यूजर प्रोफाइल

नया उपयोगकर्ता

ट्रैक्टर जंक्शन से जुड़ें

बासमती धान की तीन किस्में विकसित, किसानों की होगी अधिक कमाई

प्रकाशित - 13 May 2024

जानें, कौनसी है धान की ये किस्में और इससे कितनी मिलेगी पैदावार

धान की खेती (Paddy farming) करने वाले किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली (IARI) की ओर से बासमती धान (Basmati rice) की तीन नई किस्में विकसित की गई है जो रोगप्रतिरोधक किस्मे हैं जिनसे बेहतर पैदावार के साथ ही अधिक कमाई भी की जा सकती है। अक्सर देखा गया है कि धान की अधिकांश किस्मों में रोगों का प्रकोप अधिक होता है जिससे पैदावार में गिरावट आती है। ऐसे में यह किस्में रोगप्रतिरोधक होने से किसानों के लिए काफी फायदेमंद मानी जा रही है। 

यह तीन किस्में क्रमश: पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 और पूसा बासमती 1886 हैं। इन किस्मों को मुख्य रूप से जीवाणु झुलसा रोग और झोंका रोग जिसे ब्लास्ट रोग भी कहा जाता है, की प्रतिरोधी क्षमता के साथ विकसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता भी बेहतर बताई जा रही है। इन तीन किस्मों को लेकर किसान भी उत्सुक है, क्योंकि हर साल धान का क्षेत्र 10 प्रतिशत बढ़ रहा है। बासमती धान की डिमांड देश और विदेशों में होने से हर साल हमारे यहां से बासमती चावल का निर्यात अन्य देशों को भी किया जाता है। 

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली दवारा विकसित धान की तीन नई किस्मों की विशेषता और पैदावार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में।    

धान की पूसा बासमती 1847 किस्म (Pusa Basmati 1847 variety of paddy)

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली द्वारा विकसित पूसा बासमती 1847 किस्म को धान की लोकप्रिय किस्म 1509 को सुधार करके तैयार किया गया है। इस किस्म की विशेषता और लाभ इस प्रकार से हैं-

  • इस किस्म में बैक्टीरियल ब्लाइट से लड़ने के लिए ब्रीडिंग के माध्यम से दो जीन और ब्लास्ट रोग से लड़ने के लिए 2 जीन डाले गए हैं जिससे यह किस्म इन दोनों रोगों की प्रतिरोधी किस्म है।
  • यह जल्दी पकने वाली और अर्धबौनी बासमती चावल की किस्म है जो 125 दिन में तैयार हो जाती है।
  • इस किस्म की औसत उपज क्षमता 22 से 23 क्विंटल प्रति एकड़ है।

धान की पूसा बासमती 1885 किस्म (Pusa Basmati 1885 variety of paddy)

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली (IARI) द्वारा विकसित की गई पूसा बासमती 1885 किस्म को पूसा बासमती 1121 किस्म में सुधार करके तैयार किया गया है। इस किस्म की विशेषता और लाभ इस प्रकार से हैं-

  • धान की पूसा बासमती 1885 किस्म में भी वैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोग से लड़ने की क्षमता है।
  • पूसा बासमती 1121 के समान ही इस किस्म से भी लंबे पतले और स्वादिष्ट गुणवत्ता वाला चावल प्राप्त होता है।
  • यह मध्यम अवधि की किस्म है जो 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
  • इस किस्म की उपज क्षमता प्रति एकड़ 18.72 क्विंटल है।

धान की पूसा बासमती 1886 किस्म (Pusa Basmati 1886 variety of paddy)

धान की पूसा बासमती 1886 किस्म को पूसा बासमती 6 को सुधार करके बनाया गया है। इस किस्म की विशेषता और लाभ इस प्रकार से हैं-

  • पूसा बासमती किस्म भी बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी किस्म है।
  • यह किस्म 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
  • इस किस्म की औसत उपज क्षमता 18 क्विंटल प्रति एकड़ है।

कहां से मिल सकता है इन किस्मों का बीज (Where can one get the seeds of these varieties)

किसान उपरोक्त धान की बासमती किस्मों का बीज बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (BEDF) मेरठ और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान IARI दिल्ली के बीज केंद्र से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।

बासमती धान की अन्य अधिसूचित किस्में (Other notified varieties of Basmati rice)

बीज अधिनियम, 1966 के अधीन अब तक बासमती धान की 45 किस्में अधिसूचित की गई हैं। इसमें बासमती चावल की प्रमुख किस्में बासमती 217, पंजाब बासमती 1 (बौनी बासमती), बासमती 386, पंजाब बासमती 2, पंजाब बासमती 3, बासमती 370, हरियाणा बासमती 1, तरावडी बासमती (एचबीसी 19), टाइप 3 (देहरादूनी बासमती), पंत बासमती 1 (आईईटी 21665), पंत बासमती 2 (आईईटी 21953), कस्तूरी, माही सुगंधा, बासमती सीएसआर 30 (संशोधनर पश्चात), मालवीय बासमती धान 10-9 (आईईटी 21960), रणबीर बासमती, बासमती 564, पूसा बासमती 1, पूसा बासमती 1121 (संशोधन पश्चात), पूसा बासमती 1509 (आईईटी 21960), पूसा बासमती 6 (पूसा 1401), पूसा बासमती 1609, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1728, वल्लभ बासमती 22, वल्लभ बासमती 21 (आईईटी 19493), वल्लभ बासमती 23, वल्लभ बासमती 24, पूसा बासमती 1718, पंजाब बासमती 4, पंजाब बासमती 5, हरियाणा बासमती 2, पूसा बासमती 1692, जम्मू बासमती 118, जम्मू बासमती 138, जम्मू बासमती 129, जम्मू बासमती 123, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1985, पूसा बासमती 1979, पूसा बासमती 1882, पंजाब बासमती 7 शामिल हैं। 

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टरमहिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

सर्टिफाइड पुराने ट्रैक्टर्स

महिंद्रा 575 डीआई

45 एचपी | 2014 Model | कोटा, राजस्थान

₹ 3,80,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

फार्मट्रैक 50 पावरमैक्स

50 एचपी | 2017 Model | अजमेर, राजस्थान

₹ 2,60,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

स्वराज 855 एफई

48 एचपी | 2021 Model | अहमदनगर, महाराष्ट्र

₹ 7,00,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

कुबोटा एमयू4501 4WD

45 एचपी | 2022 Model | हनुमानगढ़, राजस्थान

₹ 6,70,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सभी देखें