प्रकाशित - 15 May 2023
किसानों परपंरागत फसलों के साथ ही फलों की खेती करके भी बेहतर लाभ कमा सकते हैं। इन्हीं में से एक है अमरूद। अमरूद की खेती करके किसान बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। अमरूद की खेती की खास बात ये है कि इसकी खेती साल में दो बार की जा सकती है। इस तरह एक बार इसकी अच्छी किस्म का चुनाव करके इससे 30 साल तक मुनाफा कमाया जा सकता है। बता दें कि इसके एक पेड़ से करीब 500 से 600 फल प्राप्त किए जा सकते हैं। अमरूद का बाजार भाव भी अच्छा मिल जाता है। ऐसे में अमरूद की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको अमरूद की खेती के लिए बेहतर पैदावार देने वाली टॉप 10 किस्मों की जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा अमरूद की खेती पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी भी दी जा रही है।
अमरूद की इस किस्म के फल गोल, चमकदार सहत वाले होते हैं। इसका गूदा सफेद और मीठा होता है। इस प्रकार की किस्म के्र पौधे लंबे और सीधे बढ़ते हैं। इस किस्म की भंडारण क्षमता काफी अच्छी है, ये लंबे समय तक फ्रेश रहते हैं। इस किस्म से अमरूद के एक पेड़ से 40 से 50 किलोग्राम तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
लखनऊ- 49 (सरदार) किस्म के पौधे छोटे, अधिक शाखावाले, फैलावदार ओर अधिक फलन वाले होते हैं। इसके फलों का आकार खुरदरी सतह वाला होता है। इसका गूदा मीठा और स्वाद में उत्तम होता है। इस किस्म की भंडारण क्षमता भी काफी अच्छी होती है। इस किस्म से अमरूद के एक पेड़ से करीब 50 से 60 किलोग्राम तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
अमरूद की ललित किस्म भी काफी अच्छी है। यह किस्म एप्पल कलर से चयनित उन्नत किस्म है। इस प्रजाति के अरूमद का गूदा लाल और खाने में स्वादिष्ट होता है। यह अमरूद की अधिक पैदावार वाली किस्म है। इसके रोपण के करीब 6 साल बाद 80 से 100 किलोग्राम फल प्रति पौधे प्राप्त किए जा सकते हैं। इस किस्म से प्राप्त फल मध्यम आकार के होते हैं। इसके एक फल का वजन 185 से 200 ग्राम होता है।
यह किस्म भी अमरूद का अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में से एक है। इसका पौधा मध्यम आकार का होता है। इसके फल कम बीज वाले, गोल और मुलायम होते हैं। यह किस्म पीले रंग की आभायुक्त मध्यम आकार की किस्म है जिसमें कभी-कभी लालिमा भी उभर आती है।
यह अमरूद की संकर किस्म है जिसे इलाहाबाद सफेदा व सीडलैस अमरूद के परपराग कण द्वारा तैयार किया गया है। इसके पेड़ सीधे और अच्छी बढ़वार वाले होते हैं। इसके फल गोल व चमकार होते है। इसका गूदा सफेद होता है, इसमें बीज बहुत कम होते हैं। इसके फल अधिक मिठास और खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं। इस अमरूद की खेती मध्यम वर्षा वाले इलाकों में अच्छी तरह से की जा सकती है।
यह अमरूद की संकर किस्म एप्पल कलर अमरूद व बनारसी सुरखा के पर परागण द्वारा तैयार की गई है। इस किस्म के पेड़ लंबे व अच्छे फैलाव वाले होत हैं। इसका फल गोल होता है और इसका छिलका हल्के पीले रंग का होता है। इस किस्म के फल का गूदा गुलाबी रंग का होता है जो अधिक मिठास वाला होता है।
ताइवान सफेद अमरूद एक लोकप्रिय उष्णकटिबंधीय फलों वाला पेड़ है, जो अपने बड़े आकार और मीठे व रसीले स्वाद के लिए जाना जाता है। इसके पेड़ की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके पत्ते सदाबहार और फूल सफेद रंग के होते हैं। इस प्रजाति का फल खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं।
अमरूद की यह किस्म इलाहाबाद सफेदा और ट्रिप्लॉइड के परस्पर संकरण द्वारा तैयार किया गया है। इसके पौधे में मध्यम औज होता है, इस प्रजाति के पेड़ का फैलाव काफी अच्छा होता है। इसके फल गोल और छिलका मुलायम और पीला होता है। इसके फल का औसतन वजन 180 से लेकर 200 ग्राम होता है। इसके गूदे का रंग सफेद और ठोस होता है। इस किस्म की टिकाऊपन बहुत अच्छी है।
इस प्रजाति के अमरूद को अमरूद अनुसंधान एवं विकास कृषि पंडित डॉ. नारायण चावड़ा चेयरमैन वीएनआर समूह के द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म के अमरूद की किसान अधिक करते हैं। इस किस्म के अमरूद का आकार बड़ा होता है। इसमें बीज कम होते हैं और इसका उत्पादन काफी बेहतर होता है। इसमें औसत मिठास और अधिक समय तक गुणवत्ता बनाए रखने की क्षमता होती है। इस किस्म के अमरूद का दाम भी किसानों को बाजार में अधिक मिलता है।
इस किस्म के अमरूद के फल की सतह पर लाल रंग के धब्बे पाये जाते हैं। इसके फल मध्यम, अंडाकार, चिकने और हल्के पीले रंग के होते हैं। इसका गूदा मुलायम और सफेद होता है। इसका स्वाद सुवास युक्त मीठा होता है।
अमरूद की खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी किसानों को प्रदान किया जाता है। बात करें बिहार की तो यहां अमरूद की खेती के लिए सरकार की ओर से किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। सरकार की ओर से अमरूद की खेती की प्रति हैक्टेयर लागत एक लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर सरकार की ओर से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है यानि 60,000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है।
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