कम बारिश की स्थिति में मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के वैज्ञानिक उपाय

Share Product प्रकाशित - 29 Aug 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

कम बारिश की स्थिति में मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के वैज्ञानिक उपाय

जानें मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के जरूरी टिप्स, बढ़ जाएगा फसल का उत्पादन

सूखे की वजह से मूंगफली के उत्पादन को लेकर किसानों के सामने बड़ी चुनौती है। कम बारिश में मूंगफली की फसल व्यापक रूप से प्रभावित होती है। वर्तमान में देखा जाए तो देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश राज्य सूखे का सामना कर रहे हैं और अगस्त महीने में बारिश कम होने की वजह से किसानों की चिंता और बढ़ गई है। नमी कम होने से मिट्टी में दरारें आ गई है और इसकी वजह से मूंगफली के उत्पादन में एक बड़ी गिरावट भी देखने को मिल सकती है। क्योंकि अगस्त के महीने में ही मूंगफली की फसल में फलियां निकलने लगती है। ऐसे समय में अगर इसकी उचित देखभाल नहीं की जाती है तो फसल का उत्पादन कम हो सकता है।

मंदसौर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ जीएस चुंडावत ने कहा कि मूंगफली की फ़सल में अभी फूल बनने की अवस्था है। अगर अभी मिट्टी की नमी कम होगी या जमीन सूखी होगी तो फलियों की संख्या में बड़ी गिरावट आ सकती है।

ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हम मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के उपाय, कम बारिश के असर को दूर करने और कीट रोगों के नियंत्रण को लेकर भी टिप्स साझा कर रहे हैं।

बारिश की कमी को ऐसे करें दूर

मूंगफली के फसल की बुआई के 35 से 40 दिन बीत चुके हैं। फूल बनने के बाद अब फलियां बननी भी शुरू हो चुकी है। लेकिन कम बारिश और सूखे की वजह से मूंगफली की उत्पादकता कम हो सकती है। इसलिए अगर फसल को समय से बारिश नहीं मिली तो किसान सिंचाई की व्यवस्था कर सकते हैं। अगर फलियां बन चुकी हो तो पौधों की जड़ों के चारों ओर मिट्टी चढ़ा दें इससे फलियों का विकास अच्छे से हो पाता है और फसल की पैदावार में भी इजाफा देखने को मिलता है। मूंगफली की फसल में अगर बोरॉन की कमी दिखे तो 0.2 प्रतिशत बोरेक्स घोल का छिड़काव करें और जिंक की कमी होने की स्थिति में 0.5% जिंक सल्फेट और 0.25% चूने का प्रयोग किया जा सकता है।

ऐसे बढ़ाएं मूंगफली की पैदावार

किसान, मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के कुछ जरूरी टिप्स का उपयोग कर सकते हैं। किसानों को फसल की बुआई के 40 दिन बाद कुछ रसायन का छिड़काव करना चाहिए। इंडोल एसिटिक एसिड 0.7 ग्राम को 7 मिली एल्कोहल में घोलकर और 100 लीटर पानी में मिला दें और फसल पर छिड़काव करें। 

एक सप्ताह बाद 6 मिली इथरेल को 100 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। इससे मूंगफली की पैदावार में 15 से 27 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।

कीट और रोगों से ऐसे करें बचाव

  • मूंगफली की फसल में कॉलर रॉट रोग लगने की संभावना काफी ज्यादा रहती है। इसके नियंत्रण के लिए कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब जैसे फफूंदनाशक का प्रयोग करना चाहिए।
  • मूंगफली में टिक्का रोग की रोकथाम के लिए खड़ी फसल पर जिंक मैंगनीज कार्बामेट 2 किलोग्राम और जिनेब 75% की 2.5 किलोग्राम वाली मेडिसिन को प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में घोलकर हर 10 दिन के अंतराल में 2 से 3 बार छिड़काव करना चाहिए।
  • यदि मूंगफली में दीमक कीट लगते हैं तो किसान दीमक की रोकथाम के लिए हेतु फोरेट 10G की 10 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर या क्लोरोपायरीफास 20 ईसी की चार लीटर मात्रा को एक हेक्टेयर में छिड़काव करें। 
  • साथ ही किसानों को सलाह दी जाती है कि मूंगफली की खेती में किसी भी रोग के संबंध में कृषि विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।

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