Published - 30 Aug 2021 by Tractor Junction
किसानों के लिए एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है, केंद्र सरकार ने कर्नाटक के किसानों से हरे और काले चने की खरीद को मंजूरी दे दी है। किसानों हर साल एमएसपी पर फसल बिक्री हेतु इंतजार करते हैं। कर्नाटक के किसानों के लिए अभी अच्छा मौका है, चना का सरकारी रेट पर बिक्री हेतु किसानों को 45 दिन के भीतर पंजीकरण करना होगा। सरकार ने फसल उत्पाद ( चना) खरीदी की प्रक्रिया को खत्म करने की अधिकतम सीमा 90 दिनों की रखी है। सरकार ने हरे और काले चने की खरीद के लिए डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत किसानो के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करेगी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय खरीफ सीजन 2021-22 के लिए किसानों से अधिकतम 30 हजार मीट्रिक टन हरा चना और 10,000 मीट्रिक टन काला चना की खरीद करेगी।
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भारत हमारा कृषि प्रधान देश है, आधा कार्यबल कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है। अक्सर ऐसा होता है कि किसान जब फसल उपजा कर मंडी में पहुंचते हैं, तो अधिक आवक की वजह से फसल का रेट गिर जाता है। ऐसे में उस समय फसल का बेचना किसानों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। लेकिन अधिकतर किसानों को मजबूरी में फसल बेचना ही पड़ता है, जिसका बड़ा कारण किसानों के पास स्टोरेज की क्षमता का अभाव है। यदि वही फसल कुछ महीनो बाद बेचा जाए तो पहले के मुकाबले रेट अधिक मिलता है। यही वजह है कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार ने किसानों को गोदाम बनाने हेतु लोन और सब्सिडी की व्यवस्था कर रखी है। किसानों को सपोर्ट देने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद करती है, और फिर उसे सरकारी गोदाम में रखकर सही समय पर बिक्री कर देती है। इससे किसानों को होने वाले व्यापक नुकसान की भरपाई हो जाती है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के स्रोतों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को एमएसपी पर चना खरीदी की मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने अगले 90 दिन तक एमएसपी पर उत्पाद की खरीदी के आदेश दिए हैं। चना का सरकारी रेट यानी चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य दर 7275 रुपए प्रति क्विंटल हरा चना और 6300 रुपए प्रति क्विंटल काला चना रखा गया है, और इसी रेट पर खरीदी की जायेगी। हालांकि सरकार ने प्रत्येक किसानों पर एक शर्त रखी है कि कोई भी किसान से अधिकतम 6 क्विंटल उत्पाद ही खरीदा जायेगा। हर किसान 6 क्विंटल चना एमएसपी मूल्य पर बेच सकेंगे। और प्राप्ति रसीद मिल जाने के बाद कुछ दिनो में किसानों के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर हो जायेंगे। इस बार सरकार ने रिकॉर्ड स्तर पर एमएसपी पर अन्य उत्पादों की भी खरीदी की है। उपभोक्ता खारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार इस बार धान की खरीद 773 लाख मीट्रिक टन से ऊपर जाते हुए एक नया रिकार्ड स्थापित कर दिया है। जो कि अबतक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुका है। मंत्रालय ने कहा, मूल्य समर्थन योजना से लगभग 129 लाख से भी अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है।
रबी मार्केटिंग सीजन में रिकॉर्ड गेहूं की खरीदी हुई थी। इस वित्तीय वर्ष में सरकारी एजेंसियों ने रिकॉर्ड 433 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा गेहूं की खरीदी की है। जो अब तक के सर्वोच्च स्तर पर हुआ है। विगत वर्ष 49.20 लाख किसानों से 389.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई थी। जिसके लिए 49.20 लाख किसानों को एमएसपी दरों पर लाभांतरण भी किया गया है। 85603.57 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2021 और ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत दलहन और तिलहन की बड़े पैमाने पर खरीद की मंजूरी दी गई है। तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, राजस्थान, आंध्रप्रदेश राज्य में 109.58 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन उत्पादन की खरीदी को मंजूरी दी गई है।
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