यूजर प्रोफाइल

नया उपयोगकर्ता

ट्रैक्टर जंक्शन से जुड़ें

पपीते की खेती बनी मुनाफे का सौदा, होगी लाखों की कमाई

प्रकाशित - 14 May 2024

जानें, पपीते की खेती का सही तरीका और इससे कितना हो सकता है लाभ

किसान कई प्रकार की फसलों की खेती करके आय बढ़ा रहे हैं। गेहूं, धान, चना, सरसों के अलावा सब्जियों की खेती करके किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इसी के साथ कई किसान फलों की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। गर्मी के मौसम में फलों की बाजार मांग काफी अच्छी रहती है। इसमें पपीता (papaya) एक ऐसा फल है जो साल के बारह महीने बाजार में मिलता है। इतना ही नहीं पीपते के भाव भी काफी अच्छे मिल जाते हैं। आमतौर पर पपीते का बाजार भाव 30 से 40 रुपए किलोग्राम होता है। यदि मांग अच्छी हो तो इससे भी अधिक भाव मिल जाते हैं। ऐसे में यदि किसान पपीते की खेती (papaya cultivation) करते हैं तो उन्हें इससे काफी बेहतर मुनाफा मिल सकता है। किसान पपीते की खेती करके प्रति हैक्टेयर 4 से 6 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं।

पपीते की खेती के लिए कैसे होनी चाहिए जलवायु व मिट्‌टी

पपीते की खेती (papaya cultivation) के लिए 10 से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा रहता है। पाला इसकी फसल के लिए ठीक नहीं होता है। ऐसे में पाले से इसकी फसल को बचाना जरूरी होता है। वहीं पपीते के बीजों में अंकुरण के लिए 35 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा होता है। सर्दी में रात्रि का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर इसके पौधे की बढ़ोतरी और फलोत्पादन पर विपरित असर पड़ता है। पपीते की खेती के लिए अच्छे जलनिकास वाली हल्की दोमट या दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। मिट्‌टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

पपीते की बुवाई का उचित समय

पपीते की खेती (papaya cultivation) पूरे साल की जा सकती है। इसकी कई ऐसी प्रजातियां है जिनकी बुवाई जून-जुलाई से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक की जा सकती है। इसके अलावा इसे फरवरी-मार्च में बोया जा सकता है।

पपीते की किस्में

पपीते की उन्नत किस्मों में बडवानी लाल, पीला, वाशिंगटन, मधुबिंदु, हनीड्यू, कुर्ग, को 1 व को 3 आदि है। वहीं संकर किस्मों में पूसा नन्हा, पूसा डेलिशियस, सी.ओ-7 पूसा मैजेस्टी, सूर्या आदि है। इसके अलावा यदि आप पपीते की खेती कच्चे फलों से पपेन प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं तो आपको इसकी किस्म सी. ओ-2, ए सी. ओ-5 और सी.ओ-7 लगानी चाहिए।

पपीते की खेती कैसे करें/पपीते की खेती का तरीका

पपीते की खेती (papaya cultivation) करने से पहले पपीते की पौध तैयार की जाती है ताकि जब पौधा बुवाई के लायक हो जाए तो इसे खेत में लगाया जा सके। पपीते की पौध तैयार करने के लिए आपको प्रति हैक्टेयर के अनुसार बीज की मात्रा लेनी होगी। यदि आप एक हैक्टेयर क्षेत्र में पपीते की खेती करते हैं तो आपको परंपरागत किस्मों के 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। वहीं उन्नत किस्म के लिए 300 ग्राम बीज की मात्रा पर्याप्त है। पपीते की पौध को क्यारियों और पॉलीथीन की थैलियों में तैयार किया जा सकता है। यदि आप क्यारियों में पपीते की पौध तैयार करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 3 मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी और 20 सेमी ऊंची क्यारियां तैयार करनी होगी। वहीं पालीथीन की थैलियों में पौध तैयार करने के लिए आपको 200 गेज मोटी 20 गुना 15 सेमी आकार की ऐसी थैलियां लेनी होगी जिसमें चारों तरफ एवं नीचे छेद किए गए हो। अब इस थैली में वर्मीकंपोस्ट, रेत, गोबर की खाद और मिट्‌टी को 1:1:1:1 के अनुपात में लेकर मिश्रण तैयार करके इसे भरना होगा। इसके बाद प्रत्येक थैली में एक से दो बीज बोएं। जब पौध रोपण के लिए तैयार हो जाए तो इसकी मूल खेत में बुवाई करें।

कैसे करें पपीते के पौधे का रोपण

खेत में पपीते के पौधों का रोपण करने से पहले खेत की मिट्‌टी पलटने वाले हल से जुताई करें। इसके बाद 2 से तीन बार कल्टीवेटर या हैरो से जुताई करें तथा खेत को समतल कर लें। अब इस तैयार खेत में 45X45X45 सेमी आकार के गड्‌ढे 2X2 मीटर (कतार से कतार व पौधे से पौधे) की दूरी पर तैयार करें। अब इसमें पहले से तैयार की गई पौध का रोपण करें।

पपीते के बीच में खाली जगह पर बो सकते हैं ये फसलें

पपीते के पौधों के बीच में काफी खाली जगह होती है। आप इस खाली जगह पर मेथी, पालक, मटर, चना, फ्रेंचबीन व सोयाबीन जैसी फसलों की खेती अंतवर्ती फसल के रूप में कर सकते हैं। इससे आप अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे पपीते के साथ टमाटर, भिंडी, मिर्च, बैंगन जैसी फसलों की खेती नहीं करनी चाहिए।

पीपते की खेती के लिए सरकार से मिलती है सब्सिडी

एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत बिहार सरकार की ओर से राज्य के किसानों को पपीते की खेती के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। योजना के तहत पपीते की लागत 60,000 रुपए प्रति हैक्टेयर निर्धारित की गई है जिस पर किसानों को 45,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की सब्सिडी (subsidy) दी जाती है।      

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टरमहिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

सर्टिफाइड पुराने ट्रैक्टर्स

महिंद्रा युवो टेक प्लस 575

47 एचपी | 2023 Model | उज्जैन, मध्यप्रदेश

₹ 6,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

स्वराज 855 एफई

48 एचपी | 2013 Model | हनुमानगढ़, राजस्थान

₹ 3,35,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

महिंद्रा 275 डीआई टी यू

39 एचपी | 2007 Model | पाली, राजस्थान

₹ 1,60,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सभी देखें