Published - 14 May 2022
पिछले दिनों देश में डीएपी खाद की कमी से किसानों को जुझना पड़ रहा है। देश में डीएपी खाद की लगातार कमी बनी हुई है। ऐसे में किसानों को डीएपी खाद की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जैसा कि खरीफ फसलों की बुवाई का सीजन शुरू होने वाला है और उससे पहले ही देश में डीएपी खाद की निरतंर कमी ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। डीएपी खाद की कमी के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें बढऩे लगी है। वहीं भारत में बाहर से डीएपी का आयात किया जाता है। जरूरत के मुताबिक देश में डीएपी का आयत नहीं हो पाने से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
इन सब बातों को देखते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर की ओर से खरीफ और रबी वर्ष 2022-23 में वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग कर डीएपी की कमी को दूर करने किसानों की सलाह दी है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के निर्देशानुसार खरीफ की फसलों के लिए डीएपी के स्थान पर विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का फसलवार उपयोग करने की सिफारिश की गई है। विश्वविद्यालय के अनुसार किसान खरीफ की फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए डी.ए.पी. के स्थान पर उन्य उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है।
धान और मक्का की फसलों में डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से किसानों को विकल्प के तौर पर अन्य उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी गई है। इसमें धान और मक्का की फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 40:24:16 (नाईट्रोजन 40, फास्फोरस 24, पोटाश 16) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया एक बोरी (50 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (20:20:0:13) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) और पोटाश (27 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (65 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (12:32:16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (50 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट तीन बोरी (150 कि.ग्रा.), पोटाश 27 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग में लाया जा सकता है।
किसान खरीफ दलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 8:20:8 (नाइट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा की आपूर्ति के लिए यूरिया 18 कि.ग्रा., पोटाश 14 कि.ग्रा., सिंगल सुपर फास्फेट ढाई बोरी (125 कि. ग्रा.) अथवा यूरिया पांच कि.ग्रा., एन.पी.के. (12:32:16) एक बोरी (50 कि.ग्रा.), पोटाश 14 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. के साथ ही वर्मी कंपोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता है।
खरीफ तिलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी. के. (8:20:8) (नाइट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8 कि.ग्रा. (सोयाबीन एवं मूंगफली) प्रति एकड़ आपूर्ति के लिए यूरिया (17 कि.ग्रा.) पोटाश (13 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (125 कि.ग्रा.) के साथ वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।
किसान रामतील अनुशंसित पोषक तत्वों की मात्रा (12:12:8) कि.ग्रा. नत्रजन, स्फूर एवं पोटाश प्रति एकड़ है। इन पोषक तत्व की पूर्ति के लिए यूरिया 26 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 13 कि.ग्रा. का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।
गन्ने की फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 120:32:24 (नाइट्रोजन 120, फास्फोरस 32, पोटाश 24) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया पांच बोरी 5 बोरी (250 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (12:32:16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) एवं पोटाश (14 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (260 कि.ग्रा.) सिंगल सुपर फास्फेट चार बोरी (200 कि.ग्रा.), पोटाश 40 कि.ग्रा. अथवा यूरिया (200 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (20:20:0:13) 03 बोरी (150 कि.ग्रा.) एवं पोटाश-40 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।
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