रोगमुक्त गन्ना की फसल के लिए इस विधि से करें बुआई, होगी बंपर पैदावार

Share Product प्रकाशित - 26 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

रोगमुक्त गन्ना की फसल के लिए इस विधि से करें बुआई, होगी बंपर पैदावार

जानें गन्ना बुआई की सबसे अच्छी विधि, होगा लाभ

शीतकालीन गन्ना की बुआई जारी है। देशभर में लाखों गन्ना किसान हैं, जो गन्ना का उत्पादन करते हैं और उनकी आजीविका भी यही स्रोत है। गन्ना उत्पादन में कई बार किसानों को गन्ने में रोग लगने की वजह से लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है। अच्छी पैदावार न होने पर भी किसानों को नुकसान होता है। गौरतलब है कि भारत एक मौसमी विविधता वाला देश है। मौसमी विविधता की वजह से अक्सर तेज बारिश, आंधी या तूफान गन्ना को नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार रोग लगने की वजह से भी गन्ना किसानों को बेहद नुकसान पहुंचता है। ऐसे में जरुरी है कि किसान इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए ही गन्ना की बुआई करें। गन्ना की बुआई की कुछ ऐसी विधियां है, जो गन्ना किसानों को न सिर्फ अच्छा उत्पादन देती है, साथ ही गन्ना को रोगमुक्त भी रखती है। 

ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में गन्ना किसानों के लिए गन्ना बुआई की सबसे अच्छी विधि की जानकारी दे रहे हैं, ताकि किसान आसानी से इन विधियों की मदद से अपनी फसल की रोगमुक्त और अच्छी पैदावार कर पाएं।

कितना होगा फायदा

गन्ना बुआई की इस सबसे अच्छी विधि "ट्रेंच विधि" से अगर किसान गन्ना की बुआई करते हैं तो किसान 20% अधिक पैदावार तो पाएंगे ही, साथ ही गन्ना की रोगमुक्त पैदावार भी सुनिश्चित कर पाएंगे। इससे अधिक पैदावार के साथ किसान नुकसान से भी बच पाएंगे। किसान अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे।

इस विधि से करें बुआई

गन्ना बुआई की तकनीक की बात करें तो बुआई की नवीनतम और उत्कृष्ट तकनीक ट्रेंच विधि का उपयोग करें। इस विधि से बुआई करने में गन्ने में रोग लगने की संभावना 95% तक कम हो जाती है। इस विधि में ट्रेंच ओपनर से एक फुट चौड़ी और 25 से 30 सेंटीमीटर गहरी क्यारी बनाई जाती है। एक क्यारी से दूसरी क्यारी के बीच की दूरी 120 सेंटीमीटर होती है।

बीजोपचार भी जरूरी

रोगमुक्त गन्ना की पैदावार और अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी है कि स्वस्थ बीज का चयन किया जाए। स्वस्थ बीज हो इसके लिए उचित बीजोपचार होना जरूरी है। गन्ने के सारे रोगों की वजह अस्वस्थ बीज का उपयोग ही होता है। इसलिए गन्ने की फसल उगाने के लिए पूरा तना की बुआई न करके, इसके दो या तीन आंख के टुकड़े काटकर उपयोग में लायें। गन्ने का ऊपरी भाग से 100 प्रतिशत अंकुरण, बीच में 40 प्रतिशत और निचले भाग में केवल 19 प्रतिशत ही अंकुरण की संभावना होती है। इसलिए दो आंख वाला टुकड़ा अच्छा रहता है, इसे ही बोएं। साथ ही नर्म गर्म हवा उपचारित या टिश्यूकल्चर से उत्पादित बीज का ही चयन करें। 

उन्नत किस्मों का करें चयन

गन्ना की खेती में अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है कि उत्कृष्ट किस्मों का चयन किया जाए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रोग रोधी गन्ना की नई प्रजाति को ही बुआई के लिए चयन करें। गन्ना प्रजाति कोसा 0118, कोसा 13235, कोसा 15023, और कोसा 14201 की बुआई की प्रमुख गन्ना की टॉप 4 किस्में हैं। गन्ना बुआई के समय इस बात का ध्यान रखें कि पतला और बीमार गन्ना का इस्तेमाल बुआई के लिए बिल्कुल भी न करें। बुआई के लिए एक आंख वाला या दो आंख वाला गन्ना का ही उपयोग करें।  तीन या चार आंख वाले गन्ना की बुआई करने पर जमाव प्रतिशत में कमी आती है।

भूमि उपचार भी है बेहद जरूरी

गन्ने की अच्छी पैदावार के भूमि का उपचार किया जाना भी जरूरी है। खेत की बुआई से पूर्व और अंतिम जुताई पर ट्राइकोडर्मा डालकर भूमि का उपचार करें। भूमि उपचार के बाद ही गन्ना की बुआई का कार्य प्रारंभ करना चाहिए।

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