धान किसानों को मिलेगी 4,000 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी, यहां कराएं पंजीकरण

Share Product प्रकाशित - 01 Jul 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

धान किसानों को मिलेगी 4,000 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी, यहां कराएं पंजीकरण

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे किन किसानों को होगा लाभ

सरकार की ओर किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है जिनका उन्हें लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से धान किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी (subsidy) देने का फैसला किया है। खास बात यह है कि धान पर सब्सिडी का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जो धान की खेती पानी की बचत के साथ करेंगे। इसके लिए धान किसानों को धान की सीधी बुवाई यानी डीएसआर तकनीक (DSR technology) से धान की खेती (Paddy farming) करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य के जो किसान डीएसआर तकनीक से धान की खेती (Paddy cultivation using DSR technology) करने के इच्छुक है, वे इस धान सब्सिडी (paddy subsidy) के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से गिरते भू-जल स्तर के कारण प्रदेश में सिंचाई के लिए पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए डीएसआर तकनीक से धान की सीधी बुवाई (Direct sowing of paddy) के लिए जोर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं राज्य सरकार की ओर से डीएसआर मशीन (DSR machine) पर भी किसानों को सब्सिडी (subsidy) दी जाती है।

धान की सीधी बुवाई के लिए कितना रखा गया है लक्ष्य (What is the target set for direct sowing of paddy)

इस साल सिरसा जिले के लिए 85,000 एकड़ में धान की सीधी बुवाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे उपमंडलवार आवंटित किया गया है। राज्य के जो किसान डीएसआर तकनीक को अपनाकर धान की खेती करने के इच्छुक है, वे मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने कहा है कि धान की सीधी बिजाई तकनीक का उपयोग करके किसान घटते भूजल स्तर को बचाने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा इस तकनीक का इस्तेमाल करके भू-जल दोहन को कम किया जा सकता है।

किसानों के खाते में ट्रांसफर होगा सब्सिडी का पैसा

उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने कहा कि पारंपरिक तरीकों से धान की बुवाई करने पर पानी की खपत बढ़ जाती है जबकि धान की सीधी बिजाई तकनीक से पानी का उपयोग 20 प्रतिशत कम होता है। उपनिदेशक ने कहा कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि गांव स्तरीय समिति द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

अन्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

यदि आप राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है। राज्य सरकार के कृषि विभाग की ओर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal mera byaura portal) पर खरीफ फसलों का पंजीकरण शुरू हो गया है। यह पंजीकरण 10 जुलाई 2024 तक जारी रहेगा। ऐसे में राज्य के किसान हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। वहीं बिना पंजीकरण कराए राज्य के किसान अपनी फसल न्यूतनम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं बेच पाएंगे। इसलिए असुविधा से बचने के लिए किसान खरीफ सीजन 2024 (Kharif season 2024) के लिए अपना पंजीकरण पोर्टल पर कराकर विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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धान की सीधी बुवाई पर सब्सिडी पाने के लिए कैसे कराएं पंजीकरण (How to register to get subsidy on direct sowing of paddy)

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसलों का पंजीकरण कराने के लिए किसान के पास अपना परिवार पहचान कार्ड (family identity card) होना जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर (kisan toll free number)- 1800-180-2117 या संबंधित खंड कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। किसान अपनी खरीफ फसलों का पंजीकरण अपने गांव के कॉमन सर्विस सेंटर या अटल सेवा केंद्र अथवा अपने मोबाइल फोन से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं।

किसानों को डीएसआर मशीन पर भी मिलेगी सब्सिडी

यमुना नगर कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता विनित कुमार जैन के मुताबिक डीएसआर मशीन पर 40 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपए सब्सिडी दी जाएगी। जिले में कुल 25 डीएसआर मशीन देने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में जिन किसानों के पास स्वयं का ट्रैक्टर है और पिछले तीन सालों में कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ नहीं लिया हो, वे इसके लिए आवेदन करके डीएसआर मशीन पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जो किसान डीएसआर मशीन पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे विभागीय पोर्टल 
https://www.agriharyana.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी खंड कृषि अधिकारी कार्यालय या फोन नंबर 01732-298096 पर संपर्क कर सकते हैं।

कैसे की जाती है डीएसआर मशीन से धान की बुवाई (How is paddy sowing done with DSR machine)

डीएसआर मशीन से धान की खेती में धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती है। धान की डीएसआर तकनीक के माध्यम से धान के बीजों की सीधे खेत में बुवाई कर दी जाती है जिससे कम श्रम और कम खर्च में धान की बुवाई का काम पूरा हो जाता है। डीएसआर मशीन का पूरा नाम डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन है। डीएसआर तकनीक की सहायता से धान की बुवाई करने के लिए खेत का समतल होना जरूरी है। इस काम को किसान लैंड लेवलर मशीन की सहायता से पूरा कर सकते हैं। इसके बाद समतल किए गए खेत में डीएसआर मशीन द्वारा धान की बुवाई की जाती है। डीएसआर मशीन से खाद और बीज दोनों एक साथ गिरते हैं जिससे दोनों चीजों की एक साथ बुवाई हो जाती है। मशीन के साथ लगी दो अलग-अलग पाइप से खाद और बीज अलग-अलग गिरता है जिससे धान के बीजों की बुवाई की जाती है।

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