प्रकाशित - 17 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से किसानों से प्रत्येक रबी और खरीफ सीजन के दौरान फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है। इसके लिए प्रतिवर्ष रबी और खरीफ फसलों की बुवाई के पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार द्वारा की जाती है। इस समय देश में रबी फसलों की बुवाई और खरीफ फसलों की एमएसपी पर खरीद चल रही है। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार पहले ही कर चुकी है। इस समय कई राज्यों में खरीफ की फसल की खरीद की जा रही है। पंजाब, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, केरल, तेलंगाना, हरियाणा और तमिलनाडु में धान की खरीद की प्रक्रिया जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार 10 नवंबर 2022 तक किसानों से 231 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जिसकी एवज में सरकार की ओर से 13.50 लाख किसानों को करीब 47644 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया है। धान की खरीद का समय पर भुगतान मिलने से किसान खुश है।
विपणन सत्र 2022-23 (खरीफ फसल) के लिए धान की खरीद 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रही है। इस बार इन राज्यों में एमएसपी पर धान की बंपर खरीद हो रही है। आंकड़ों के अनुसार 10 नवंबर 2022 तक किसानों से 231 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसकी तुलना में पिछले वर्ष की इसी अवधि में किसानों से करीब 228 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। इस तरह देखा जाए तो इस बार एमएसपी पर धान की खरीद ज्यादा हो रही है।
इस वर्ष देश में बारिश की स्थिति काफी अच्छी रही और धान का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है। वर्तमान खरीफ विपणन सत्र 2022-23 की खरीफ फसल के लिए 771 लाख मीट्रिक टन धान (चावल के मामले में 518 लाख मीट्रिक टन) की खरीद का अनुमान लगाया गया है। इसकी तुलना में पिछले खरीफ विपणन सत्र 2021- 22 (खरीफ फसल) के दौरान 759 लाख मीट्रिक टन धान (चावल के मामले में 510 लाख मीट्रिक टन) खरीदा गया था। इसमें रबी की धान को शामिल करने से पूरे खरीफ विपणन सत्र 2022-23 के दौरान लगभग 900 लाख मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष की भांति इस बार भी खरीफ फसलों के लिए एसएसपी की घोषणा की गई है। इसके अनुसार धान की सामान्य किस्म का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं धान की ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 2060 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। बता दें कि पिछले वर्ष समान्य धान का एमएसपी 1940 रुपए जिसमें 100 रुपए की बढ़ोतरी सरकार ने की है। वहीं धान की ए ग्रेड किस्म का एमएसपी पहले 1960 रुपए था, इसमें भी 100 रुपए बढ़ाया गया है। इस तरह इस बार किसानों को एमएसपी पर धान बचने पर प्रति क्विंटल 100 रुपए ज्यादा मिल रहे हैं।
धान के अलावा किसानों से ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन की खरीद भी जा रही है। इसके लिए जो एमएसपी तय किया गया है, वे इस प्रकार से है।
हर बार की तरह अलग-अलग राज्यों की सरकार ने अपने यहां धान खरीदी का अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक करोड़ टन से ज्यादा धान खरीदी का लक्ष्य तय किया है। पंजाब में धान खरीद लक्ष्य 170 लाख टन निर्धारित किया गया है। हरियाणा सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश में धान खरीद का लक्ष्य 73 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। बिहार सरकार ने इस बार एमएसपी पर 45 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। उत्तराखंड में इस सीजन में धान खरीद का लक्ष्य नौ लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
इस समय देश के अलग-अलग राज्यों में एमएसपी धान की खरीद हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु में धान खरीद में बढ़ोतरी हुई है। वहीं पंजाब और हरियाणा सरकार इस बार तय लक्ष्य से ज्यादा किसानों से धान की खरीद कर सकती है। इधर उत्तरप्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस बार धान का उत्पादन कम हुआ है। इसलिए यहां धान की खरीद सामान्य ही रहने का अनुमान है।
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