प्रकाशित - 30 Sep 2024
देश में किसानों की आय बढ़ाने और फसलोत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार के साथ कृषि वैज्ञानिक भी अपना योगदान दे रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों की ओर से गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, सरसों आदि कई ऐसी किस्में विकसित की गई है जो अधिक पैदावार देती हैं। इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली की ओर से सरसों की उन्नत किस्म “पूसा सरसों 32” विकसित की गई है। सरसों की यह किस्म सिंचित अवस्था और समय से बुआई के लिए बेहतर बताई जा रही है। सरसों किस्म, पूसा सरसों 32 को वर्ष 2021 में केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा किसानों के लिए जारी किया गया है।
सरसों की पूसा सरसों 32 किस्म (Pusa Mustard 32) को जोन- 2 के लिए जारी किया गया है। इसमें राजस्थान (उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र), दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्र शामिल है। इन क्षेत्रों के किसान सरसों की इस किस्म की खेती करके अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। पूसा सरसों 32 की इस किस्म की विशेषताएं इस प्रकार से हैं-
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल की ओर से हरे चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन मक्का (HQPM) की संकर किस्म एच.क्यू.पी.एम.-28 विकसित की है। यह मक्के की संकर किस्म है जो उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए उपयुक्त बताई जा रही है।
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