प्रकाशित - 12 Dec 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ने की खरीद की जा रही है। इस समय काफी संख्या में किसान अपना गन्ना चीनी मिलों पर पहुंचा रहे हैं। ऐसे में किसानों को सर्दी के मौसम में गन्ना चीनी मिलों तक पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए आयुक्त ने किसानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गन्ना किसानों के लिए निर्देश जारी किए हैं।
इन निर्देशों के तहत किसानों को अपने गन्ना ढुलाई में प्रयोग में होने वाले वाहनों में लाल व पीले रंगों के रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे में किसानों को अब चीनी मिलों तक अपना गन्ना विक्रय के लिए ले जाते समय लाल व पीली रिफ्लेक्टर पट्टी लगाना जरूरी होगा।
इस समय सर्दी का मौसम चल रहा है, इस दौरान कई जगह पर कोहरा छाया रहता है। इसके कारण सड़क पर वाहनों की दृश्यता कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में दुर्घटना की संभावना को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने वाहनों पर पीला व लाल रिफ्लेक्टर पट्टी को लगाना जरूरी कर दिया है। आयुक्त के अनुसार सड़कों के नियमित वाहनों पर रिफ्लेक्टर या पीला प्रकाश या बल्ब दूर से ही दिख जाता है, परंतु गन्ना किसानों की बग्गी, बैलगाड़ी, ट्रॉली आदि में प्राय: रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं या गन्ना लादने पर रिफ्लेक्टर ढक जाते हैं। इसके कारण वाहन गन्ना लेकर अपने क्रय केंद्रों या मिल गेट पर सड़क मार्ग से गुजरते हैं तो दूर से दिखाई नहीं पड़ते हैं जिससे तेज गति से चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है।
किसानों के वाहनों को संभावित दुर्घटनाओं से बचाने के लिए उनको ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के दोनों कोनों पर छह-छह इंच की लाल व पीले रंग की फ्लोरोसेंट पेंट तथा ट्रकों के अगले एवं पिछले बंपर पर लाल एवं पीले रंग की फ्लोरोसेंट पट्टियां एवं गन्ना ढुलाई के लिए इस्तेमाल होने वाली बग्गियों के पिछले भाग पर लोहे की पट्टी लगाते हुए उस पर लाल एवं पीले रंग के फ्लोरासेंट पेंट लगाना आवश्यक कर दिया गया है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे अपने-अपने जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों तथा चीनी मिल प्रबंधन के साथ समन्वय स्थापित करके गन्ना ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में रिफ्लेक्टर पट्टी लगाए जाने का अभियान चलाएं और यह कार्य सीजन के दौरान दो से तीन बार किया जाए ताकि पूरे सीजन इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगा रहे जिससे सड़कों पर यह आते-जाते यह वाहन दूर से ही दिखाई दे सके। यह कार्य सभी चीनी मिलें अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्य रूप से जरूरी करें।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि परीक्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसानों से चीनी मिल यार्ड में मुलाकात कर उन्हें अन्य विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करें। साथ ही उनसे फीडबैक भी लें ताकि किसानों को यदि कोई व्यावहारिक समस्या आ रही हो तो उसका शीघ्रता से समाधान किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में 2024 से पहले राज्य सरकार ने गन्ने के एसएपी में 20 रुपए की बढ़ोतरी की थी जिससे यूपी में अभी फिलहाल रिजेक्टेड प्रजाति के गन्ने का मूल्य 335 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि सामान्य व उन्नत प्रजाति के गन्ने का एसएपी 350 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से गन्ने का एफआरपी 340 रुपए निर्धारित किया गया है। बता दें कि यूपी में कुल 120 चीनी मिल हैं जिनमें से 93 चीनी मिले निजी क्षेत्र की हैं। वहीं 24 मिलें सहकारी क्षेत्र की और तीन मिलें प्रदेश राज्य चीनी निगम की हैं।
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