Published - 08 May 2020
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। केंद्र की मोदी सरकार सन् 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पशुपालन पर जोर दे रही है और आसान शर्तो पर लोन मुहैया करा रही है। बकरी और भेड़ पालन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों एवं पशुपालकों नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत सरकार अनुदान प्रदान कर रही है। जिसमें अलग-अलग योजना के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है। किसान भाइयों को आज बकरी व भेड़ पालन से संबंधी सरकारी योजना की जानकारी दी जा रही है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
भारत के पशुपालन में भेड़ और बकरी पालन अहम स्थान रखता है। यदि आप कम पैसों में कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए बकरी या भेड़ पालन का व्यवसाय फायदेमंद हो सकता है। ये काम ना सिर्फ आपको अच्छी पहचान दे सकता है बल्कि इसमें कमाई की संभावना भी है। भेड़ या बकरी पालन को कम जगह और कम लागत में शुरू किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बकरी या भेड़ पालन से लागत के मुकाबले आमदनी ज्यादा होती है। सरकार भी किसानों की इनकम और गांवों में रोजगार को बढ़ाने के लिए बकरी या भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है।
केंद्र सरकार के 'राष्ट्रीय पशुधन मिशन' के तहत बकरी पालन और भेड़ पालन को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन में बहुत सारी योजनाएं हैं, जिसमें अलग-अलग योजना के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत अलग-अलग राज्य सरकारों की सब्सिडी की मात्रा भी अलग-अलग होती है क्योंकि, यह केंद्र की योजना है लेकिन कई राज्य सरकारें इसमें अपनी तरफ से सब्सिडी में कुछ अंश को जोड़ देती है जिससे सब्सिडी की राशि बढ़ जाती है।
उत्तर प्रदेश में नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के अंतर्गत रूलर बैकयार्ड बकरी या भेड़ पालन की योजना चल रही है। इस योजना में 10 बकरी और 1 बकरा या फिर 10 भेड़ और 01 भेड़ा मुहैया कराया जाता है। भेड़ या बकरी पालन के लिए इच्छुक किसान को लागत का केवल 10 परेसंट ही देना होता है। राज्य के पशुपालन विभाग के मुताबिक, इस योजना की कुल लागत तकरीबन 66,000 रुपये है। इसमें किसानों को अपनी तरफ से केवल 6,600 रुपये ही देने होंगे। बची हुई अमाउंट को किसान के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय पशधुन मिशन में आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है। जो किसान भेड़ या बकरी पालन करना चाहता है वह इसके लिए एक एप्लीकेशन (आवेदन) लिखकर विकास खंड के पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जमा कर सकता है। पशु चिकित्सा अधिकारी अपने यहां आईं एप्लीकेशन में से कुछ एप्लीकेशन चुनता है। अब इन एप्लीकेशंस को जिला स्तरीय जिला पशुधन मिशन समिति के पास भेजा जाता है। आखिरी चयन यही समिति करती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन की पूरी जानकारी के लिए आप सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट http://www.dahd.nic.in/about-us/divisions/national-livestock-mission पर विजिट कर सकते है।
सभी कंपनियों के ट्रैक्टरों के मॉडल, पुराने ट्रैक्टरों की री-सेल, ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन, कृषि के आधुनिक उपकरण एवं सरकारी योजनाओं के नवीनतम अपडेट के लिए ट्रैक्टर जंक्शन वेबसाइट से जुड़े और जागरूक किसान बने रहें।
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