राज किसान साथी पोर्टल : अब किसान को एक जगह मिलेगा सभी योजनाओं का लाभ

Share Product Published - 11 Sep 2020 by Tractor Junction

राज किसान साथी पोर्टल : अब किसान को एक जगह मिलेगा सभी योजनाओं का लाभ

राज किसान साथी पोर्टल में होंगे 150 एप, 20 से अधिक एप किए जा चुके हैं तैयार

केंद्र व राज्य सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ बहुत सी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान को अभी तक आफलाइन आवेदन करना पड़ता था और यदि आनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना हो तो उसके लिए अलग-अलग पोर्टल पर उसे जाना पड़ता है। जैसे किसान को दो योजनाओं का लाभ लेना है तो उसे दो अलग-अलग पोर्टल पर जाकर उसके लिए आवेदन करना पड़ता है, पर अब ऐसा नहीं होगा। अब राजस्थान सरकार किसानों की सुविधा के लिए एक ऐसा पोर्टल तैयार कर रही है जिससे किसानों को एक ही पोर्टल पर कई योजनाओं का लाभ मिल जाएगा। इस पोर्टल का नाम राज किसान पोर्टल रखा गया है। इस पोर्टल की मदद से किसान एक ही पोर्टल से सभी योजनाओं का लाभ ले सकेगा। राजस्थान सरकार ने जनवरी में इस पोर्टल बनाने की शुरआत की थी। कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने किसानों को सभी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर ऑनलाइन मुहैया कराने के लिए विकसित किए जा रहे ’राज किसान साथी’ पोर्टल का कार्य समयबद्ध ढंग से शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए है। मीणा यहां पंत कृषि पंत कृषि भवन में अधिकारियों के साथ पोर्टल की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

 

किसान और पशुपालक के लिए उपयोगी है ये पोर्टल

प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने मीडिया को बताया कि यह एकीकृत पोर्टल किसान और पशुपालक के लिए बहुत लाभदायक है, जिसमें सभी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर ऑनलाइन मिल सकेगा। उन्होंने एप निर्माण में उच्च गुणवत्ता का समावेश करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को इसके उपयोग में आसानी हो और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। उन्होंने इस पोर्टल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रत्येक एप का कार्य तय तारीख पर पूर्ण करें तथा प्राथमिकता के आधार पर जो एप ज्यादा जरूरी है, वह पहले बनाएं। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी विभाग प्राथमिकता से एप बनवाएं। उन्होंने कहा कि वह हर एप के निर्माण की तारीख तय कर प्रत्येक महीने समीक्षा करेंगे।

 

 

क्या है राज किसान साथी पार्टल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल बजट भाषण में किसानों की सुविधा के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग’ की घोषणा की थी। उसी के तहत ’राज किसान साथी’ पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए पंत कृषि भवन में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की गई है। इस पोर्टल पर 150 एप विकसित किए जाने हैं, जिनमें से 20 से अधिक एप का कार्य पूर्ण हो चुका है।

 

पार्टल को शुरू करने का सरकार का उद्देश्य

राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने के लिए राजस्थान राज किसान साथी पोर्टल को शुरू किया जाएगा। इस ऑनलाइन पोर्टल के जरिये राज्य के किसानों और पशुपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना ही सरकार का उद्देश्य है। किसानों को अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे किसानो के समय की बचत भी होगी।

 

सरल आवेदन प्रक्रिया के साथ ऑनलाइन होगा अनुदान का भुगतान

इस पोर्टल के जरिये किसानों को कृषि एवं संबद्ध विभागों की योजनाओं की सब्सिडी के आवेदन व खेती की संपूर्ण जानकारी एक ही स्थान पर ऑनलाइन उपलब्ध होगी। साथ ही अनुदान योजनाओं में आवेदन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है। इस पोर्टल के जरिये आवेदन से लेकर किसान के खाते में अनुदान के भुगतान तक की प्रक्रिया अब संपूर्ण रूप से ऑनलाइन ही होगी। इस एकीकृत पोर्टल में कृषि, उद्यान, कृषि विपणन, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य पालन विभाग, बीज निगम व जैविक प्रमाणीकरण संस्था को शामिल किया गया है।

 

 

राज किसान पोर्टल (Raj Kisan portal) की विशेषताएं

  • आवेदकों को अपने पंजीकृत मोबाइल फोन पर चरण दर चरण प्रक्रिया के संदेश प्राप्त होंगे।
  • पोर्टल पर, कृषि मशीनरी, बागवानी, कृषि विपणन, सहकारी समितियों, पशुपालन, मत्स्य विभाग, बीज निगम और जैविक प्रमाणीकरण निकाय को शामिल किया गया है।
  • यह पोर्टल राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • राज किसान साथी पार्टल से किसानों को लाभ-
  • इस ऑनलाइन पोर्टल का लाभ राजस्थान की किसानों और पशुपालकों को प्रदान किया जाएगा। राज्य के किसान को इस ऑनलाइन पोर्टल पर सरकारी योजनाओं और खेती से संबंधित हर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • राज किसान साथी’ पोर्टल पर कृषि के साथ ही संबन्धित विभागों की सभी जानकारियां भी एक ही जगह ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इनमें उद्यान विभाग, कृषि विपणन विभाग, पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग, मत्स्य पालन विभाग, राज्य बीज निगम और जैविक प्रमाणीकरण संस्था को शामिल किया गया है।
  • इस ऑनलाइन पोर्टल के शुरू होने से विभागों के कामकाज में भी इससे पारदर्शिता आएगी। वहीं इस पार्टल के शुरू होने के बाद, किसान एक स्थान पर विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे।

 

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