Published - 03 Aug 2021 by Tractor Junction
इस बार मध्यप्रदेश मेें ग्रीष्मकालीन मूंग का बंपर उत्पादन हुआ है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से दुबारा मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर खरीद की अनुमति मांगी है। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन मूंग किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा जागा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक मूंग समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जाने की अनुमति मांगी गई है। मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह विशेष अनुमति प्राप्त करने के लिए दिल्ली में हैं। कृषि मंत्री पटेल ने मीडिया को बताया है कि प्रदेश को एक लाख 34 हजार मीट्रिक टन ग्रीष्मकालीन मूंग के उपार्जन की अनुमति प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा किए गए सर्वे अनुसार प्रदेश में 12 लाख 16 हजार मूंग का उत्पादन हुआ है। श्री पटेल ने बताया कि लगभग 2 लाख मीट्रिक टन की और खरीदी के लिए उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी श्री विवेक अग्रवाल से दूरभाष पर चर्चा की है।
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मध्यप्रदेश में इस वर्ष जायद मूंग का उत्पादन बहुत अधिक हुआ है। इस वर्ष किसानों ने राज्य में 6 लाख 82 हजार हैक्टेयर भूमि में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की थी। जिसमें 12 लाख 16 हजार मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन हुआ है। किसानों को उचित मूल्य मिल सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी करने का फैसला किया था। इसके तहत राज्य के 2 लाख 32 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राज्य में 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन मूंग की खरीदी की अनुमति ही दी थी जबकि राजस्व विभाग द्वारा किये गए सर्वे अनुसार प्रदेश में 12 लाख 16 हजार मूंग का उत्पादन हुआ है। जिससे राज्य के ज्यादातर किसान एमएसपी पर मूंग बेचने से वंचित रह गए है। इससे 2 लाख मीट्रिक टन की और खरीदी के लिए अनुमति मांगी गई है। केंद्र से अनुमति मिलने पर राज्य के अधिक से अधिक किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की उपज बेच सकेंगे।
अगर राज्य में फिर से ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी शुरू होती है तो राज्य के 30 जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग को पहले 27 जिलों के किसान बेच सकते थे लेकिन बाद में इसमें भोपाल, बुरहानपुर तथा श्योपुरकला जिलों को भी अब जोड़ दिया गया है। जिससे जिलों की संख्या 30 हो जाती है। यदि केंद्र सरकार अधिक मूंग खरीदी की अनुमति देती है तो इन जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष रबी और खरीब की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Purchase at Minimum Support Price ) की घोषणा की जाती है। इस बार मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इसके लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7196 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण फैज अहमद किदवई ने मीडिया को बताया कि दालों की उचित मूल्य पर उपलब्धता के लिए थोक व्यापारियों के लिए दालों (मूंग डॉलर चना छोडक़र) की भंडारण की अधिकतम सीमा 500 मीट्रिक टन सुनिश्चित की गई है। जबकि खुदरा या फुटकर व्यापारी 5 मीट्रिक टन तक दाल का भंडारण कर सकेंगे। किदवई ने बताया कि यह सीमा 31 अक्टूबर 2021 तक के लिए है। प्रमुख सचिव खाद्य ने बताया कि थोक व्यापारी अधिकतम 500 मेट्रिक टन दालों का भंडारण कर सकेगा। इसमें एक किस्म की दाल अधिकतम 200 मेट्रिक टन तक ही भंडारित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए विधिक इकाइयां को इसकी घोषणा उपभोक्ता मामलों की वेब पोर्टल पर दर्ज कराना होगी। यदि उनके पास धारित स्टॉक सीमा से अधिक होगा तो उन्हें अधिसूचना जारी होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर स्टॉक निर्धारित सीमा में लाना होगा। प्रमुख सचिव किदवई ने कहा कि सीमा का यह प्रतिबंध आयातित दालों पर लागू नहीं होगा परंतु इसके लिए आयातक को उपभोक्ता मामलों के वेब पोर्टल fcainfo.nic.in पर दाल के स्टॉक की घोषणा करना होगी। उन्होंने कहा कि व्यापारी को स्टॉक रजिस्टर मेंटेन करना होगा।
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