। केरल के एर्नाकुलम में अनानास की पत्तियों का उपयोग पशु चारा बनाने में किया जा रहा है। बता दें कि केरल में अनानास की खेती काफी होती है। ऐसे में वहां इसकी पत्तियों का उपयोग पशु चारा बनाने के लिए हो रहा है।
आईसीएआर के अनुसार सबसे पहले अनानास की पत्तियों को छांट लेना चाहिए। इसमें से कटी-फटी या खराब पत्तियों को हटा देना चाहिए। अब अच्छी पत्तियों की 100 किलोग्राम की मात्र एक साथ लेकर उसमें 2 किलोग्राम गुड़ मिला देना है। इसी मिक्सचर में आधा किलो नमक भी डाल देना है। अब इस पूरे मिक्सचर को किसी एयरटाइट बर्तन में बंद कर देना है। कुछ दिन में यह टीएमआर तैयार हो जाएगा। यह पशुओं के लिए काफी सेहतमंद चारा बताया जा रहा है।
अनानास से बना हुआ यह चारा पशु को एक दिन में 5 से 10 किलोग्राम तक खिलाया जा सकता है। इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए इसमें और भी घास आदि मिलाया जा सकता है। इस टीएमआर में घास, सूखा चारा, दाना भी मिलाकर आप अपने पशु को खिला सकते हैं।
अनानास में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, बी 6, ई और के भी होता है। इसमें कैल्शियम, फोलेट, लोहा, मैगनीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम व जस्ता होता है। इसमें पोषक तत्वों की भूरपूर मात्रा पाई जाती है। इस तरह इसकी पत्तियां भी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जो पशुओं की सेहत के लिए अच्छी होती हैं। ऐसे में अनानास की पत्तियों का चारा बनाकर खिलाने से पशु की सेहत अच्छी रहती है और इसके दूध देने की क्षमता भी बढ़ती है। बताया जा रहा है कि अनानास की पत्तियों का चारा खिलाने से पशुओं के दूध के उत्पादन को एक से डेढ़ लीटर तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं दूध में 0.3 से 0.5 प्रतिशत तक फैट की मात्रा भी बढ़ सकती है। कुल मिलाकर अनानास की पत्तियों से बना चारा पशु के लिए उत्तम चारा साबित हो सकता है।
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