Published - 18 May 2021 by Tractor Junction
मसाले और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी पर गठित कोडेक्स समिति (सीसीएससीएच) ने लौंग, ओरगैनो, तुलसी और अदरक के लिए मानक तय किए है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के औरंगाबाद और अमरावती में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के दो क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की घोषणा की है। मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर मसाले और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी पर गठित कोडेक्स समिति (सीसीएससीएच) ने लौंग, ओरगैनो, तुलसी और अदरक के लिए गुणवत्ता मानकों को अंतिम रूप देकर उसे लागू करने के लिए सिफारिश कर दी है। समिति का पांचवा सत्र पिछले दिनों वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। समिति ने इन 4 मसालों के लिए अंतिम 8 चरण में बनाए गए नए मानक को कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन के पास अंतिम मंजूरी और उसको लागू करने के लिए भेज दिया है। जिससे पूर्ण रुप से कोडेक्स मानक तैयार हो जाएं।
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समिति की ओर से छोटी इलायची और हल्दी के लिए कोडेक्स मानकों को विकसित करना और ‘सूखे फल और जामुन’ श्रेणी के अंतर्गत आने वाले मसालों के लिए पहला समूह मानक विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। इस बार समिति के 5वें सत्र को कोविड -19 महामारी के कारण पहली बार वर्चुअल माध्यम में आयोजित किया गया। मसाला बोर्ड के सचिव और आईएफएस श्री डी. सत्यन ने भारत में दिल्ली में हुए इस वर्चुअल सत्र के जरिए कोडेक्स के तहत तकनीकी सम्मेलनों को नए तरीके से पेश किया है। सीसीएससीएच के वर्तमान सत्र में 65 सदस्य देश, एक सदस्य संगठन (यूरोपीय संघ) और 11 अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक संगठनों के 275 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो अभी तक कि अधिकतम भागीदारी है।
सीसीएसीएच कोडेक्स कमोडिटी समितियों में सबसे नई है। समिति भारत की अध्यक्षता में है और मसाला बोर्ड भारत इसका सचिवालय है। इस समिति को उपभोक्ता संरक्षण और कोडेक्स सिद्धांतों के अनुसार, दुनिया भर में मसाले और खाने-पीने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों के लिए विज्ञान-आधारित गुणवत्ता मानकों को तैयार करने का अधिकार दिया गया है। डॉ एम आर सुदर्शन समिति के वर्तमान अध्यक्ष हैं। आम तौर पर समिति की बैठकें 18 महीने में एक बार होती हैं। सीसीएससीएच की अंतिम बैठक 2019 में त्रिवेंद्रम में आयोजित की गई थी। अपने पिछले चार सत्रों में, समिति ने काली / सफेद / हरी मिर्च, जीरा, अजवायन के फूल, और सूखे लहसुन के मानक तैयार किए।
मसाले और खाने-पीने की जड़ी बूटियों के लिए दुनिया भर में मानकों का विकास और विस्तार करने के लिए, और मानकों के विकास की प्रक्रिया में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ परामर्श करने के लिए 2013 में सीसीएससीएच का गठन भारत के साथ 100 से अधिक देशों के समर्थन के साथ किया गया था।
1963 में स्थापित कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन (सीएसी) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है। जो खाद्य व्यापार में बेहतर मानक सुनिश्चित करने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए संयुक्त खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के ढांचे के तहत स्थापित हुआ है।
एफसीआई महाष्ट्र के औरंगाबाद और अमरावती में अपना क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगी। इसको लेकर पिछले दिनों घोषणा की गई है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पर महाराष्ट्र में औरंगाबाद और अमरावती में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के दो क्षेत्रीय कार्यालय तत्काल प्रभाव से काम शुरू करेंगे। इसको लेकर राज्य मंत्री श्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि इसके साथ ही, मराठवाड़ा और पश्चिमी विदर्भ के किसान, पीडीएस लाभार्थी, एनजीओ, सरकारी एजेंसियां और उपभोक्ता व्यापक स्तर पर लाभान्वित होंगे। इन कार्यालयों के खुलने के साथ ही, कुशलता से काम कराने के लिए एफसीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों से संपर्क करना सुविधाजनक होगा।
इस दौरान दानवे ने कहा कि एफसीआई इस देश के किसानों से उपज की खरीद के लिहाज से एक भरोसेमंद संस्थान के रूप में काम करता रहा है। देश के साथ ही महाराष्ट्र राज्य में अपने विभिन्न कार्यालयों के माध्यम से एफसीआई कुशलता के साथ काम करता रहा है। महाराष्ट्र राज्य में एफसीआई गोवा सहित अपने 6 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से परिचालन में है। महाराष्ट्र के वर्तमान ढांचे में बोरीवली स्थित क्षेत्रीय कार्यालय जो मुंबई और उपनगरीय क्षेत्र को सेवाएं दे रहा है, पनवेल कार्यालय रायगढ़ को सेवाएं दे रहा है, पुणे कार्यालय दक्षिणी मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण पट्टी को सेवाएं दे रहा है, नागपुर कार्यालय पूरे विदर्भ और मनमाड स्थित कार्यालय नासिक, खंडेश और मराठवाड़ा के बड़े हिस्से को सेवाएं दे रहा है।
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