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रिलायंस कंपनी का जवाब : किसानों को माना अन्नदाता, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोई प्लानिंग नहीं

Published - 04 Jan 2021

किसानों से सीधे गेहूँ की खरीद नहीं करेगी कंपनी

नए कृषि कानून के विरोध के बीच रिलांयस कंपनी ने कॉन्टै्रक्ट फार्मिंग को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। इसमें साफ तौर पर कंपनी ने कहा है कि कंपनी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोई प्लानिंग नहीं और कंपनी किसानों से सीधे तौर पर गेहूँ की खरीद भी नहीं करेगी। बता दें कि पिछले दिनों पंजाब व हरियाणा में दोनों राज्यों में उपद्रवी तत्वों ने कंपनी के जरूरी कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सर्विसेज आउटलेट्स पर तोडफ़ोड़ की थी। इसके बाद कंपनी ने इसको लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के हवाले से रिलांयस ने नए कृषि कानूनों को लेकर दिए गए अपने स्पष्टीकरण में साफ तौर पर कहा है कि वो न तो किसानों से सीधे तौर पर अनाज खरीदती है और न ही कभी खरीदेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की भी कोई प्लानिंग नहीं है। उपद्रवियों द्वारा तोडफ़ोड़ को लेकर कंपनी ने कहा है कि मौजूदा किसान आंदोलन की आड़ में व्यापार प्रतिद्वंद्वी अपनी चाल चलने में लगे हैं। रिलायंस ने नए कृषि कानूनों के नाम पर किए गए दावों को लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया है। 

 

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कंपनी द्वारा जारी किए स्पष्टीकरण की मुख्य बातें

  • रिलायंस रिटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और किसी अन्य सहायक कंपनी ने पहले कभी भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नहीं की है। आगे भी कंपनी का ऐसा कोई प्लान नहीं है।
  • न तो रिलायंस और न ही किसी अन्य सहायक कंपनी ने कृषि जमीन को पंजाब/हरियाणा या देश में कहीं भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खरीदा है। आगे भी कंपनी इस बारे में कोई योजना नहीं बना रही है।
  • रिलायंस रिटेल देश के संगठित खुदरा बाजार की एक प्रमुख कंपनी है। सभी तरह के रिटेल प्रोडक्ट्स में अनाज, फल, सब्जियों समेत रोजाना इस्तेमाल होने वाले कई उत्पाद शामिल हैं। ये सभी उत्पाद स्वतंत्र मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स के जरिए आते हैं। कंपनी कभी भी किसानों से सीधे तौर पर अनाज नहीं खरीदती है। कंपनी ने कभी भी किसानों का फायदा उठाने के लिए लंबी अवधि में खरीद को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है। कंपनी ने यह भी नहीं कहा है कि उसके सप्लायर्स किसानों से सीधे कम कीमत पर खरीदी करें। कंपनी ऐसा कभी नहीं करेगी।
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सभी किसानों के प्रति आभार व आदर व्यक्त किया है। कंपनी ने बयान में कहा कि ये किसान देश के 1.3 अरब आबादी के अन्नदाता हैं। रिलायंस और उसकी सहायक कंपनी किसानों के सशक्किरण के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी भारतीय किसानों के साथ समृद्धि, समावेशी विकास और न्यू इंडिया के लिए मजबूत भागीदारी में विश्वास करती है।
  • कंपनी ने कहा कि वो अपने सप्लायर्स से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी का पालन करने के लिए जोर देगी। यह सरकार द्वारा पूर्वनिर्धारित नियमों के आधार पर ही होगा।

 

 

कंपनी ने गिनाए किसानों के लाभ के लिए गए कार्य

कंपनी ने स्पष्टीकरण जारी करने के साथ ही कंपनी की ओर से किसानों के लाभ के लिए किए जाने वाले कामों को भी गिनाया। इसमें कंपनी ने कहा कि किसानों को नुकसान पहुंचाने के बजाय उसने कई ऐसे काम किए हैं, जिससे किसानों के साथ-साथ आम जनता को भी लाभ मिला है।

 

कंपनी ने किसानों का कैसे किया भला

  • रिलायंस रिटेल ने आधुनिक तकनीक और जबरदस्त सप्लाई चेन की मदद से देश का सबसे बड़ा संगठित रिटेल बिजनेस खड़ा किया है। इससे भारतीय किसानों और आम ग्राहकों को लाभ मिला है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान करोड़ों किसानों के लिए जियो नेटवर्क ने एक लाइफलाइन की तरह काम किया है। जियो नेटवर्क के जरिए किसान, ट्रेडर्स और कंज्यूमर्स डिजिटल कॉमर्स के भागीदार बने हैं। इसकी मदद से प्रोफेशनल्स घर से काम करने में सक्षम हुए हैं। स्टूडेंट्स भी घर बैठे पढ़ाई कर पा रहे हैं। टीचर्स, डॉक्टर्स, मरीज, कोर्ट से लेकर विभिन्न तरह के सरकारी और प्राइवेट ऑफिस को मदद मिली है।

 

जियो के 4 जी डेटा की पहुँच गांव - गांव तक 

जियो के 4जी डेटा की पहुंच देश के हर एक गांव तक है। भारत में डेटा का खर्च का दुनियाभर के मुकाबले बेहद सस्ता है। 4 साल की छोटी अवधि में जियो के पास करीब 40 करोड़ ग्राहक हैं। 31 अक्टूबर 2020 तक जियो के पास 1.40 करोड़ सब्सक्राइबर्स पंजाब में और 94 लाख हरियाणा में हैं। दोनों राज्यों में कुल सब्सक्राबर्स में यह हिस्सेदारी क्रमश: 36 और 34 फीसदी है।

 

स्पष्टीकरण देने के पीछे क्या है कारण? 

कृषि कानूनों को लेकर चल रही चारों ओर अफवाह को लेकर रिलांयस कंपनी को यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। इन दिनों सोशल मीडिया में एक खबर काफी वायरल हो रही है कि जियो रिलांयस किसानों से कम कीमत पर गेहूँ खरीद कर अधिक कीमत पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। इस प्रकार की खबर से चारों ओर अफवाहों बाजार गर्म हो गया कि अब भारतीय कृषि का पूरी तरह निजीकरण होने वाला है और सरकार इसमें पूर्ण रूप से भागीदारी निभा रही है। इन सब बातों को देखते हुए कंपनी की ओर से स्पष्टीकरण जारी करना बेहद जरूरी हो गया था ताकि कंपनी की छबि खराब न हो और किसानों के हित को भी नुकसान नहीं पहुंचे। अब चूंकि रिलांयस कंपनी ने सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण जारी करके ऐसी अपवाहों पर पूर्ण रूप से विराम लगा दिया है।  

 

 

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