Published - 26 Nov 2021
इस समय कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर खरीद केंद्रों पर व्यवस्था की हुई है ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई परेशानी नहीं हो। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से भी खरीद केंद्रों पर व्यवस्था की गई है। पहले राज्य में बिना सत्यापन के किसानों से धान की खरीद नहीं की जाती थी। लेकिन अब राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बाध्यता को समाप्त कर दिया है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार किसानों की सुविधा के लिए 100 क्विंटल तक धान की उपज को राजस्व विभाग के सत्यापन से छूट प्रदान की गई है। अब किसान बिना सत्यापन के 100 क्विंटल तक धान एमएसपी पर बेच सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि किसानों का हित सर्वोपरी है और पारदर्शिता से धान की खरीद हो। उन्होंने कहा कि धान क्रय केंद्र समय से खुलें जिससे अधिक से अधिक किसानों से धान एमएसपी पर खरीद हो सके। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा है कि धान की खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें कि उत्तरप्रदेश में धान के सभी खरीदी केंद्रों में सुबह के 9 बजे से शाम को 5 बजे तक किसानों से उपज की खरीद की जाएगी। लेकिन जरूरत पडऩे पर जिले के जिला अधिकारी खरीद केंद्र खुलने तथा बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। वहीं खरीद केंद्रों पर रविवार तथा राज्य सरकार के तरफ से घोषित अवकाश को खरीदी नहीं की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि धान की खरीद करने वाली सभी संस्थाएं पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद करें। इसमें ढिलाई कतई न बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केंद्र समय से संचालित हों। किसानों को 72 घंटे के अंदर उनकी उपज का भुगतान कर दिया जाए। खरीद केंद्रों का नियमित समय पर संचालन हो इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम को अपने जिलों के खरीद केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि धान खरीद का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित कराएं जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को अनदेखी करने वालों की जवाबदेही तय करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में 4370 खरीद केंद्रों पर धान की खरीद की जा रही है। इसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी.एस.एफ.) के 1500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी.सी.यू.) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 200, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 200, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यू.पी.एस.एस.) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 खरीद केंद्र शामिल हैं।
लखनऊ संभाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर तथा संभाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में किसानों से धान की खरीद 1 अक्टूबर 2021 से शुरू की गई थी जो 31 जनवरी 2022 तक चलेगी। वहीं लखनऊ संभाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानुपर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मंडलों में 1 नवंबर 2021 धान की खरीद शुरू की गई थी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी।
फसल विपणन वर्ष 2021-22 में यूपी सरकार की ओर से 70 लाख टन मीट्रिक धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में धान खरीद शुरू होने के बाद से अब तक 1461 करोड़ 9 लाख रुपए की 7.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। 20 नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 6.125 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक 11 नवंबर तक देश में 231.36 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद हुई है। जिसमें से सबसे ज्यादा 165.18 लाख मिट्रिक टन की खरीद पंजाब में हुई है। जबकि हरियाणा में 53.38 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद हुई है। वहीं उत्तराखंड में 5.36 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद की गई है।
केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। यह मूल्य देश के सभी राज्यों के लिए एक सामान लागू होते हैं। इस वर्ष सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि ग्रेड-ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति निर्धारित किया गया है।
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