प्रकाशित - 03 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश में खरीफ फसलों की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। किसान रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में किसानों के सामने सबसे बड़ी परेशानी ये होती है कि वह किस किस्म का चयन करें जिससे उनकी फसल का बेहतर उपज व मुनाफा प्राप्त हो। किसानों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताडिया, जखिनी, वाराणसी जिले के किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी द्वारा गेहूं की किस्म 'कुदरत 8 विश्वनाथ' विकसित किया गया है। अधिक उत्पादन प्राप्त करने के इच्छुक किसानों के लिए गेहूं की ये देसी किस्म 'कुदरत 8 विश्वनाथ' किसी वरदान से कम नहीं है। गेहूं की ये किस्म बारिश-आंधी व ओले आदि जैसी स्थिति को मात देकर अच्छा उत्पादन प्रदान करेंगी। इसी कड़ी में आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से गेहूं की किस्म 'कुदरत 8 विश्वनाथ' के बारे में विस्तार से बताएंगे।
आज के इस आधुनिक युग में वैज्ञानिक समय-समय पर विभिन्न प्रकार की नई किस्मों को विकसित करते रहते हैं। लेकिन कई ऐसी देशी किस्में मौजूद है जो इन विकसित की गई किस्मों से अधिक उत्पादन व लाभ प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक किस्म है कुदरत 8 विश्वनाथ। इस देशी किस्म को कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताडिया, जखिनी, वाराणसी उत्तर प्रदेश के किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने विकसित किया हैं। इस किस्म की खास बात यह है कि ये गेहूं फसल के मौसम में घटते तापमान को सहने की अधिक क्षमता होती है। यानी तापमान बढ़ने पर भी गेहूं की यह किस्म बेकार नहीं होगी। गेहूं की इस किस्म की फसल करीब 110 से 115 दिनों के अदंर पककर पूरी तरह से कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी फसल की ऊंचाई लगभग 90 सेटीमीटर और लंबाई 20 सेटीमीटर तक की होती है।
गेहूं की इस किस्म में अनेक विशेषताएं हैं जो इसे किसानों के बीच लोकप्रिय विकल्प बनाती हैं। इसकी कुछ खास विशेषताएं इस प्रकार से हैं
अपने देश में कुदरत 8 विश्वनाथ गेहूं की खेती प्रमुख रुप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में होती है। इन राज्यों के किसान भाई इस किस्म की बुवाई करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
जो किसान भाई गेहूं की कुदरत 8 विश्वनाथ की बुवाई करना चाहते हैं तो वह कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताड़िया, जक्खिनी, पिन 221305, जिला वाराणसी, उत्तर प्रदेश से संपर्क करके बीज प्राप्त कर सकते है। या फिर आप अपने जिले के नजदीकी सरकारी बीज केंद्र में जाकर बीज प्राप्त कर सकते हैं।
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