Published - 18 Sep 2020 by Tractor Junction
केंद्र सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष के लिए खरीफ की फसल धान, बाजरा व ज्वार के समर्थन मूल्य तय कर दिए गए हैं। इससे किसानों को मंडी में फसल बेचने में आसानी होगी। समर्थन मूूल्य वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार किसान से फसल खरीदती है। यह मूल्य हर वित्तीय वर्ष के लिए अलग-अलग तय किए जाते हैं। समर्थन मूल्य से नीचे जिंस की खरीद नहीं की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो किसान इसकी शिकायत कर सकता है।
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मध्यप्रदेश सरकार ने तय समर्थन मूल्य पर किसानों से उपज खरीदने को लेकर पंजीयन का कार्य शुरू कर दिया है। राज्य में इसके पंजीयन का कार्य 15 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। इस बार पंजीयन का कार्य पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक समय के लिए किया जाएगा। इसके पीछे कारण यह है कि किसानों से अधिक से अधिक जिंसों की खरीद की जा सके जिससे किसानों को फायदा हो।
बता दें कि इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए खरीफ फसलों में धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपए, बाजरा 2150 रुपए एवं ज्वार 2620 रुपए समर्थन मूल्य तय किया गया है। इस समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने इसके पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत किसान अपना पंजीकरण करवा कर मंडी में बिना कोई रूकावट के समर्थन मूल्य पर फसल बेच सकेंगे।
ऐसे किसान जिनकी स्वयं की अपनी जमीन है अर्थात भू-स्वामी है वह किसान एमपी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र, ई-उपार्जन पंजीयन एप या वेब पोर्टल से या समिति स्तर पर स्थापित केंद्र से पंजीकरण करवा सकते हैं। वहीं ऐसे सिकमीदार या वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को पंजीयन हेतु समिति स्तर पर स्थापित केंद्र से ही करवानी होगी। मध्यप्रदेश में धान, बाजरा एवं ज्वार का पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है किसान भाई 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पंजीयन केंद्र पर सुबह 10.30 बजे से लेकर शाम 05.30 बजे तक शासकीय अवकाश एवं रविवार को छोडक़र कर करवा सकते हैं।
हरियाणा सरकार सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली के लिए खरीदी जाने वाले धान की खरीद पहली अक्टूबर के बजाय 25 सितंबर से शुरू करना चाह रही है। इसकी अनुमति के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। हाल ही में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने हरियाणा निवास में फसल खरीद की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि किसानों को धान की फसल बेचने में कोई दिक्कत न आए, इसलिए पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष 200 खरीद केंद्र ज्यादा बनाए जाएंगे। ये खरीद केंद्र प्रदेश के उन आठ जिलों में बनाए जाएंगे जिनमें धान की पैदावार अधिक होती है। हिसार, सिरसा, भिवानी क्षेत्र में बाजरा की पैदावार अच्छी है। किसानों को बाजरे की फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े इसलिए पिछले साल के मुकाबले खरीद केंद्र करीब दोगुने कर दिए हैं। इसी तरह मूंग की खरीद के लिए भी 15 से बढ़ाकर 30 खरीद केंद्र बनाने का फैसला लिया है।
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