Published - 22 Feb 2020
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करते हैं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती की। इन दिनों उद्यानिकी विभाग का फोकस क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती पर है। इसका लाभ देने के लिए किसानों से समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। मध्यप्रदेश में क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती की आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है जो लक्ष्य पूर्ति तक जारी रहेगी।
केंद्र की मोदी सरकार उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी योजनाएं संचालित कर रही है। किसानों को इसका लाभ देने के लिए समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। फरवरी 2020 में एक बार फिर मध्यप्रदेश उद्यानकी विभाग ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आवेदन मांगे है। इस बार आवेदन ऑनलाइन न होकर ऑफलाइन है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती के विभिन्न घटकों के लिए मध्यप्रदेश के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं।
मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत क्लस्टर आधरित संरक्षित खेती के घटक ग्रीन हाउस ढांचा (ट्यूबलर स्ट्रक्चर) व शेड नेट हाउस (टयूब्लर स्ट्रक्चर) के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना में किसान जरबेरा, उच्च कोटि की सब्जियों की खेती पाली हाउस/शेड नेट हाउस में करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही किसान ग्रीन हाउस ढांचा (ट्यूबलर स्ट्रक्चर) 2080 से 4000 वर्ग मीटर तक में संरक्षित खेती करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है।
मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत पुष्प क्षेत्र विस्तार के अंतर्गत खुले फूल तथा काजू क्षेत्र विस्तार के अंतर्गत काजू सामान्य दूरी (7 मीटर x 7 मीटर) के लिए आवेदन मांगा है।
क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती योजना की विभिन्न घटक योजनाओं के लिए अलग-अलग जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अलग-अलग घटक योजना के लिए अलग-अलग वर्ग के िकसान आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना में भोपाल, सीहोर, खंडवा, शाजापुर, इंदौर व बैतूल जिले के सामान्य वर्ग के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। वहीं देवास जिले में सभी वर्ग के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं।
इस योजना के लिए छिंदवाड़ा जिले के सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के लिए छिंदवाड़ा जिले के सामान्य वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के लिए छिंदवाड़ा जिले के सामान्य वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा अलीराजपुर जिले के अनुसूचित जनजाति के किसान आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना में मध्यप्रदेश में फूलों की खेती करने के लिए छोटे तथा मझोले किसान आवेदन कर सकते हैं। छतरपुर और टीकमगढ़ जिले के सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं।
काजू क्षेत्र विस्तार योजना के तहत काजू सामान्य दूरी (7 मीटर x 7 मीटर) ड्रिप रहित योजना के लिए मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट तथा सिवनी जिलों के सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं। वहीं मंडला तथा डिंडोरी जिलों के सामान्य एवं अनुसूचित जनजाति के किसान आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत किसानों को प्रथम वर्ष 40 प्रतिशत 20,000 प्रति हेक्टेयर एवं द्वितीय वर्ष 75 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है यदि फसल बची रहे तो।
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती के लिए आवेदन शुरू हो चुका है। जो लक्ष्य की पूर्ति तक चलेगा। आवेदन 19 फरवरी से शुरू हो गया है। किसानों से आवेदन लक्ष्य से दस प्रतिशत अधिक लिया जाएगा।
इस योजना में अब तक आवेदन ऑनलाइन होता था। इस बार कलस्टर आधारित संरक्षित खेती के लिए आवेदन ऑफलाइन मांगे गए हैं। वर्तमान में संचालनालय के निर्देश के अनुसार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के घटकों में आवेदन जिला उप/सहायक स्तर पर लिए जाएंगे न की कृषक स्तर से। इसलिए आवेदक आवेदन के लिए संबंधित जिला कार्यालय उद्यानिकी पर संपर्क करें।
किसान अधिक जानकार के लिए https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर संपर्क कर सकता है।
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