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ग्रीष्मकालीन मूंग व उड़द उपार्जन की पंजीयन तिथि बढ़ाई, किसानों को होगा लाभ

प्रकाशित - 09 Jun 2024

जानें, अब किसान कितनी तारीख तक करा सकेंगे पंजीयन और क्या रहेगी पंजीयन की प्रक्रिया

जिन किसानों ने ग्रीष्कालीन मूंग व उड़द की खेती की है वे अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं। राज्य सरकार ने जायद मूंग व उड़द उपार्जन की तिथि को 5 दिन बढ़ाकर 10 जून 2024 तक कर दिया है। पहले मूंग व उड़द की फसल बेचने के लिए पंजीयन की तिथि 5 जून 2024 निर्धारित की गई थी, लेकिन अधिक किसानों को एमएसपी (MSP) का लाभ देने के उद्देश्य से पंजीयन की तिथि को बढ़ा दिया गया है। अब किसान 10 तारीख तक पंजीयन करवा कर अपनी मूंग व उड़द की फसल को एमएसपी पर बेच सकेंगे। जबलपुर जिले के उप संचालक (कृषि) रवि आम्रवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले ग्रीष्मकालीन मूंग व उड़द के उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन की अवधि 20 मई से 5 जून तक निर्धारित किया गया था। अब पंजीयन की इस अवधि को बढ़कार 10 जून कर दिया गया है। उन्होंने पंजीयन की बढ़ी हुई अवधि में ज्यादा से ज्यादा किसानों से अपना पंजीयन कराने की अपील की है।

किसानों से किस दर पर खरीद जाएगा मूंग व उड़द-

केंद्र सरकार की ओर से रबी व खरीफ सीजन की सभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित किया जाता है। मूंग व उड़द का एमएसपी 2024 के लिए केंद्र सरकार की ओर से 8558 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं उड़द के लिए एमएसपी 6950 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। ऐसे में किसानों से इसी दर पर मूंग व उड़द की खरीद की जाएगी।

इस बार मध्यप्रदेश में कितने क्षेत्रफल में की गई है मूंग व उड़द की खेती-

मध्यप्रदेश में इस साल 13 लाख 24 हजार हैक्टैयर से अधिक क्षेत्र में जायद फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया। इसके विरुद्ध 22 अप्रैल 2024 तक 7.91 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जायद फसलों की बुवाई की गई जो लक्ष्य के विरुद्ध करीब 60 प्रतिशत है। जायद में मूंग, मक्का, उड़द, मूंगफली, धान जैसी फसलें ली जाती है। इनमें से सबसे प्रमुख एवं किसान को मुनाफा देने वाली फसल मूंग की है जिसे प्रदेश के किसान सबसे अधिक क्षेत्र में उगाने लगे हैं। बता दें कि चालू जायद वर्ष 2024 में करीब 11 लाख 58 हजार हैक्टेयर में मूंग की फसल लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके एवज में 22 अप्रैल 2024 तक करीब 6.92 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मूंग की बुवाई की गई थी। जबकि पिछले साल अब तक 6.02 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में मूंग की फसल ली गई थी।

मध्यप्रदेश के किन जिलों में होती है मूंग की खेती-  

मध्यप्रदेश में सबसे अधिक मूंग की खेती, नर्मदापुरम जिले में होती है। इसके अलावा रायसेन, हरदा, नरसिंहपुर, सीहोर, जबलपुर, देवास, गुना, सागर और कटनी जिले में सर्वाधिक मात्रा में मूंग की खेती की जाती है। मूंग के अलावा यहां के किसान उड़द, मूंगफली, मक्का, धान की खेती भी जायद सीजन में करते हैं।

किसान कैसे करें मूंग व उड़द बेचने के लिए पंजीयन-

राज्य के जो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर मूंग व उड़द की फसल बेचना चाहते हैं वे ग्राम पंचायत कार्यालय में बने सुविधा केंद्र, जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थित सुविधा केंद्र, सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं की ओर से संचालित किए जा रहे पंजीयन केंद्र व एमपी किसान एप के जरिये नि:शुल्क पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर प्रति पंजीयन 50 रुपए के शुल्क का भुगतान करके अपना पंजीयन कर सकते हैं।

सिकमी व बटाईदार किसानों के लिए पंजीयन की यह रहेगी व्यवस्था-

सिकमी और बटाईदार श्रेणी किसान अपना पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर कर सकते हैं। किसानों को पंजीयन के समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो व सिकमी नामे की प्रति साथ रखनी होगी। किसानों को फसल एमएसपी पर फसल बेचने के लिए स्लॉट चयन की प्रक्रिया को भी पूरा करना होगा। 

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