प्रकाशित - 15 Jul 2023
खेती को आधुनिक करने और अच्छी पैदावार के लिए किसानों द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार भी किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कई सारी योजनाएं ला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है, पॉलीहाउस सब्सिडी योजना। इस योजना के तहत किसानों को एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस बनाने के लिए 16 लाख 80 हजार की सब्सिडी मिलती है। पॉलीहाउस की मदद से किसान ज्यादा तापमान और धूप में भी फल, फूल और सब्जियों की खेती (Cultivation of Vegetables) आसानी से कर सकते हैं। साथ ही किसान वैसी फसलों की खेती कर सकते हैं, जिनकी मार्केट में अत्यधिक मांग है। आजकल बड़े-बड़े किसान पॉलीहाउस की मदद से मार्केट डिमांड के हिसाब से खेती करते हैं और उन फसलों की पैदावार भी कर पाते हैं जिसे कम या ज्यादा तापमान की वजह से ज्यादातर किसान नहीं उगाते और मार्केट में उन फसलों की अच्छी मांग रहती है।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming), पॉलीहाउस के फायदे, पॉलीहाउस के प्रकार, पॉलीहाउस में खेती (Farming in Polyhouse) कैसे करें, पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming) के लाभ, पॉलीहाउस सब्सिडी आदि की जानकारी दे रहे हैं।
पॉलीहाउस के फायदे की बात करें तो आपको बता दें कि इसकी मदद से किसान पहले की अपेक्षा 4 गुना ज्यादा फायदा प्राप्त कर पाता है। पॉलीहाउस में विभिन्न फसलों की खेती (cultivation of crops) कर उसे बाजार में 4 गुना अधिक दाम में बेच सकते हैं। परंपरागत खेती की अपेक्षा पॉलीहाउस में खेती किसानों को काफी अच्छा मुनाफा देता है। विशेषज्ञों की मानें तो एक पॉलीहाउस किसान को सालाना 10 लाख रुपए की इनकम दे सकता है। सरकार किसानों को इस कार्य के लिए सब्सिडी भी प्रदान करती है।
पॉलीहाउस सब्सिडी (Polyhouse Subsidy) की बात करें तो हरियाणा सरकार किसानों को एक एकड़ पर पॉली हाउस लगाने पर 16 लाख 80 हजार रुपए की सब्सिडी प्रदान कर रही है। किसानों को पाॅलीहाउस निर्माण के लिए कुल लागत का 50% राशि सब्सिडी के तौर पर दिए जाते हैं। एक पॉलीहाउस के निर्माण में किसानों को लगभग 34 लाख रुपए का खर्च आता है। जिसमें से किसानों को लगभग 16.80 लाख रुपए तक अनुदान मिल जाता है।
पॉलीहाउस के बहुत फायदे हैं। पॉलीहाउस की मदद से किसान अपने उत्पादन को 4 गुना तक बढ़ा सकते हैं। इस पर मौसम की मार नहीं पड़ती। लाखों की संख्या में किसान पॉलीहाउस की मदद से सालाना अच्छी कमाई कर पा रहे हैं। पॉलीहाउस की खेती करने वाले हरियाणा के एक किसान धर्मवीर, जो यमुना नगर के चमरौडी गांव के निवासी हैं, वे बताते हैं कि पॉलीहाउस के लिए सरकार की ओर से उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी मिली है। पॉलीहाउस बनाने पर 34 लाख रुपयों का खर्चा आया है। लेकिन सरकार से इसके लिए 16 लाख के लगभग मदद मिली। इस पॉलीहाउस की मदद से इतनी कमाई हुई कि प्रगतिशील किसान धर्मवीर ने एक और पॉलीहाउस बनवाया है। इस पॉलीहाउस की मदद से ग्रामीण इलाकों की दर्जनों महिलाएं रोजगार पा रही हैं।
पॉलीहाउस एग्रीकल्चर (polyhouse agriculture) की बात करें तो किसानों के लिए पाॅलीहाउस की खेती एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से सब्जियों और फूलों की खेती (Flower Farming) वैसे सीजन में भी की जा सकती है, जब उसके अनुकूल वातावरण नहीं होता है। जैसे हाल ही में टमाटर के दाम में काफी वृद्धि हुई क्योंकि बारिश की वजह से देश भर में ज्यादातर किसानों के टमाटर के पौधे गल गए और टमाटर की आवक कम हो गई और भाव भी बढ़ गए। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में भी पॉलीहाउस में खेती की जा सकती है। पॉलीहाउस में खेती कैसे करें इसके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है।
पॉलीहाउस खेती से काफी लाभ है, जो इस प्रकार है।
बनावट के आधार पर पॉलीहाउस तीन प्रकार के यानी झोपड़ीनुमा, गुम्बदाकार, गुफानुमा हो सकते हैं। पॉलीहाउस का स्ट्रक्चर स्टील से बनाया जाता है। प्लास्टिक की शीट से ऊपर का हिस्सा ढका जाता है। पराबैंगनी और प्रतिरोधी पारदर्शी किरणों को परावर्तित करने के लिए 200 माइक्रॉन मोटाई वाली शीट लगाई जाती है। इससे फसलों अनुकूल वातावरण और संरचना तैयार हो पाती है। पॉलीहाउस के प्रकार और संरचना, किसानों की जरूरत के हिसाब से अलग हो सकती है।
हरियाणा के अलावा कई अन्य राज्य जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पॉलीहाउस पर सब्सिडी प्रदान की जाती है।
हरियाणा में पॉलीहाउस पर सब्सिडी पाने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है।
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