प्रकाशित - 24 Oct 2024
सोयाबीन की गिरती कीमतों को लेकर किसान काफी चिंतित हैं। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से किसानों से सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर करने की घोषणा कर दी गई है। राज्य में सोयाबीन की खरीद दीवाली से पहले 25 अक्टूबर से शुरू हो रही है। खास बात यह है कि सोयाबीन की खरीद किसानों से एमएसपी पर पहली बार की जा रही है। इससे किसान भी सोयाबीन की सरकारी खरीद को लेकर उत्साहित है। सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 31 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगी। किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने में कोई असुविधा नहीं हो, इसके लिए इस बार प्रदेश में टोकन सिस्टम से सोयाबीन की खरीद करने का फैसला लिया गया है। ऐसे में किसानों को पहले टोकन लेना होगा उससे दिखाकर ही किसान से सोयाबीन की खरीद की जाएगी।
प्रदेश में सोयाबीन के लिए बनाए गए केंद्रों पर किसानों से टोकन सिस्टम से ही सोयाबीन की खरीद की जाएगी। किसान को सोयाबीन की खरीद के पहले टोकन लेना होगा। टोकन के अभाव में किसान खरीद केंद्रों पर सोयाबीन का विक्रय नहीं कर पाएंगे। टोकन सिस्टम लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों से सुविधाजनक तरीके से सोयाबीन की खरीद करना जिससे किसानों को कोई परेशानी नहीं हो।
मध्यप्रदेश में इस बार टोकन सिस्टम लागू किया गया है ताकि किसानों से सुचारू रूप से सोयाबीन की खरीद बिना किसी रूकावट के की जा सके। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए क्रय एजेंसी द्वारा क्रय केंदों की क्षमता को ध्यान में रखकर टोकन जारी किए जाते हैं। यदि क्रय केंद्रों पर व्यवस्था न हो पाए, तो जिला कलेक्टर द्वारा इन केंद्रों पर फसल क्रय की जाने वाली तारीख निर्धारित करके किसानों को टोकन जारी किए जाते हैं।
मध्यप्रदेश में सोयाबीन की खरीद के लिए 1400 से अधिक खरीद केंद्र बनाए गए हैं, सरकार का कहना है कि यदि जरूरत हुई तो इससे भी अधिक खरीद केंद्र खोले जाएंगे। यह खरीद केंद्र सरकारी मंडियों, सहकारी समितियों आदि में स्थापित किए गए हैं। वहीं किसानों को उनके द्वारा बेची गई उपज का भुगतान 48 घंटे से सीधे उनके खाते में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पहली बार मध्यप्रदेश को 13.68 मीट्रिक टन सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनुमति दी गई है।
राज्य कैबिनेट की हाल ही में 22 अक्टूबर को हुई बैठक में मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक होगी। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 2024 के अनुसार किसानों से सोयाबीन की खरीद की जाएगी। इस साल के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। उपमुख्यमंत्री के अनुसार सोयाबीन फसल बेचने के लिए अब तक 3.44 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अभी भी जारी है।
कमोडिटी ऑनलाइन बाजार भाव के अनुसार मध्यप्रदेश की राजगढ़ की नरसिंहगढ़ मंडी में सोयाबीन का भाव 3999 क्विंटल, रतलाम की सैलान मंडी में 4321 रुपए प्रति क्विंटल, सीहोर जिले की नसरुल्लागंज मंडी में सोयाबीन का भाव 4175 रुपए प्रति क्विंटल, धार की बदनावर मंडी में सोयाबीन का भाव 4199 प्रति क्विंटल, देवास की खातेगांव मंडी में 3926 रुपए क्विंटल, खंडवा की हरसूद मंडी में सोयाबीन का भाव 4019 रुपए क्विंटल, सागर की शाहगढ़ मंडी में सोयाबीन का भाव 4200 प्रति क्विंटल, विदिशा की लैटैरी मंडी में सोयाबीन का भाव 4020 प्रति क्विंटल चल रहा है। इसी तरह प्रदेश की अन्य मंडियो में सोयाबीन का भाव चल रहा है। बता दें कि उपरोक्त बताए गए भाव मंडियों में सोयाबीन के अधिकतम भाव है। जबकि सोयाबीन का एमएसपी इससे कहीं ज्यादा है।
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