प्रकाशित - 12 Dec 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
जानें, कौनसी है योजना और इससे कैसे होगा किसानों को लाभ
केंद्र सरकार की ओर से देश की कृषि में बदलाव लाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से 2817 करोड़ के वित्त पोषण के साथ डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) की घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य पूरी तरह से डिजिटल कृषि अवसंरचना का निर्माण करना है ताकि उत्पादन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने वाले नए कृषि उपकरणों और तकनीकों तक पहुंच बढ़ाई जा सके।
डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) के तहत सरकार का ध्यान कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआईए) बनाना है। इसके तहत एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली और व्यापक मृदा उर्वरता और प्रोफाइल मानचित्र जैसी पहल शामिल की गई हैं। ये उपकरण किसानों को उनकी फसलों के बारे में सटीक, वास्तविक जानकारी प्रदान करेंगे जिससे उन्हें बेहतर निर्णय लेने और अपनी पैदावार में सुधार करने में सहायता मिलेगी।
इस मिशन के केंद्र में एग्रीस्टैक परियोजना (AgriStack Project) है जो एक डिजिटल प्रणाली है जिसमें राज्य सरकारों द्वारा तीन प्रमुख रजिस्ट्रियां की जाएगी जिससे किसानों व सरकार दोनों को लाभ होगा। ये तीन रजिस्ट्रियां इस प्रकार से हैं-
सरकार की ओर से पहले ही 29.99 लाख से अधिक किसानों की आईडी तैयार की जा चुकी है। जबकि 436 जिलों में खरीफ 2024 फसल सीजन में डिजिटल फसल का सर्वेक्षण हो किया जा चुका है। यह सिस्टम सुनिश्चित करता है कि डेटा सुरक्षित रखा जाए और राज्यों के स्वामित्व में हो, ऐसा इसलिए कि इससे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) की आश्यकता पूरी होती है।
डिजिटल कृषि मिशन किसानों को पारदर्शिता और डेटा-संचालित जानकारी तक पहुंच की गारंटी देता है। इसके अलावा यह किसानों को फसलों के प्रबंधन के बारे में निर्णय लेने, डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके पैदावार को बढ़ाने और उनके डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए काम करेगा।
डिजिटल मिशन से किसानों के साथ ही कृषि व्यवसाय को भी लाभ मिलेगा। इससे कृषि इनपुट कंपनियों के लिए नए अवसर खुलेंगे। यहां से उन्हें जो डेटा मिलेगा, वह उनके उत्पाद की पेशकश को बेहतर बनाने, बेहतर वितरण चैनल विकसित करने और किसानों तक अधिक से अधिक व्यक्तिगत तरीके से पहुंचने में अहम भूमिका निभाएगा।
कृषि को बढ़ावा देने के लिए साल 2024 में सरकार की ओर से कृषि योजनाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि कृषि क्षेत्र का विकास हो सके, इसके लिए सरकार की ओर से निम्नलिखित योजनाओं को शुरू किया है।
कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) का विस्तार के लिए 28 अगस्त 2024 को मंत्रिमंडल ने सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों, एकीकृत प्रसंस्करण यूनिटों और पीएम कुसुम- ए परियोजना के साथ अभिसरण को शामिल करने को मंजूरी दी ताकि समग्र कृषि विकास सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) को 3 अक्टूबर 2024 को 10,103 करोड़ के परिव्यय के साथ शुरू किया गया। इस मिशन का लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम 2024-25 से 2023-31 तक चलाया जाएगा।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) को 25 नवंबर को 2,481 करोड़ रुपए के साथ प्रस्तुत किया गया। इसके तहत सरकार की ओर से प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को एक स्थाई विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा जो पर्यावरण अनुकूल होने के साथ ही इस समय कृषि में बदलाव की मांग है।
स्वच्छ संयंत्र कार्यक्रम (सीपीपी) को 9 अगस्त 2024 को 1,765.67 करोड़ के आवंटन के साथ स्वीकृति किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोग मुक्त रोपण सामग्री प्रदान करके बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक पैदावार और टिकाऊ खेती को सुनिश्चित करने के लिए जलवायु परिवर्तन के इस दौर में जलवायु लचीली फसलों को प्रात्साहित करने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।