प्रकाशित - 02 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश के कई राज्यों एक अप्रैल से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो गई है। इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए रखा गया है जो पिछले वर्ष से 150 रुपए अधिक है। पिछली बार गेहूं का एमएसपी करीब 2125 रुपए था। वहीं राजस्थान व मध्यप्रदेश में गेहूं पर बोनस की घोषणा की कई हुई है। इसके बावजूद किसान एमएसपी पर गेहूं की फसल बेचने के लिए मंडी बहुत ही कम आ रहे हैं। अधिकांश किसान व्यापारियों को ही अपनी उपज बेच रहे है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण गेहूं के बाजार भाव का बढ़ना है। गेहूं का बाजार भाव एमएसपी से ऊपर चल रहा है।
देश की अधिकांश मंडियों में गेहूं का भाव एमएसपी से अधिक है। इस बार मंडी में गेहूं का भाव 2300 से लेकर 2350 रुपए से भी अधिक हो गया है। ऐसे में किसान गेहूं सरकार को न बेचकर व्यापारियों को बेच रहे हैं। यदि बात की जाए उत्तर प्रदेश की तो यहां गेहूं की एमएसपी पर खरीद चल रही है लेकिन मंडियों में सन्नाटा पसरा पड़ा है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में भी किसान बहुत कम सरकारी केंद्रों पर अपना गेहूं बेचने के लिए आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि इस बार सरकार का एमएसपी पर गेहूं की खरीद का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वे शायद ही पूरा हो पाए।
ऑनलाइन मंडी मार्केट कमोडिटी के अनुसार वर्तमान बाजार दरों के अनुसार यूपी की मंडियों में गेहूं का औसत भाव 2415 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की भाव 2650 रुपए प्रति क्विंटल रहा। वहीं गेहूं का सरकारी मूल्य यानि एमएसपी 2275 रुपए है जो बाजार मंडी भाव से कम है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में गेहूं के भाव में और तेजी आ सकती है।
अमेठी जिला विपणन अधिकारी के मुताबिक गेहूं की खरीद के लिए क्रय केंद्र बनाए गए हैं। अभी गेहूं की खरीद नहीं हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य बाजार भाव से अधिक बने हुए है ऐसे में लक्ष्य पूरा कर पाना मुश्किल होता नजर आ रहा है।
गेहूं के बढ़ते बाजार भाव को लेकर किसान बहुत खुश हैं। किसानों का कहना है कि इस बार गेहूं का बाजार भाव काफी बेहतर है। किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है। खास बात यह है कि अच्छे भाव के साथ बिना किसी झंझट के फसल बाजार में व्यापारियों को बेची जा रही है। वहीं दसूरी ओर सरकारी क्रय क्रेंद्र पर गेहूं बेचने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है। उसके बाद उन्हें टोकन मिलता है। उपज का तौल कराने के लिए कई दिनों तक क्रय केंद्र और अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस बार बाजार मूल्य इसी तरह रहा तो उन्हें अच्छा लाभ होने की उम्मीद है।
हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की गई है। इसके लिए प्रदेश भर में कुल 417 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। इस बार पिछले साल के मुकाबले में गेहूं की अधिक आवक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसे देखते हुए खरीद केंद्र पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार इस वर्ष भी किसानों को गेहूं खरीदी का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में करेगी। बताया जा रहा है कि फसल खरीद का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 से 72 घंटे के अंदर किसान के खाते में कर दिया जाएगा। हरियाणा में चार खरीद एजेंसियां खाद्, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, एचएसडब्ल्यूसी और एफसीआई (केंद्रीय एजेंसी) द्वारा फसलों की खरीद की जाएगी।
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