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MSP पर खरीद : 22 नवंबर से ज्वार, बाजरा और 2 दिसंबर से शुरू होगी धान की खरीद

प्रकाशित - 13 Nov 2024

धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन नीति घोषित, जानें, क्या रहेगी ज्वार, बाजरा व धान खरीद की व्यवस्था

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से ज्वार, बाजरा और धान की खरीद करेगी। कई राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य  (Minimum Support Price) पर खरीफ फसलों की खरीद का काम चल रहा है तो कहीं पर शुरू होने वाला है। इसी कड़ी में प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की खरीद 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक होगी और धान की खरीद का काम 2 दिसंबर से शुरू किया जाएगा जो 20 जनवरी 2025 चलेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद से पहले प्रदेश सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा को लेकर उपार्जन नीति घोषित कर दी है। अब प्रदेश में इस नीति के तहत ही किसानों से धान, बाजरा व ज्वार की खरीद की जाएगी।

अधिकारियों को दिए निर्देश, लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के सभी कलेक्टरों, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित कराया जाए जिससे किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा को पूरा किया जा सके। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी।

किसानों की सुविधा के अनुसार होगा उपार्जन केंद्र का निर्धारण

उपार्जन केंद्र के स्थान का निर्धारण किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। उपार्जन केंद्र प्राथमिकता से गोदाम/कैंप परिसर में स्थापित किए जाएंगे। गोदाम या कैंप उपलब्ध नहीं होने पर समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे। जिले में उपार्जन केंद्रों का निर्धारण किसान पंजीयन में दर्ज, बोया गया रकबा एवं विगत वर्ष निर्धारित उपार्जन केंद्रों के आधार पर राज्य उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा। खाद्य मंत्री के मुताबिक निर्धारित अवधि में उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन की मात्रा निर्धारण पिछले तीन सालों में धान, ज्वारा एवं बाजरा की उपार्जन मात्रा में औसत बढ़ोतरी और बोए गए रकबे के आधार पर किया जाएगा। एमएसपी (MSP) पर धान, ज्वारा व बाजरा की खरीद के लिए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

प्रदेश में यह संस्थाएं करेगी धान उपार्जन का काम

फसल उपार्जन का काम प्रदेश की सहकारी समितियां, बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएं, ब्लॉक स्तरीय विपणन सहकारी संस्थाएं, जिला थोक उपभोक्ता भंडार, महिला स्व-सहायता समूह एवं कलस्टर लेवल फेडरेशन, उपार्जन कार्य करने के लिए सहमति देने वाली अन्य संस्थाओं को दिया जा सकेगा। उपार्जन करने वाली संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाएगा।

बारदाने की यह रहेगी व्यवस्था-

प्रदेश में एमएसपी पर धान उपार्जन के लिए 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नए जूट बारदाने का उपयोग किया जाएगा। बारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जाएगी। ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन के लिए नए बारदानों का उपयोग किया जाएगा।

एफएक्यू के आधार पर होगी फसल की खरीद

कृषि उपज मंडियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार और बाजरा की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं की जाएगी। नॉन एफएक्यू उपज का सैंपल कृषि उपज मंडी द्वारा संधारित किया जाएगा। किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे व राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर किसान द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जाएगा। 

किस रेट पर होगी एफएक्यू मानक धान, ज्वार और बाजरा की खरीद

प्रदेश में एफएक्यू मानक धान, ज्वार और बाजरा की खरीद केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए एमएसपी के अनुसार की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से धान, ज्वार व बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार तय किया गया है-

  • धान सामान्य का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 2300 रुपए प्रति क्विंटल
  • धान ग्रेड “ए” का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 2320 रुपए प्रति क्विंटल
  • ज्वार हाइब्रिड का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 3371 रुपए प्रति क्विंटल
  • ज्वार मालदंडी का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 3421 रुपए प्रति क्विंटल
  • बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 2625 रुपए प्रति क्विंटल

किसान धान, ज्वार व बाजरा बेचने के लिए कहां कराएं पंजीयन-

मध्यप्रदेश में किसानों को अपनी धान, ज्वार व बाजरा की उपज बेचने के लिए उपार्जन केंद्र व विक्रय दिनांक के चयन के लिए www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट की बुकिंग करानी होगी। एमपी उपार्जन पर पंजीयन के बाद किसानों को मोबाइल पर जानकारी दी जाती है। इसके अलावा एसएमएस और उपार्जन पोर्टल के प्रिंट आउट के जरिये भी जानकारी मिलती है। इसके अलावा यदि किसानों को कोई पंजीयन एवं उपार्जन से संबंधित कोई समस्या हो तो उसके लिए कंट्रोल रूप भी स्थापित किया जाएगा। इसका टेलीफोन नंबर 0755-2551471 रहेगा। उपार्जन अवधि में यह नंबर सुबह 9 से रात 7 बजे तक संचालित रहेगा।

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